मध्य प्रदेश के दमोह जिले के फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एन जॉन कैम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव पुलिस रिमांड पर है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपनी निजी जिंदगी और डिग्रियों को लेकर किए गए फर्जी को लेकर कई खुलासे किए हैं। आरोपी ने मेडिकल कम्युनिटी में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए विदेशी नाम रखा था। आरोपी एन जॉन कैम का दावा है कि उसकी एमबीबीएस की डिग्री असली है, जो उसने नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से की थी। अब, पुलिस की टीम इसे लेकर जानकारी जुटा रही है। पूछताछ में आरोपी ने खुद को अविवाहित बताया है। उसने फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए पत्नी और बच्चों के फेक नाम लिख थे।
MP News: कुंवारा है डॉ. कैम, दस्तावेज में पत्नी-बच्चों के नाम फर्जी, MBBS की डिग्री असली बताई; किए बड़े खुलासे
MP Fake Doctor: दमोह जिले के मिशन अस्पताल में सात मरीजों की मौत के आरोपी डॉक्टर एन जॉन कैम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। आरोपी कहना है कि उस एमबीबीएस की डिग्री असली है। जानिए, उसने क्या बताया?
शादीशुदा नहीं, आरोपी बोला-एमबीबीएस की डिग्री असली
दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के अनुसार पूछताछ में आरोपी एन जॉन कैम ने कहा कि उसका असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है और वह कानपुर का रहने वाला है। उसने नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था, उसकी एमबीबीएस की डिग्री असली है। उसने यह भी बताया कि वह शादीशुदा नहीं है, फर्जी दस्तावेज बनवाने के लिए उसने पत्नी और बच्चों के नाम भी फर्जी ही लिखे थे।
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क्यों और कहां से बनवाया फर्जी सर्टिफिकेट
आरोपी एन जॉन कैम ने पुलिस को बताया कि उसके पास एमबीबीएस की डिग्री थी। इसी बीच वह यूके गया और उसने एमडी एमआरसीपी का कोर्स करने के बाद एक-दो साल वाले कुछ और मेडिकल कोर्स किए। इसके बाद जब वह भारत वापस लौटा तो उसके सामने एक और समस्या आ गई कि यहां प्रैक्टिस करने के लिए उसे भारत की डिग्री की ही जरूरत थी। भारत की एमडी कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री के बिना वह प्रैक्टिस नहीं कर सकता था। ऐसे में उसने साल 2013 में पांडिचेरी के एक मेडिकल कॉलेज के नाम से उसने कार्डियोलॉजिस्ट का फर्जी सर्टिफिकेट बना लिया।
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पुलिस को मिला पुराना पासपोर्ट, गया था विदेश
एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि आरोपी एन जॉन कैम से पूछताछ में यह भी पता चला है कि उसके पास असली नाम (नरेंद्र विक्रमादित्य यादव) का एक पुराना पासपोर्ट था, जिससे वह विदेश गया था। इस पासपोर्ट के एक्सपायर होने के बाद उसने फर्जी दस्तावेज के आधार पर दूसरा पासपोर्ट डॉक्टर एन जॉन कैम के नाम से बनवाया था। पुलिस को उसका पुराना पासपोर्ट मिल गया है। एसपी सोमवंशी ने कहा कि अभी आरोपी से पूछताछ की जा रही है। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि वह कितने बार विदेश गया, किस तरह से उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और किन-किन संस्थानों में उसने डिग्री की है। साथ ही पूछताछ में उसने जो जानकारी दी है वो कितनी सही है, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।
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क्या चाहता था फर्जी डॉक्टर?
पूछताछ में आरोपी एन जॉन कैम ने कहा कि वह देश-विदेश की क्रिश्चियन कम्युनिटी में शामिल होना चाहता था। इसलिए उसने अपना नाम बदल लिया था। उसे लगता था कि वह एक बड़े विदेशी डॉक्टर के रूप में भारत में प्रैक्टिस करेगा तो उसे काफी पहचान मिलेगी। इसलिए ही उसने यह सब किया था।
जांच के बाद वापस गई आयोग की टीम
इधर, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम ढाई दिन जांच करने के बाद बुधवार सुबह दमोह से दिल्ली रवाना हो गई। अब टीम अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। हालांकि, जांच के दौरान आयोग की टीम मीडिया से दूर रही। टीम के सदस्यों ने केस और जांच को लेकर कोई जानकारी नहीं दी।
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