नागौर जिले के डीडवाना–कुचामन क्षेत्र की शांत और वीरान मरुस्थली हवा के बीच ऐसी वारदात सामने आई, जिसने रिश्तों, विश्वास और प्रेम के नाम पर किए गए अपराध की भयावह सच्चाई को उजागर कर दिया। यह मामला रेखा नामक युवती, उसके पति सुरेंद्र और प्रेमी राजूराम के बीच जन्मे प्रेम प्रकरण की वह त्रासदी बन गया जिसमें पति की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्या की योजना नागपुर से बैठकर वाई-फाई कॉल माध्यम से तैयार की गई और राजस्थान की सड़कों पर उसे अंजाम दिया गया।
फिर मारा गया पति: बॉयफ्रेंड से कराई हत्या, खुश होकर फ्लाइट से पहुंची पत्नी; यहां रची थी वाई-फाई कॉल वाली साजिश
Husband Killed For Lover: नागौर में पत्नी रेखा ने प्रेमी और उसके साथी के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश नागपुर से वाई–फाई कॉल पर रची। बोरवाड़ रोड पर सुरेंद्र की धारदार हथियार से हत्या हुई। सीसीटीवी, पोस्टमॉर्टम और पूछताछ से मामला उजागर हुआ और सात दिनों में तीनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए।
शादी के बाद बदले रिश्ते, फिर रेखा ने उठाया खौफनाक कदम
साल 2018 में गच्छीपुरा थाना इलाके के ईटावालाखा गांव के रहने वाले सुरेंद्र उर्फ सुरेश दादरवाल (24) की शादी रेखा (21) से हुई। सुरेंद्र पेशे से प्राइवेट स्कूल में शिक्षक था और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। किसान पिता उमराराम और पढ़ाई कर रहे छोटे भाई के सहारे परिवार साधारण लेकिन संतुलित जीवन जी रहा था। शादी के कुछ समय बाद ही रेखा की जिंदगी में बदलाव आया। वह बीएससी की पढ़ाई के बहाने नागपुर चली गई, लेकिन असल कारण उसका किसी और युवक से प्रेम संबंध होना बताया गया।
कुचामन में 2020 में कोचिंग जॉइन करने के दौरान रेखा की मुलाकात राजूराम (21) से हुई। यह मुलाकात धीरे-धीरे प्रेम प्रसंग में बदल गई। रेखा जब 2023 में बीएससी पूरा कर नागपुर पिता के पास पहुंची, तब भी उसका संपर्क लगातार राजूराम से बना रहा। पिता आर्मी से रिटायर्ड थे और नागपुर में ग्रेनाइट–मार्बल का कारोबार संभालते थे। रेखा के मन में अब अपने पति के प्रति लगाव नहीं रहा। वह प्रेमी राजूराम से ही नई जिंदगी शुरू करने का मन बना चुकी थी। पिछले तीन महीनों से वह केवल वाई-फाई कॉल के जरिए राजूराम से संपर्क बनाए हुए थी। उसका मानना था कि सुरेंद्र उसके लिए बोझ बन चुका है और उसे रास्ते से हटाए बिना वह अपने प्रेमी के साथ जीवन नहीं बिता पाएगी।
नागपुर से जन्मा हत्या का ब्लूप्रिंट
नागपुर में बैठकर रेखा ने सुरेंद्र की हत्या का ब्लूप्रिंट तैयार किया। उसने अपने प्रेमी राजूराम और उसके साथी जीवणराम (23) को इस योजना में शामिल किया। योजना अत्यंत सरल लेकिन घातक थी। सुरेंद्र को सुनसान स्थान पर रोकना, हेलमेट उतारते ही चाकू से ताबड़तोड़ वार करना और पुलिस को भ्रमित करने के लिए मोबाइल व बाइक पर असली नंबर प्लेट बिल्कुल न रखना। इसके लिए चोरी की मोटरसाइकिल का प्रयोग किया गया।
29 नवंबर 2025 को रेखा ने सुरेंद्र के बोरवाड़ जाने की जानकारी प्रेमी राजूराम को दी। दोनों आरोपी दिनभर उसकी रेकी करते रहे, लेकिन देर शाम तक कामयाबी नहीं मिली। सुरेंद्र रास्ते में उनसे मिला तो उन्होंने रास्ता भटकने की कहानी सुनाकर उसे रोका। जैसे ही सुरेंद्र हेलमेट उतारकर बाइक से नीचे उतरा, चाकू चमके और सुरेंद्र पर कई वार किए गए। आरोपी बोला कि चाकू दे मुझे, तू देर लगाएगा। पीठ और गले पर ताबड़तोड़ वारों के चलते मौके पर ही सुरेंद्र की मौत हो गई। शव सड़क किनारे झाड़ियों में फेंक दिया गया ताकि दुर्घटना जैसी स्थिति दिखाई दे।
रात के सन्नाटे में मौत, परिजनों तक पहुंचे अधूरे सत्य
रात होने पर जब सुरेंद्र घर नहीं लौटा तो परिवार ने उसका फोन मिलाना शुरू किया, लेकिन फोन बंद आ रहा था। देर रात पुलिस का फोन आया कि सुरेंद्र सड़क दुर्घटना में घायल हो गया है और उसे अस्पताल लाया गया है। परिवार जब अस्पताल पहुंचा, तब उन्हें पता चला कि सुरेंद्र अब इस दुनिया में नहीं रहा। शुरू में परिवार ने इसे हादसा माना, लेकिन पीठ पर मौजूद गहरे घावों ने शक पैदा कर दिया। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई और रिपोर्ट दर्ज करवाई।
शोक का नाटक और पुलिस की सूक्ष्म जांच
सुरेंद्र की मौत के बाद रेखा नागपुर से फ्लाइट पकड़कर जयपुर पहुंची और फिर किशनगढ़ होते हुए पहली बार ससुराल आई। उसने शोकसभा में रोने–धोने का नाटक किया, लेकिन पुलिस की नजरें उस पर टिक चुकी थीं। शादी के सात साल बाद पहली बार ससुराल आना और वह भी पति की मौत पर, यह घटनाक्रम स्वाभाविक नहीं लगा।
इधर, पुलिस ने बोरवाड़ रोड का निरीक्षण किया। गहरे जख्मों को देखकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया गया। रिपोर्ट स्पष्ट थी कि सुरेंद्र की मौत गले पर धारदार हथियार से किए गए हमले के कारण हुई। इस तथ्य से मामला सड़क हादसे से हत्या में बदल गया।
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सीसीटीवी से मिले सुराग, फिर हत्यारों तक पहुंची पुलिस
जांच के दौरान इलाके के सीसीटीवी कैमरों में दो युवक बाइक पर नजर आए जिनकी नंबर प्लेट नकली थी। पुलिस ने फुटेज खंगाले और संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर जीवणराम की पहचान की। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। प्रारंभ में वह जानकारी देने से बचा, लेकिन सख्ती में उसने पूरी साजिश उगल दी। उसके बयान से पुलिस राजूराम और फिर रेखा तक पहुंची। तीनों को 7 दिसंबर 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने वारदात से पहले रेखा की सलाह पर कुचामन स्थित डी–मार्ट से नया चाकू खरीदा था। जिसने बाद में हत्या का हथियार बनकर सुरेंद्र की जिंदगी खत्म कर दी।
कुचामन से नागपुर तक पनपी लव स्टोरी और हत्या की जमीन
जांच में सामने आया कि 2018 में हुई रेखा–सुरेंद्र की शादी के बाद रेखा का गौना नहीं हुआ था। 2020 में कोचिंग के दौरान वह कुचामन में किराए के कमरे में रहने लगी। इसी दौरान उसकी नजदीकियां राजूराम से बढ़ीं। 2023 तक दोनों के बीच प्रेम प्रसंग पनप चुका था। इसी वर्ष सितंबर में दोनों ने यह तय किया कि सुरेंद्र को जीवन से हटाना जरूरी है, ताकि वे खुलकर साथ रह सकें।