Independence Day 2022: भारत की आजादी का जश्न देशवासी धूमधाम से मना रहे हैं। 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से आजाद हो गया था। देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराना आसान नहीं था। इस स्वतंत्रता के लिए देश के कई वीर सपूतों ने अपनी जान हंसते हंसते गवां दी। कई आंदोलनों को अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए चलाया गया, जिसमें राष्ट्र का बच्चा, बूढ़ा और औरतें भी शामिल हुईं। उसके बाद जब ब्रिटिश हुकूमत ने भारत सरकार को अस्तित्व में आने की मंजूरी देते हुए अपने देश लौटने का फैसला किया तो हर भारतीय ने अपने लक्ष्य को पा लिया। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत आजाद हुआ। लाल किले से तिरंगा फहराकर देश ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया। इसके बाद से हर साल लाल किले से प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। इसके अलावा 15 अगस्त को सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों, स्कूलों में भी ध्वजारोहण किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ध्वजारोहण करने का सही तरीका और नियम क्या है? ध्वजारोहण कैसे किया जाता है? आइए जानते हैं 15 अगस्त पर ध्वजारोहण के नियम कानून के बारे में।
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राष्ट्रीय ध्वज
- फोटो : Pixabay
कैसा है भारत का राष्ट्रीय ध्वज?
भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों का है। इसे तिरंगा कहते हैं। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत और सबसे नीचे हरा रंग होता है। श्वेत रंग पर नीले रंग का अशोक चक्र का चिन्ह होता है। अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के निर्माता पिंगली वेंकैया थे।
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ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में अंतर
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ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में अंतर
सबसे पहले तो आपको ये पता होना चाहिए कि 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है। ध्वजारोहण और झंडा फहराने के बीच एक बड़ा अंतर है। जब तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं। लेकिन 26 जनवरी में तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं।
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तिरंगे को आधा नहीं फहराना चाहिए
- फोटो : Social Media
ध्वजारोहण के नियम कानून
- भारतीय झंडा हाथ से काते गए, हाथ से बुने गए ऊनी/ सूती/ सिल्क या खादी के कपड़े से बना होना चाहिए। झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 ही होना चाहिए।
- ध्वजारोहण करते समय झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराना चाहिए। बिना आदेश तिरंगे को आधा नहीं फहराया जा सकता।
- किसी को सलामी देने के लिए तिरंगे को झुकाया नहीं जा सकता।
- राष्ट्रीय ध्वज में किसी तरह की तस्वीर, पेंटिंग या फोटोग्राफ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
- फटा हुआ और मैला झंडा प्रदर्शित नहीं कर सकते। ध्वज के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए नहीं किया जा सकता है।
- कागज के झंडे का चलन है लेकिन इस तरह के झंडे बाद में लोग फेंक देते हैं, ये पैरों के नीचे या कूड़े के ढेर में दिखाई देते हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है।कागज का तिरंगा उपयोग कर रहे हैं तो बाद में उसे मर्यादित तरीके से एकांत में रख दें।
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तिरंगा फहराने का सही समय
- फोटो : screengrab from twitter@BCCI
तिरंगा फहराने का सही समय
राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का एक समय होता है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही ध्वजारोहण कर सकते हैं। सूर्यास्त यानी शाम होने के बाद तिरंगे को उतार देना चाहिए। तिरंगे को हमेशा ऐसी जगह फहराएं, जहां से वह स्पष्ट दिखाई दे सके।