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MP News: कांग्रेस का दावा- खंडवा ने AI-तस्वीरों से जीता राष्ट्रीय जल पुरस्कार, प्रशासन ने किया खंडन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 30 Dec 2025 03:05 PM IST
सार

खंडवा को मिले राष्ट्रीय जल पुरस्कार को लेकर सियासी विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुरस्कार जीतने में AI से बनी तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया, जबकि जिला प्रशासन ने इन दावों को पूरी तरह खारिज किया है।

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MP News: Congress claims Khandwa won the National Water Award using AI-generated images; the administration de
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी - फोटो : अमर उजाला
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले को छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के लिए मिले 2 करोड़ के सम्मान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन ने पुरस्कार जीतने के लिए AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से बनाई गई तस्वीरों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया, लेकिन प्रशासन ने इन आरोपों को बिना आधार वाला बताया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया कि जहां भाजपा सरकार को हमारे बच्चों को एआई का सदुपयोग सिखाना चाहिए, वहीं वह खुद एआई से भ्रष्टाचार कर रही हैं। खड़वा में भाजपा सरकार के अधिकारियों ने जल संरक्षण के नाम पर दो फीट के गड्ढों को एआई से कुआं बना दिया और पूरे क्षेत्र में तरह तरह के विकास कार्यों की एआई से बनाई गई तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड कर दीं। इन्हीं तस्वीरों के आधार पर राष्ट्रपति से पुरस्कार भी ले लिया गया। जब जमीनी हकीकत सामने आई, तो वहां खेत और खाली मैदान निकले। साफ है कि यह जल संरक्षण नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी से बनाई गई तस्वीरों का खेल था। भाजपा राज में भ्रष्टाचार भी स्मार्ट हो गया है। 


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राष्ट्रपति से पुरस्कार लेते खंडवा कलेक्टर और सीईओ - फोटो : अमर उजाला
वहीं, कांग्रेस के आरोपों पर जिला प्रशासन की तरफ से खारिज कर दिया। खंडवा जिला पंचायत मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नागार्जुन बी. गौड़ा ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि AI-जनित तस्वीरों का राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि ‘जल संचय, जन भागीदारी’ अभियान के तहत कुल  1,29,046 वास्तविक जल संरक्षण कार्यों की सत्यापित फोटो जेएसजेबी पोर्टल पर अपलोड की गईं, जिन्हें केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने जांचा और यादृच्छिक निरीक्षण भी किया।  

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इसके अतिरिक्त, कैच द रेन (CTR) नामक एक अन्य पोर्टल है, जिस पर सामान्यतः जल संरक्षण से संबंधित आईईसी फ़ोटो केवल शैक्षणिक एवं प्रेरणात्मक उद्देश्य से अपलोड की जाती हैं। जिला प्रशासन के संज्ञान में यह बात आई है कि "कैच द रेन" पोर्टल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से तैयार कर 21 फोटो अपलोड की गई थीं, संभवतः दुर्भावनापूर्ण इरादों से। उन्होंने बताया कि उन फोटो को अपलोड करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कैच द रेन पोर्टल,  "जल संचय जन भागीदारी"  पोर्टल से पूरी तरह अलग है, और कैच द रेन पोर्टल पर अपलोड की गई शैक्षणिक फोटो को जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार के लिए विचार में नहीं लिया जाता है।। बता दें  खंडवा जिले को नई दिल्ली में आयोजित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में ‘जल संचय, जन भागीदारी’ अभियान के तहत देशभर में बेहतर जल संरक्षण कार्य के लिए प्रथम स्थान मिला था, जबकि कावेश्वर ग्राम पंचायत को सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत श्रेणी में दूसरा पुरस्कार भी दिया गया था।  
  
 
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