गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण विमान सड़क हादसे में कई परिवार खत्म हो गए। विमान में सवार यात्रियों के शवों की हालत ऐसी है कि उनकी पहचान करना भी नामुमकिन है। इस कारण अब तक अधिकतर परिवारों को उनके जिगर के टुकड़ों के शव नहीं मिल सके हैं। शवों की पहचान के लिए उनके परिजनों के सैंपल लिए जा रहे हैं, जिससे उन्हें उनके परिवार वालों को सौंपा जा सके।
Plane Crash: अंतहीन दुख, विमान हादसे में डॉक्टर परिवार खत्म, माता-पिता को जिगर के टुकड़ों का इंतजार; सैंपल दिए
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद विमान हादसा कई परिवारों को अंतहीन दर्द दे गया। इनमें से एक है बांसवाड़ा का डॉक्टर परिवार। अब इस परिवार में सिर्फ बुजुर्ग माता-पिता ही बचे हैं। जिन्होंने अपने बच्चों के शवों की पहचान के लिए खून के सैंपल दिए हैं।
डीएनए मिलान के बाद सौंपे जाएंगे शव
दरअसल, विमान हादसे में जान गंवाने वाले ज्यादातर यात्रियों के शव बुरी तरह जल गए हैं। ऐसे में शवों की पहचान डीएनए जांच के माध्यम से की जा रही है। अहमदाबाद चिकित्सा विभाग यह जांच करा रहा है, इसी के तहत डॉ. प्रतीक और उनकी पत्नी डॉ. कैमी के पिता के सैंपल लिए गए है। कल शनिवार तक डीएनए जांच रिपोर्ट आने की संभावना है, जिसके बाद शवों को परिजनों को सौंपा जा सकेगा।
रातीतलाई कॉलोनी में स्थित घर में पड़ा ताला
अपने बच्चों के सी-ऑफ करने गए डॉ. जेपी जोशी और उनकी पत्नी अहमदाबाद में ही हैं। ऐसे में रातीतलाई कॉलोनी में स्थित जोशी निवास पर ताला लगा है। उधर, हादसे की सूचना मिलने के बाद डॉ. जेपी जोशी की बेटी अपने मामा डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ अहमदाबाद पहुंच गई हैं।
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क्यों लंदन जा रहा था डॉक्टर परिवार?
जानकारी के अनुसार, डॉ. प्रतीक उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज में पदस्थ थे। कुछ महीने पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। वे लंदन के एक चिकित्सकीय संस्थान से जुड़ने वाले थे। पिछले दो महीने से डॉ. प्रतीक अपने परिवार के साथ बांसवाड़ा में ही रह थे। बच्चों का वीजा नहीं मिल पाने के कारण वे लंदन नहीं जा पा रहे थे। जैसे ही बच्चों का वीजा तैयार हुआ पूरा परिवार लंदन जाने के लिए तैयार हो गया। बुधवार को डॉ. प्रतीक पत्नी, बच्चों और माता-पिता के साथ अहमदाबाद के लिए रवाना हुए थे। गुरुवार को बुजुर्ग माता-पिता अपने बच्चों को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर छोड़ने आए थे। लेकिन, कुछ देर बाद उन्हें अपनी जिदंगी की सबसे बुरी खबर मिली।
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चेहरे पर थी नई जिंदगी शुरू करने की खुशी
पेसिफिक हॉस्पिटल के चेयरमैन आशीष अग्रवाल ने कहा कि डॉ. कौनी दो दिन पहले ही अस्पताल आई थीं। उन्होंने पूरे स्टाफ से मिलकर लंदन जाने की जानकारी दी थी। उनके चेहरे पर नई जिंदगी शुरू करने की खुशी झलक रही थी। किसी ने नहीं सोचा था कि वो आखिरी बार मिल रही हैं। उनके परिवार के निधन से अस्पताल स्टाफ भी दुखी है। जोशी दंपती शांत स्वभाव थे, उन्होंने अपने व्यवहार से लोगों के दिलों में जगह बनाई थी।