World Asthma Day 2025: अस्थमा दीर्घकालीन श्वसन रोग है, जो शरीर के वायुमार्ग प्रभावित करता है। इसके कारण सांस लेने में समस्या हो सकती है। अस्थमा के रोगियों के वायुमार्ग बेहद संवेदनशील होते हैं और गर्मी-सर्दी जैसे माहौल में इनमें सूजन की समस्या बढ़ जाती है। अस्थमा के कारण सांस लेते समय खांसी-घरघराहट और सीने में जकड़न जैसी दिक्कत होने लगती है। श्वसन रोग विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है उन्हें निरंतर इसके जोखिम कारकों से बचाव करते रहने के लिए उपाय करते रहना चाहिए।
अस्थमा के लक्षण
अस्थमा के लक्षण
- सांस लेने में तकलीफ
- बार-बार खांसी आना
- छाती में जकड़न
- सांस लेने के दौरान सीटी जैसी आवाज
- जल्दी थकान महसूस होना
अगर इन लक्षणों की अनदेखी की जाए या सही इलाज न हो तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।
योग न केवल फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है, बल्कि श्वसन तंत्र की मजबूती, तनाव में कमी और प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करता है। योग अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकता है। नियमित सही तरीके से किए गए योगासनों से फेफड़ों की शक्ति बढ़ती है। योग श्वसन मार्गों की सफाई में मदद करता है। तनाव और चिंता कम करता है। योग से सांस लेने की तकनीक में सुधार होता है। इम्यूनिटी मजबूत होती है। आइए जानते हैं अस्थमा मरीजों के लिए प्रभावी योगासनों के बारे में।
योग न केवल फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है, बल्कि श्वसन तंत्र की मजबूती, तनाव में कमी और प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करता है। योग अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकता है। नियमित सही तरीके से किए गए योगासनों से फेफड़ों की शक्ति बढ़ती है। योग श्वसन मार्गों की सफाई में मदद करता है। तनाव और चिंता कम करता है। योग से सांस लेने की तकनीक में सुधार होता है। इम्यूनिटी मजबूत होती है। आइए जानते हैं अस्थमा मरीजों के लिए प्रभावी योगासनों के बारे में।