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Modi in Bhopal: नारीशक्ति पर केंद्रित रहा PM मोदी का कार्यक्रम, 15 पाइंट में समझें कैसे मिली उन्हें प्राथमिकता

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल/इंदौर Published by: दिनेश शर्मा Updated Sat, 31 May 2025 08:28 PM IST
सार

मध्य प्रदेश के भोपाल में पीएम नरेंद्र मोदी ने महिला सम्मेलन को संबोधित किया। यह आयोजन महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया और सशक्त संदेश दे गया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये पहला मौका था, जब पीएम मोदी ने महिलाओं को संबोधित किया। पूरा कार्यक्रम महिलाओं के ईर्द-गिर्द रहा। आइए समझते हैं कि कैसे नारीशक्ति को प्राथमिकता में रही। 

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PM Narendra Modi's program was focused on women empowerment, understand in 15 points how they got priority
मध्य प्रदेश में आयोजित पीएम मोदी का कार्यक्रम महिला केंद्रित रहा। - फोटो : अमर उजाला
भोपाल में पीएम मोदी ने महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में देवी अहिल्याबाई के आदर्शों पर आधारित नारीशक्ति को सम्मानित किया। महिला मंत्री, कलाकार, पायलट, सुरक्षाकर्मी और आम महिलाएं मंच पर रहीं। इंदौर मेट्रो, सिक्का और डाक टिकट सहित अनेक योजनाएं महिलाओं को समर्पित रहीं। समारोह में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही।


1. पीएम मोदी का भाषण
सबसे पहले बात करें तो पीएम मोदी का भाषण महिलाओं पर केंद्रित रहा। देवी अहिल्या के रीति-नीति बताते हुए मोदी ने देश की सुरक्षा से लेकर हर क्षेत्र में बेटियों के आगे बढ़ने की बात कही। महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र किया। ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों पर हमले पर श्रेय भी नारीशक्ति से जोड़ा गया। पढ़ें पूरी खबर

2. देवी अहिल्या को लेकर क्या बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने देवी अहिल्या के शासन की तर्ज पर वर्तमान सरकार के कामकाज की बात कही। उन्होंने देवी अहिल्या की कुरीतियों से लड़ने, किसानों के हित, गरीबों-वंचितों के लिए योजनाएं बनाने की बात को प्राथमिकता से उठाया। पीएम मोदी ने कहा कि देवी ने सरकार चलाने के लिए यानी गवर्नेंस का ऐसा मॉडल बनाया जिसमें गरीबों-वंचितों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कुटीर उद्योग और हस्त कला को प्रोत्साहित किया। देवी अहिल्या ने 250 साल से पहले हमें जल संरक्षण का काम बताया था। हम अब कह रहे है कि बारिश की एक-एक बूंद को बचाएं। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कपास की खेती को महत्व दिया था। वो कृषि डायर्वसिटी की बात करती थीं। पढ़ें पूरी खबर



3. मंच पर महिला मंत्री
भोपाल में आयोजित कार्यक्रम देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में पीएम मोदी के मंच पर भी अपेक्षाकृत ज्यादा महिलाओं को जगह दी गई। मंच पर पीएम मोदी के साथ सात नारी शक्तियों को मिली जगह। इसमें पांच राज्य मंत्री संपतिया उईके, निर्मला भूरिया, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह और कृष्णा गौर थी। वहीं, एक केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर और भोपाल की महापौर मालती राय मौजूद थीं।

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4. मंच पर चार महिलाओं ने किया पीएम मोदी का स्वागत
भोपाल में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में चार महिलाओं ने प्रधानमंत्री को पुष्पगुच्छ और विशिष्ट उपहार देकर सम्मानित किया। जिससे यह संदेश गया कि महिलाएं हर क्षेत्र में बराबरी से कार्य कर रही हैं। इन चारों महिलाओं ने प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत बातचीत की और हाथ जोड़कर उनका अभिवादन स्वीकार किया। इनमें ज्ञानेश्वरी देवी, प्राची यादव, सरपंच आरती पटेल, मीनाक्षी ठाकले शामिल थीं। 

 
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ड्रोन दीदी से बात करते प्रधानमंत्री - फोटो : अमर उजाला
5. ड्रोन दीदी से मिले पीएम मोदी
खंडवा जिले के एक छोटे से गांव रेवापुर हरसूद की रहने वाली कविता चौहान को प्रधानमंत्री ने सम्मानित किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने उनसे सवा 5 मिनट संवाद किया। प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप कितना कमा लेती हो? उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि मैं अभी तक किसानों की 2000 से ज्यादा एकड़ जमीन पर कीटनाशक दवाओं का स्प्रे कर चुकी हूं, जिससे 8 से 10 महीने में 6 लाख से ज्यादा की कमाई हो चुकी है। नमो ड्रोन दीदी ने बताया कि मैं किसानों के खेतों में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के साथ कीटनाशक दावों का भी छिड़काव करती हूं। इफ्को कंपनी के नैनो यूरिया और डीएपी के स्प्रे का काम कर चुकी हूं। पढ़ें पूरी खबर

6. कुंडा गांव बस्तर की गोंडी साहित्य सृजन करने वाली महिला को सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर की जनजाति महिला कलाकार डॉ. जयमति कश्यप को राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई सम्मान 2024 से सम्मानित किया। उन्होंने अमर उजाला से बात करते हुए बताया कि उन्हें कल ही पता चला कि उन्हें सम्मान मिलने वाला है तो उनको विश्वास ही नहीं हुआ कि मैं भी इतनी अच्छी हो सकती हूं कि प्रधानमंत्री मुझे सम्मानित करेंगे। डॉ. जयमति कश्यप छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की एक प्रसिद्ध जनजातीय महिला कलाकार हैं। बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक और जनजातीय कला को बढ़ावा देने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने स्थानीय कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। पढ़ें पूरी खबर



7. महिला सुरक्षा अधिकारी
पीएम मोदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश कैडर की वरिष्ठ व तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी सोनाली मिश्रा को मिली। देश की सीमाओं पर अपनी सूझबूझ और सख्त निगरानी के लिए जानी जाने वाली सोनाली मिश्रा ने पीएम की सुरक्षा की अगुवाई की। एडीजी सोनाली मिश्रा ने अमर उजाला से बातचीत में कहा था कि सभी अधिकारी ड्यूटी पर लगे हैं। हमें पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिलने पर कहा कि हमें जो भी ड्यूटी मिलती है, उसको अनुशासनित और ईमानदारी के साथ निभाते हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें यह अवसर मिला। पीएम मोदी की स्वास्थ्य की जिम्मेदारी दो महिला डॉक्टरों, डॉ. पूनम श्रीवास्तव और डॉ. रचना मिश्रा को सौंपी गई है। दोनों पीएम की सेहत पर नजर रखेंगी और आपातकालीन सहायता देंगी। 

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8. महिलाओं ने गाया गाया
देवी अहिल्याबाई होल्कर की तरह मराठी पहनावे में पहुंची युवती ने अपने हाथ में शिवलिंग रखा था और माथे में चंदन लगाया था वहीं, कार्यक्रम में सिंदूरी साड़ी में पहुंची महिलाओं ने मोदी को लेकर गीत गाए। इन महिलाओं का कहना था कि पीएम ने सिंदूर की रक्षा की है। इसलिए उनके सम्मान में गाना गा रहे हैं।  महिलाओं ने कहा कि जैसे भाई अपने बहन की रक्षा करता है वैसे पीएम मोदी ने हमारी रक्षा की है। पीएम मोदी ने बता दिया है कि आज बहनों का भाई है। महिला आरक्षण के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद देते हैं।

9. महिलाएं आईं सिंदूरी साड़ी में
कार्यक्रम में सिंदूरी साड़ी पहनकर आने वाली महिलाओं ने कहा कि नारी भी एक शक्ति है और सिंदूर भी एक शक्ति है। हनुमान जी को भी सिंदूर चढ़ता है। पाकिस्तान ने आतंकी हमला किया। इसके बाद हमारी दो बहनों यानि शक्ति ने पाकिस्तान को सबक सिखाया। ऑपरेशन सिंदूर सफल हुआ है इसलिए हम लोग सिंदूरी साड़ी पहनकर यहां आए हैं। हम लोग पीएम मोदी के सम्मान में आए हैं।8वीं की छात्रा देवी अहिल्या बनकर कार्यक्रम में पहुंची थी। उसने कहा कि उसे आकर यहां पर प्रेरणा मिली है कि महिलाओं को पढ़ना चाहिए। इसी से वो आगे बढ़ सकती हैं। 



10 सतना में महिला पायलट ने भरी उड़ान
पीएम मोदी ने सतना और दतिया में एयरपोर्ट का लोकार्पण भी किया। दोनों जगह से उड़ान भरने वाली पहली फ्लाइट में महिलाओं को यात्रा कराई गई। सतना में फ्लाइट उड़ाने वाली पायलट कैप्टन मोहिंदर कौर ने बताया कि आदिवासी महिलाओं के साथ उड़ान भरने से गर्व महसूस हुआ। महिलाओं ने उड़ान भरते समय गीत गाए। साथ ही भारत माता और पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए जयकारे लगाए। दतिया में सात महिलाओं को खजुराहो ले जाया गया। सभी महिलाओं ने इस सम्मानभरी उड़ान के लिए मोदी सरकार का आभार व्यक्त किया। पढ़ें पूरी खबर

 
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इंदौर में शुरू हुई मेट्रो ट्रेन में खुश महिलाएं। फोटो- जयेश मालवीय - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
11. इंदौर में मेट्रो में महिला यात्रियों की मुफ्त सुविधाएं
मेट्रो की पहली राइड महिलाओं को समर्पित की गई। मां अहिल्या की जन्म जयंती के मौके पर मिली मेट्रो की पहली राइड को सिर्फ महिलाओं ने ही संचालित किया। ड्राइवर से लेकर पूरा स्टाफ महिलाओं का था। पहली राइड में सिर्फ महिला पैसेंजर्स को ही मौका दिया गया। एक सप्ताह तक इंदौर के नागरिकों के लिए मेट्रो का सफर पूरी तरह से निःशुल्क रहा। बड़ी संख्या में महिलाएं यहां पर पहुंची और उन्होंने जमकर आनंद लिया। कोई मेट्रो में भजन गा रहा था तो कोई ज्योर्तिलिंग बनाकर लाया था। सभी का उत्साह देखते ही बन रहा था। महिलाएं अगले सात दिनों तक मुफ्त यात्रा कर सकेंगी। पढ़ें पूरी खबर



12. अहिल्या बाई के सम्मान में डाक टिकट और  300 का सिक्का जारी हुआ
देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने डाक टिकट जारी किया। साथ ही 300 रुपये का सिक्का जारी किया गया है। ये सिक्का संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किया जा रहा है। इस सिक्के के मुख्य भाग के मध्य भाग में अशोक स्तंभ का तीन शीश और नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। पीछे की ओर मध्य में देवी अहिल्याबाई का चित्र बना है। 


13. महिलाओं के नाम पर इंदौर मेट्रो के स्टेशन के नाम,महिलाओं ने संभाली कमान :
इंदौर मेट्रो के टर्मिनल का नाम देवी अहिल्या बाई होल्कर के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा सभी स्टेशनों के नाम भी वीरांगनाओं के नाम पर रखे गए हैं, जिनमें महारानी लक्ष्मीबाई स्टेशन, रानी अवंती बाई लोधी स्टेशन, रानी दुर्गावती स्टेशन और वीरांगना झलकारी बाई स्टेशन शामिल हैं। 6 किलोमीटर का यह यलो लाइन का सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर है।  इंदौर मेट्रो के शुभारंभ हुआ। यहां भी हर जगह महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया। स्टेशन पर एंट्री, मेट्रो की सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी नारी शक्ति ने संभाली।  कार्यक्रम के बाद में स्टेशन की सफाई भी महिलाओं ने की।  हर काम को महिलाओं ने बखूबी तरीके से किया।  पढ़ें पूरी खबर

14 देवी अहिल्या की 300 जयंती पर प्रोग्राम  
इंदौर के राजवाड़ा चौक पर स्थित देवी अहिल्या प्रतिमा पर सामाजिक, धार्मिक संगठनों ने माल्यार्पण किया। शहरभर के 70 से अधिक बैंड और भजन मंडलों ने सुबह सात बजे से राजवाड़ा चौक पर अपनी प्रस्तुति दी। भजन मंडलों में ज्यादातर महिलाएं ही आगे रहीं। अलग-अलग क्षेत्रों से आए भजन मंडलों ने देवी अहिल्या प्रतिमा की परिक्रमा की। महिलाएं भगवा साडि़यां पहन कर आई थी और हाथ में भगवा पताकाएं लहरा कर भजन गा रही थी। युवतियों के समूह ने लेझिम और बड़े ढोल पर जय घोष किया। संस्था पुण्यश्लोक ने उषा नगर क्षेत्र से एक रैली निकाली। संस्था जयंती के उपलक्ष्य में जागरण गोंधल भी करने जा रही है। इसके अलावा जाल सभागृह में देवी अहिल्या नारी गौरव अलंकरण समारोह भी आयोजित किया गया। समारोह में अलग-अलग समाजों की उन महिलाओं का सम्मान किया, जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम किए हैं। 



15. इंदौर के अलग अलग प्रोग्राम में महिलाओं की भागीदारी
देवी अहिल्या की 300 वीं जयंती के समापन समारोह में वक्ताओं ने देवी अहिल्या के जीवन से जुड़े प्रसंग सुनाए। बास्केटबाल स्टेडियम में आयोजित समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि अहिल्या बाई निर्भीक भी और निर्मल भी। वो तिजोरी भी संभलना जानती थी और तोपखाना भी। उन्होंने कहा कि मालवा के साम्राज्य को चुनौती थी तो अहिल्याबाई ने मातृशक्ति की फौज बनाई युद्ध किए बगैर कूटनीतिक जीत हासिल कर ली।  चंद्रकला पहाड़िया ने कहा कि अहिल्या बाई के व्यवहार और सिद्धान्त में अंतर नहीं था। सती प्रथा का उन्होंने विरोध किया। लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि अहिल्या बाई के पास नीति चातुर्य था। राज्य को संगठित रखने की ताकत थी। इन्होंने खुद को कभी रानी नहीं माना। उनके लिए राज्य एक परिवार था। उन्होंने कहा कि 300 साल पहले अहिल्या बाई ने दूर दूर की यात्रा कर मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया। उनकी दृष्टि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की थी। नृत्यांगना सोनल मान सिंह ने कहा कि अहिल्याबाई धर्मनिष्ठ थी। वे प्रजा की भलाई के बारे में हमेशा सोचती थी। इन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई गौरव सम्मान की स्थापना होना चाहिए। पढ़ें पूरी खबर
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