मध्य प्रदेश- सात
ऊपर दिए गए आंकड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों राज्यों के दौरे के हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद हुए शपथ ग्रहण समारोह से लेकर अब तक पीएम मोदी ने सबसे ज्यादा दौरे मध्य प्रदेश के ही किए हैं। इसके बाद राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नंबर आता है। एक खास बात यह भी है कि पीएम मोदी दूसरी बार यानी आज 17 सितंबर को भी मध्य प्रदेश में ही अपना जन्मदिन मनाएंगे। इससे पहले भी वे एक बार ऐसा कर चुके हैं। इससे यह साफ होता है कि पीएम मोदी का मध्य प्रदेश से कुछ अलग का ही लगवा है। एमपी उनका दूसरा घर और भाजपा का गढ़ है। इसके बड़े कारण क्या हैं और वरिष्ठ पत्रकार इस बारे में क्या राय रखते हैं? आइए, अब विस्तार से जानते हैं...।
PM Modi Birthday: दूसरा घर और गढ़, पीएम मोदी के लिए तीन राज्यों में MP खास क्यों? आज फिर यहां मनाएंगे जन्मदिन
पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के बाद मध्य प्रदेश भाजपा के लिए नया गढ़ बन गया है। वहीं, पीएम मोदी इसे अपना दूसरा घर भी मानने लगे हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि पीएम मोदी आज एक बार फिर यहां अपना जन्मदिन मनाएंगे। पीएम मोदी की सीधी 'नजर' एमपी पर है।


एमपी पर पीएम मोदी की सीधी 'नजर'
दरअसल, देश के तीन पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तीनों ही राज्यों में भाजपा की जीत हुई, इसके बाद यहां शपथ ग्रहण समारोह हुआ। 13 दिसंबर को मध्य प्रदेश में मोहन यादव और छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय ने सीएम पद की शपथ ली। इसके बाद 15 दिसंबर को राजस्थान में भजनलाल शर्मा ने सीएम पद की शपथ ली। इन तीनों समारोह में पीएम मोदी भी मौजूद रहे। इसके बाद पीएम मोदी छह बार मध्य प्रदेश के दौरे पर आए, आठ बार दिल्ली में सीएम मोहन यादव से मिले और पांच बार वीसी (वीडियो कांफ्रेंसिंग) के जरिए मध्य प्रदेश को सौगात दी। यानी विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पीएम मोदी ने 20 बार किसी न किसी तरह मध्य प्रदेश पर फोकस किया। वहीं, बात राजस्थान की करें तो विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पीएम मोदी यहां कुल चार बार आए हैं। उनका पहला दौरा शपथ ग्रहण समारोह में हुआ था। इसके बाद वे नौ दिसंबर 2024 को राइजिंग राजस्थान में शामिल हुए। 17 दिसंबर 2024 को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का शिलान्यास करने आए और फिर 22 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीकानरे जिले में 26 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की सौगात दी। वहीं, सीएम भजनलाल शर्मा से वे दिल्ली में चार मिले। वहीं, छत्तीसगढ़ में पीएम नरेंद्र मोदी दो बार गए हैं। एक बार सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में और दूसरी बार बिलासपुर में, इस दौरान उन्होंने करीब एक हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स की सौगात दी थी। इसके अलावा उन्होंने तीन बार वीसी के जरिए प्रदेश को सौगात दी। वहीं, दिल्ली में उनकी मुलाकात सीएम विष्णु देव साय से एक-बार ही हुई है।

जनता ने भरी पीएम मोदी की झोली
देश में भाजपा के गढ़ की बात करें तो गुजरात के बाद मध्य प्रदेश का ही नंबर आता है। 2018 के चुनाव के 15 महीने छोड़ दें तो यहां करीब 20 साल से भाजपा की सरकार है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को जनता को भरपूर साथ मिला। इसके दम पर भाजपा ने प्रदेश में 163 सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस का सफाया कर दिया। इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज कर एक रिकॉर्ड बना दिया। ये आंकड़े प्रदेश की जनता और पीएम मोदी के मजबूत रिश्ते की गवाही दे रहे हैं। यही कारण है कि पीएम मोदी लगातार इस रिश्ते को और मजबूत कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी प्रदेश में दूसरी बार जन्मदिन मनाकर जनता को संदेश देना हैं कि यह उनका दूसरा घर है।

शिवराज की तरह मोहन को मजबूत करने पर जोर
वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब 18 साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। प्रदेश में उनकी पहचान 'मामा' के तौर पर है, गांव-गांव तक उनकी पहुंच हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा ने शिवराज सिंह की जगह मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया। लंबे समय बाद प्रदेश की जनता को सीएम के रूप में एक नया चेहरा देखने को मिला। जनता के बीच सीएम मोहन यादव को लेकर शिवराज जैसा विश्वास पनपे इसके लिए पीएम मोदी ने लगातार उन्हें सपोर्ट किया। 22 दिसंबर 2023 से लेकर अब तक दिल्ली में पीएम मोदी सीएम यादव से आठ मिले। इससे जनता को संदेश दिया गया कि पीएम मोदी सीएम यादव के साथ और प्रदेश की तरक्की के लिए दोनों मिलकर काम कर रहे हैं।
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एमपी से पूरी हिंदी पट्टी पर फोकस
मध्य प्रदेश को देश का दिल कहा जाता है। यह पश्चिम भारत का दिल है। यहां से पीएम मोदी द्वारा कही गई बातों की चर्चा पूरे देश में होती है। ऐसे में पीएम मोदी का अपने जन्मदिन पर मध्य आना इस बात का संकेत है कि वे हिंदी पट्टी में भाजपा को और मजबूत करना चाहते हैं। वरिष्ठ पत्रकार प्रभु पटैरिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा गया। 'एमपी के मन मोदी और मोदी के मन में एमपी' का नारा भी दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश की राजनीति में पीढ़ी परिवर्तन का नया प्रयोग किया। वहीं, कई बड़े नेताओं को मोहन यादव मंत्रिमंडल शामिल किया। पटैरिया ने कहा कि चूंकि चुनाव मोदी के नाम पर लड़ा गया था, इसलिए प्रधानमंत्री का यह नैतिक दायित्व है कि वे मध्य प्रदेश पर विशेष ध्यान दें। शायद यही कारण है कि वे लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। उनकी यह सक्रियता मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रति उनके अनुराग और विश्वास को भी दर्शाती है।
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