दीपावली रोशनी का त्योहार है। यह एक प्राचीन हिंदू त्योहार है जिसे हर वर्ष शरद ऋतु में मनाया जाता है। दिवाली भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। भारतवर्ष में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। यह त्योहार 5 दिनों तक चलने वाला एक महापर्व है। आइए जानते हैं इस महापर्व के 5 महत्वपूर्ण दिनों में कौन- कौन से त्योहार मनाए जाते हैं और उन सभी का शुभ मुहूर्त
महापर्व 2019: धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज का शुभ मुहूर्त और महत्व
धनतेरस
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन धनवंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इसे धनतेरस कहते हैं। धनवंतरी के जन्म के अलावा इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर की भी पूजा होती है। भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है।
धनतेरस- शुक्रवार, 25 अक्टूबर
शुभ मुहूर्त
शाम 19:10 से 20:15 तक
प्रदोष काल
17:42 से 20:15 तक
वृषभ काल
18:51 से 20:47 तक
नरक चतुर्दशी
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतर्दशी नरक चतुर्दशी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है। दिवाली से एक दिन पहले मनाए जाने की वजह से नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान का काफी महत्व है। मान्यता है कि नरक चतुर्दर्शी के दिन यमुना में स्नान करने से मनुष्य को यमलोक का दर्शन नहीं करना पड़ता।
नरक चतुर्दशी- शनिवार, 26 अक्टूबर
अभ्यंग स्नान समय
05:15 से 06:29 तक
महापर्व दीपावली महालक्ष्मी पूजा
दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म का सर्वाधिक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है। दीपावली शब्द की उत्पत्ति 2 शब्दों से मिलकर हुई है दीप+आवली=दीपावली। दीप का मतलब दिया और आवली का मतलब श्रृंखला है। इस पर्व को प्रकाश उत्सव पर्व भी कहा जाता है। दीपावली की शाम को यानि प्रदोषकाल के शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश के साथ माता सरस्वती, धन के देवता कुबेर और मां काली की पूजा होती है।
दीपावली और लक्ष्मी पूजा- रविवार, 27 अक्टूबर
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
रात में 18:44 से 20:14 तक
प्रदोष काल
17:40 से 20:14 तक
वृषभ काल
18:44 से 20:39 तक
दीपावली महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
23:39 से 24:30 तक
महानिशीथ काल
23:39 से 24:30 तक
सिंह काल
25:15:33 से 27:33:12 तक
दीपावली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ)
13:28 से 14:52 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल)
17:40 से 22:29 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ)
25:41:26 से 27:17:36 तक
उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ)
28:53:46 से 30:29:57 तक
गोवर्धन पूजा
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी किया जाता है। इस त्योहार में भगवान कृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। इसी दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग बनाकर लगाया जाता है।
गोवर्धन पूजा- सोमवार, 28 अक्टूबर
गोवर्धन पूजा मुहूर्त
गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त
15:25 से 17:39 तक