Winter Pain Old Injury : सर्दियों का मौसम आते ही कई लोगों के पुराने चोट या दर्द फिर से उभरने लगते हैं। भले ही चोट लगे हुए महीनों या साल बीत चुके हों पर जब यह दर्द उभरता है तो बहुत तकलीफदायक होता है। यह सिर्फ एक संयोग नहीं है बल्कि इसके पीछे कुछ स्पष्ट शारीरिक और पर्यावरणीय कारण हैं।
Health Tips: सर्दियों में क्यों उभरने लगती है पुरानी चोट? ये हैं इसके पीछे के मूल कारण
Winter Joint Pain: अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि सर्दियों में पुराने दर्द उभरने लगते हैं, कुछ मामलों में तो वर्षों पुराना दर्द भी उभरने लगता है। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं कि ऐसा होने के पीछे का मूल कारण क्या है?
वायुमंडलीय दबाव में गिरावट
सर्दियों में विशेष रूप से जब मौसम बदलने वाला होता है या बर्फबारी होती है, तो वायुमंडलीय दबाव कम जाता है। यह कम दबाव जोड़ों के अंदर के तरल पदार्थों को फैलने की अनुमति देता है। इस फैलाव के कारण जोड़ और उनके आसपास के ऊतक सूज जाते हैं, जिससे नसों पर दबाव पड़ता है और पुरानी चोट वाली जगह पर दर्द महसूस होने लगता है।
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रक्त वाहिकाओं का संकुचन और अकड़न
ठंड के संपर्क में आने पर शरीर अपनी गर्मी बनाए रखने के लिए रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है। इससे चोटिल क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। कम ब्लड फ्लो के कारण वह क्षेत्र ठीक से गर्म नहीं हो पाता, और मांसपेशियां तथा लिगामेंट्स अकड़ जाते हैं। यह अकड़न पुरानी चोटों में दर्द को बढ़ा देती है।
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शारीरिक गतिविधि और विटामिन D की कमी
ठंड के कारण लोग शारीरिक गतिविधि कम कर देते हैं और घर के अंदर ही रहते हैं। गतिहीनता से मांसपेशियां कमजोर होती हैं और लचीलापन घटता है, जिससे जोड़ों पर तनाव बढ़ता है। साथ ही सूर्य के प्रकाश की कमी के कारण विटामिन D की कमी हो जाती है, जो हड्डियों और आपकी इम्यूनिटी के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन D की कमी से भी दर्द और सूजन बढ़ सकती है।
ठंडा मौसम हमारे तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ठंडे तापमान में दर्द की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। इसका मतलब है कि वही दर्द जो गर्मी में मामूली महसूस होता था, वह ठंड में अधिक तीव्र और असहनीय लग सकता है।
बचाव के उपाय
सर्दियों में पुरानी चोटों के दर्द से बचाव के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले शरीर को गर्म रखें और चोटिल हिस्से को ठंडी हवा से बचाएं। इसके लिए गर्म कपड़े पहनें। नियमित रूप से हल्का व्यायाम (जैसे स्ट्रेचिंग और इनडोर वॉक) करते रहें ताकि ब्लड सर्कुलेशन बना रहे और मांसपेशियां अकड़ें नहीं।
ठंड के कारण शारीरिक गतिविधि पूरी तरह से न रोकें। योग या फिजियोथेरेपी की सलाह लेते रहें। शरीर में विटामिन D के स्तर को बनाए रखने के लिए डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स लें, क्योंकि यह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। पर्याप्त पानी पीते रहें (हाइड्रेशन), क्योंकि डिहाइड्रेशन भी दर्द को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, दर्द वाली जगह पर गरम पानी की सिकाई करना मांसपेशियों को आराम देने में बहुत सहायक होता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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