सब्सक्राइब करें

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त

Chhath Puja Sindoor Ritual: छठ पर नाक तक सिंदूर क्यों लगाती हैं महिलाएं? जानें धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: श्वेता सिंह Updated Sun, 26 Oct 2025 02:15 PM IST
सार

Why Women Apply Sindoor From Nose To Forehead: छठ पूजा में व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इस दौरान नाक से माथे तक लंबा सिंदूर लगाने की परंपरा है, जो सुहाग और परिवार की सुख-समृद्धि का प्रतीक है।

विज्ञापन
Chhath Puja 2025 The Symbolism of Long Sindoor in Chhath Puja Religious and Scientific Reason Behind
छठ पूजा 2025 - फोटो : amar ujala

Long Sindoor From Nose to Forehead: छठ पूजा एक ऐसा पवित्र पर्व है जो संतान की दीर्घायु, परिवार की सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सूर्य और प्रकृति की उपासना का पर्व भी है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करती हैं और पूरे सोलह श्रृंगार के साथ पूजा करती हैं।


Chhath Puja 2025: छठ पूजा में पढ़ें ये 4 मंत्र, सूर्य देव करेंगे हर इच्छा पूरी
इस अवसर पर मेहंदी रचाने से लेकर मांग में सिंदूर भरने तक हर परंपरा का विशेष महत्व होता है। सामान्य दिनों में जहां सिंदूर केवल मांग तक लगाया जाता है, वहीं छठ के दिन नारंगी या लाल रंग का सिंदूर नाक से मांग तक भरा जाता है। बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कई हिस्सों में यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है। इसके पीछे न केवल धार्मिक आस्था जुड़ी है बल्कि इसके वैज्ञानिक कारण भी हैं, ऐसा माना जाता है कि यह लंबा सिंदूर सुहाग की शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, जो परिवार के कल्याण और वैवाहिक जीवन की दीर्घता का संकेत देता है।
Chhath 2025: छठी मैया कौन हैं और क्यों होती है उनकी पूजा?

Chhath Puja 2025 The Symbolism of Long Sindoor in Chhath Puja Religious and Scientific Reason Behind
लंबा सिंदूर सुखी दांपत्य और पति की लंबी उम्र का प्रतीक

लंबा सिंदूर सुखी दांपत्य और पति की लंबी उम्र का प्रतीक
छठ पूजा के दौरान सुहागिन महिलाएं नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर भरती हैं। इसे पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन की खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान महिलाएं लाल की बजाय नारंगी रंग का सिंदूर लगाती हैं। इसका कारण यह है कि नारंगी रंग सूर्य का प्रतीक है और छठ पर्व सूर्य की उपासना का पर्व है। इसलिए नारंगी सिंदूर लगाने से सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही यह माना जाता है कि सुहागिन महिला का जितना लंबा सिंदूर होगा, उसका दांपत्य जीवन उतना ही लंबा और सुखी होगा।

विज्ञापन
विज्ञापन
Chhath Puja 2025 The Symbolism of Long Sindoor in Chhath Puja Religious and Scientific Reason Behind
नाक तक सिंदूर लगाने का अर्थ भी पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन की कामना से जोड़ा जाता है।

पौराणिक कथा
एक पौराणिक कथा में वीरवान नामक युवक और धीरमति नामक युवती की कहानी है। वीरवान बहादुर और जंगल में शिकार करने में माहिर था। उसने धीरमति को जंगली जानवरों से बचाया और दोनों साथ रहने लगे। इसी दौरान कालू नामक व्यक्ति ने वीरवान पर हमला किया। धीरमति ने बहादुरी दिखाते हुए कालू को हराया। युद्ध के दौरान उसके खून से सने हाथ माथे और ललाट पर रंग गए। तभी से सिंदूर को वीरता, प्रेम और सम्मान का प्रतीक माना जाने लगा। छठ पर नाक तक सिंदूर लगाने का अर्थ भी पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन की कामना से जोड़ा जाता है।

Chhath Puja 2025 The Symbolism of Long Sindoor in Chhath Puja Religious and Scientific Reason Behind
द्रौपदी ने जल्दी में पूरी सिंदूरदानी अपने माथे और नाक तक खुद पर डाल ली।

महाभारत में द्रौपदी का उदाहरण
महाभारत काल में द्रौपदी ने भी लंबे सिंदूर का इस्तेमाल किया। जब पांडव जुए में हार गए और दुशासन उसे लेने आया, तब द्रौपदी ने जल्दी में पूरी सिंदूरदानी अपने माथे और नाक तक खुद पर डाल ली। इससे उसका पूरा ललाट और माथा सिंदूर से भर गया। माना जाता है कि सहागिन महिला अपने पति के सामने बिना सिंदूर के नहीं जाती, इसलिए द्रौपदी ने यह किया। इसके बाद महाभारत युद्ध तक वह लंबे सिंदूर के साथ रहती रही।

विज्ञापन
Chhath Puja 2025 The Symbolism of Long Sindoor in Chhath Puja Religious and Scientific Reason Behind
मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास में भी मदद मिलती है। - फोटो : फोटो लाल सिंह

वैज्ञानिक दृष्टिकोण
नाक से माथे तक का क्षेत्र ‘अजना चक्र’ से जुड़ा होता है। इसे सक्रिय करने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। लंबे सिंदूर से यह चक्र सक्रिय होता है, जिससे महिलाओं को मानसिक शांति और सकारात्मकता मिलती है। इसे पहनने से न केवल धार्मिक मान्यता पूरी होती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास में भी मदद मिलती है।



डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें आस्था समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। आस्था जगत की अन्य खबरें जैसे पॉज़िटिव लाइफ़ फैक्ट्स,स्वास्थ्य संबंधी सभी धर्म और त्योहार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed