Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म के बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। नवरात्रि का पर्व बहुत ही उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। नौ दिनों तो देवी की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में आदिशक्ति की आराधना का बड़ा महत्व है। माता को जगत जननी, शक्ति का प्रतीक, धन और सुख समृद्धि का स्वरूप माना जाता है। इसलिए नवरात्रि में कन्या पूजन भी किया जाता है। मान्यता है कि जिस घर में देवी पूजा होती है, वहां हमेशा खुशहाली बनी रहती है लेकिन नवदुर्गा की पूजा मात्र से घर में सुख शांति और समृद्धि नहीं आती। देवी के सारे स्वरूप हमारे आसपास की महिलाओं में मिल जाएंगे। मां, बहन, पत्नी, बेटी का स्वरूप माना जाता है। केवल कन्याएं नहीं ही, घर की सभी महिलाएं देवी का प्रतीक हैं। उनका सम्मान करना, नवदुर्गा की पूजा करने जैसा ही है। ऐसे में इस नवरात्रि से अपने जीवन और आसपास की हर महिला का सम्मान करना शुरू करें। उन्हें नवरात्रि के मौके पर खास महसूस कराएं। चलिए जानते हैं नवरात्रि में महिलाओं को कैसे महसूस कराएं खास।
Navratri 2022: नवरात्रि में कन्या पूजन ही नहीं, महिलाओं का करें सम्मान, अपनाएं ये आचरण
 
             
            नवरात्रि को महिलाओं के लिए बनाएं इस तरह खास
                
        
                                
        
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        मां को दें वक्त
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        एक स्त्री मकान को घर बनाती है। जैसे देवी मां अपने हर भक्त की रक्षा करती हैं, उनकी मनोकामना पूरी करती हैं, वैसे ही आपकी माता भी आपके स्वास्थ्य, सुख  और उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं। आपका बहुत ही प्रेम से लालन पालन करती हैं। बड़े होने के बाद कामकाज और अपने बीवी-बच्चों में व्यस्तता के चलते अक्सर लोग अपनी मां पर ध्यान नहीं दे पाते। लेकिन इस नवरात्रि उनके साथ वक्त बिताएं। उन्हें तोहफा देकर सरप्राइज करें और अपनी मां को महसूस कराएं कि वह आपके लिए बहुत खास हैं।
 
            बहन को दें आजादी
                
        
                                
        
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        बहन घर की उत्साह होती हैं। जिस घर में बहन और बेटी होती हैं, उसमें खुशियां, चहल पहल और खुशियां होती हैं। वह घर की रंगोली या अल्पना से कम नहीं होती हैं। अक्सर लोग बहन-बेटी की सुरक्षा के लिए उस पर रोक टोक लगाते हैं। बेटों को वो करने देते हैं जो वह चाहते हैं लेकिन बेटियों को हमेशा माता पिता, भाई और पति की मनमर्जी के मुताबिक ही रहने की उम्मीद की जाती है। उनकी शिक्षा से लेकर कपड़ों के चयन, दोस्तों से लेकर बाहर आने जाने के समय तक के लिए अनुमति पर निर्भर रहना पड़ता है। इसलिए घर की बहन बेटी को अपनी मर्जी से जीने की आजादी दें। सुरक्षा की चिंता है तो उन्हें सेल्फ डिफेंस की क्लास ज्वाइन कराएं।
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        Happy Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि पर हर दिन प्रियजनों को भेजें माता रानी के ये ट्रेंडिंग वॉलपेपर
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
         
 
            पत्नी का सम्मान
                
        
                                
        
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        एक महिला अपने माता पिता का घर और अपनी पिछली जिंदगी छोड़कर पति का हाथ थाम ससुराल आ जाती है और पति के परिवार को ही अपना परिवार मान लेती है। लेकिन अधिकतर महिलाओं को जो सम्मान और हक अपने मायके में मिलता है, वह ससुराल में नहीं मिल पाता। पत्नी माता अन्नपूर्णा का स्वरूप होती हैं। वह घर की लक्ष्मी मानी जाती है। ऐसे में पत्नी और बहु का सम्मान भी माता लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा की तरह ही करें। उन्हें महसूस कराएं कि उनका ससुराल और घर के हर सदस्य पर हक है। वह उसी तरह खुलकर ससुराल में भी रह सकती हैं, जैसे वह अपने माता पिता के घर पर रहती थीं।
 
            बेटी को दें शिक्षा
                
        
                                
        
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        माना जाता है कि बेटे वंश आगे बढ़ाते हैं। उनके उज्ज्वल भविष्य पर ही पूरे परिवार की खुशहाली निर्भर है। इस सोच में वह अक्सर घर की बेटियों के ख्वाबों को अनदेखा कर देते हैं। बेटे को तो मन मुताबिक पढ़ने का मौका दिया जाता है लेकिन बेटियों की शिक्षा पर अधिक ध्यान नहीं देते। कई लोगों का मानना होता है कि लड़कियों को भविष्य में परिवार ही संभालना है, इसलिए ज्यादा पढ़ाई लिखाई की क्या जरूरत। लेकिन बेटी भी आपके ही परिवार का हिस्सा है। बेटी दो परिवारों को संभालती है। इसलिए उनकी शिक्षा और सपनों को पूरा करना परिवार का सबसे बड़ा कर्तव्य होना चाहिए। इसलिए बेटियों को उनके सपने देखने दें और उन्हें पूरे करने दें।
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
         
