सर्दियों के मौसम में बहुत से लोग घूमने जाते हैं। ऐसे में हर किसी का मन करने लगता है कहीं सैर का। अगर आप भी कहीं घूमने का प्लान बना रहें है तो महाराष्ट्र में बनी इस खूबसूरत जगह की सैर पर जाएं। यहां पहुंचकर न केवल एक से बढ़कर एक नजारे देखने को मिलेंगे बल्कि ये जगह भारत की अद्भुत विरासत के रूप में भी जानी जाती है। जिसको देखे बिना आपकी ट्रैवेल डायरी अधूरी रह जाएगी। तो चलिए जानें इस खूबसूरत जगह के बारे में।
इन गुफाओं में बसती हैं अनेक दंत कथाएं, यहां की सैर के बिना ट्रैवेल डायरी रह जाएगी अधूरी
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में बनी है अजंता एलोरा की गुफाएं। अजंता और एलोरा की गुफाएं दो अलग-अलग गुफाएं है जो एक दूसरे से करीब सौ किमी की दूरी पर बनी है। लेकिन अपनी खासियत के कारण इन दोनों का नाम साथ में लिया जाता है। यूनेस्को की लिस्ट में विश्व विरासत का दर्जा पाने वाली ये जगह बेहद अनोखी है। तो चलिए जानें इन गुफाओं के बारे में।
अजंता में करीब तीस गुफाएं बनी हुईं है। इन गुफाओं में भगवान बुद्ध के जीवन के सुने-अनसुने किस्सों के चित्र, मूर्तियां बने हुए हैं। ये गुफाएं करीब 800 साल पुरानी है और इन्हें देखने पर अलग ही एहसास होता है। हर गुफा अपने आप में भगवान बुद्ध के जीवन की कहानी कहती है।
एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद से करीब तीस किमी दूरी पर बनी हुई हैं। इनमें करीब 34 गुफाएं हैं जो बेसाल्टिक पहाड़ी के किनारे बनी हुई हैं। इन गुफाओं में से 12 गुफाएं बौद्ध धर्म, 17 गुफाएं हिंदू धर्म और पांच गुफाएं जैन धर्म पर बनी हुई हैं। इन गुफाओं को देखने पर बहुत ही गर्व का अनुभव होता है कि ये अद्भुत गुफाएं हमारे देश का इतिहास हैं। अगर आपको कुछ अद्भुत और अनूठा देखने का शौक है तो एक बार इन गुफाओं की सैर करने जरूर जाएं।
अजंता और एलोरा की गुफाएं पूरी दुनिया में मशहूर है इसलिए इनको देखने के लिए किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। अजंता और एलोरा तक पहुंचने के लिए औरंगाबाद सबसे नजदीक का रेलवे और बस स्टेशन है। यहां से अजंता की दूरी करीब सौ किमी और एलोरा की दूरी तीस किमी है। औरंगाबाद तक पहुंचने के लिए मुंबई और पूना से बहुत सी ट्रेन चलती हैं।