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Nauradehi Wildlife Sanctuary: मामा-भांजे एकसाथ कर रहे शिकार, नए टाइगर रिजर्व में गूंज रही 15 बाघों की दहाड़
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह
Published by: अंकिता विश्वकर्मा
Updated Wed, 25 Oct 2023 02:46 PM IST
सार
Nauradehi Wildlife Sanctuary: मामा-भांजे एकसाथ कर रहे शिकार, नए टाइगर रिजर्व में गूंज रही 15 बाघों की दहाड़
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नौरादेही अभयारण्य में हैं 15 बाघ
- फोटो : अमर उजाला
नौरादेही अभयारण्य और दमोह के रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर नया टाइगर रिजर्व बनाया गया है, हालांकि अभी यहां नेशनल पार्क के नियम लागू नहीं हुए। केवल शासन ने टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया है। नौरादेही में घूम रही बाघिन राधा और उसकी बेटी एन 11 के शावक वयस्क हो गए हैं, जो आपस में मामा-भांजे हैं और यह मिलकर बड़े मवेशियों का शिकार करने लगे हैं और इनकी मां इन्हें शिकार करने की ट्रेनिंग दे रही हैं। बता दें कि पांच साल पहले लाई गई बाघिन राधा ने इस अभयारण्य को बाघों से आबाद कर दिया और वर्तमान में 15 बाघों की दहाड़ यहां सुनाई दे रही है।
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नौरादेही अभयारण्य और दमोह के रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर नया टाइगर रिजर्व बनाया गया है।
- फोटो : अमर उजाला
अनाथ बाघिन से आबाद हुआ अभयारण्य
नौरादेही अभयारण्य में बाघों की विस्थापन प्रक्रिया के तहत 2018 में अनाथ बाघिन राधा को अप्रैल माह में कान्हा नेशनल पार्क से लाया गया था उस समय उसकी आयु ढाई वर्ष थी। कुछ दिन बाद ही चार वर्षीय बाघ किशन को बांधवगढ़ से लाया गया था। इनके नाम पहले राधा और किशन रखे गए थे उसके बाद बाघिन को एन वन और बाघ को एन टू नाम दिया गया। इसके बाद बाघों का परिवार आगे बढ़ा और पांच वर्ष में यहां चारों ओर बाघ ही बाघ दिखाई देने लगे हैं। वर्तमान में नौरादेही में बाघों की संख्या 15 है।
ऐसे बढ़ा बाघों का कुनबा
2019 में बाघिन राधा ने तीन शावकों को जन्म दिया जिनमें दो मादा और एक नर बाघ था। उसके दो वर्ष बाद 2021 में राधा ने चार शावकों को जन्म दिया और उसके कुछ दिनों बाद राधा की एक बेटी ने दो शावकों को जन्म दिया था और अप्रैल 2023 में यह जानकारी मिली थी कि राधा की दूसरी बेटी ने भी शावकों को काफ़ी समय पहले जन्म दिया था, लेकिन उनकी गणना की पुष्टि नहीं हो पाई है। कोई इनकी संख्या तीन बताता है तो कोई चार कहता है और इस अभयारण्य में एक बाहरी बाघ भी लगभग तीन वर्ष पूर्व यहां आकर ठहर गया था। जिसकी कुछ महीने पहले बाघ किशन से सीमा क्षेत्र को लेकर संघर्ष हुआ जिसमें किशन की मौत हो गई थी।
नौरादेही अभयारण्य में बाघों की विस्थापन प्रक्रिया के तहत 2018 में अनाथ बाघिन राधा को अप्रैल माह में कान्हा नेशनल पार्क से लाया गया था उस समय उसकी आयु ढाई वर्ष थी। कुछ दिन बाद ही चार वर्षीय बाघ किशन को बांधवगढ़ से लाया गया था। इनके नाम पहले राधा और किशन रखे गए थे उसके बाद बाघिन को एन वन और बाघ को एन टू नाम दिया गया। इसके बाद बाघों का परिवार आगे बढ़ा और पांच वर्ष में यहां चारों ओर बाघ ही बाघ दिखाई देने लगे हैं। वर्तमान में नौरादेही में बाघों की संख्या 15 है।
ऐसे बढ़ा बाघों का कुनबा
2019 में बाघिन राधा ने तीन शावकों को जन्म दिया जिनमें दो मादा और एक नर बाघ था। उसके दो वर्ष बाद 2021 में राधा ने चार शावकों को जन्म दिया और उसके कुछ दिनों बाद राधा की एक बेटी ने दो शावकों को जन्म दिया था और अप्रैल 2023 में यह जानकारी मिली थी कि राधा की दूसरी बेटी ने भी शावकों को काफ़ी समय पहले जन्म दिया था, लेकिन उनकी गणना की पुष्टि नहीं हो पाई है। कोई इनकी संख्या तीन बताता है तो कोई चार कहता है और इस अभयारण्य में एक बाहरी बाघ भी लगभग तीन वर्ष पूर्व यहां आकर ठहर गया था। जिसकी कुछ महीने पहले बाघ किशन से सीमा क्षेत्र को लेकर संघर्ष हुआ जिसमें किशन की मौत हो गई थी।
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तालाब के किनारे मगरमच्छ भी आते हैं नजर
- फोटो : अमर उजाला
नये मेहमानों के आने के मिल रहे संकेत
नौरादेही की रानी राधा दो बार मां बन चुकी है जबकि उसकी दोनों बेटियां एक -एक बार मां बनी हैं और अब इस वर्ष ये अनुमान लगाया जा रहा है कि राधा और उसकी दोनों बेटियां फिर शावकों को जन्म दे सकती हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राधा और उसकी एक बेटी तो गर्भवती है, लेकिन दूसरी की पुष्टि अभी कोई नहींं कर रहा। यदि तीनों गर्भवती होती हैं, तो निश्चित रूप से नौरादेही में बाघों की संख्या काफी अधिक हो सकती है और नये साल के पूर्व नौरादेही में नन्हे मेहमान भी आ सकते हैं।
शावक करने लगे शिकार
नौरादेही अभयारण्य और रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाया गया है, जिसकी अभी केवल मंजूरी हुई है। नियम अभी अलग- अलग चल रहे हैं। वर्तमान में यहां घूम रहे शावक वयस्क हो चुके हैं और शिकार भी करने लगे हैं। नौरादेही एसडीओ सेवाराम मलिक ने बताया कि शावक दो वर्ष के होने वाले हैं और खुद शिकार करने लगे हैं। नये मेहमानों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
नौरादेही की रानी राधा दो बार मां बन चुकी है जबकि उसकी दोनों बेटियां एक -एक बार मां बनी हैं और अब इस वर्ष ये अनुमान लगाया जा रहा है कि राधा और उसकी दोनों बेटियां फिर शावकों को जन्म दे सकती हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राधा और उसकी एक बेटी तो गर्भवती है, लेकिन दूसरी की पुष्टि अभी कोई नहींं कर रहा। यदि तीनों गर्भवती होती हैं, तो निश्चित रूप से नौरादेही में बाघों की संख्या काफी अधिक हो सकती है और नये साल के पूर्व नौरादेही में नन्हे मेहमान भी आ सकते हैं।
शावक करने लगे शिकार
नौरादेही अभयारण्य और रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाया गया है, जिसकी अभी केवल मंजूरी हुई है। नियम अभी अलग- अलग चल रहे हैं। वर्तमान में यहां घूम रहे शावक वयस्क हो चुके हैं और शिकार भी करने लगे हैं। नौरादेही एसडीओ सेवाराम मलिक ने बताया कि शावक दो वर्ष के होने वाले हैं और खुद शिकार करने लगे हैं। नये मेहमानों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

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