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Geeta Updesh: गीता का ये श्लोक दिलाता है चिंता से मुक्ति, जीवन में हमेशा याद रखनी चाहिए श्रीकृष्ण की ये बात

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: ज्योति मेहरा Updated Fri, 18 Apr 2025 06:24 PM IST
सार

आज हम बात करेंगे भगवद् गीता के अठारहवें अध्याय के 66वे श्लोक के बारे में, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को जीवन का अंतिम और सर्वोच्च उपदेश देते हैं। 
 

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gita updesh bhagwadgita shlok 66th verse of eighteenth chapter of Bhagavad Gita
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Bhagwat Geeta Updesh - फोटो : adobe stock
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Bhagwat Geeta Updesh: भगवत् गीता एक पवित्र ग्रंथ है, जो महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। भगवत् गीता में 700 श्लोक हैं, जो जीवन, धर्म, कर्म और आत्मा के रहस्यों के बारे में बहुत कुछ बताती है। यह ग्रंथ हर इंसान को आध्यात्मिक ज्ञान, मानसिक शांति और सही निर्णय लेने की राह दिखाता है। ऐसे में आज हम बात करेंगे भगवद् गीता के अठारहवें अध्याय के 66वे श्लोक के बारे में, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को जीवन का अंतिम और सर्वोच्च उपदेश देते हैं। 

"सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः॥"

इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि, “हे अर्जुन! तू सभी धर्मों को छोड़कर केवल मेरी शरण में आ जा। मैं तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा। तू शोक मत कर।”

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भगवद गीता उपदेश - फोटो : adobe stock
ये शब्द भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहे थे, लेकिन इससे हर इंसान को सीख मिलती है। जब हम जीवन में बहुत उलझ जाते हैं, कि क्या सही है क्या गलत है, क्या करना चाहिए, क्या नहीं, कुछ समझ नहीं आता, तब ये श्लोक हमें रास्ता दिखाता है। भगवान कहते हैं कि हर चीज का बोझ अपने सिर पर मत लो, बस मुझ पर भरोसा करो और मेरी शरण में आ जाओ।
 

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भगवद गीता उपदेश - फोटो : adobe stock
यहां "सर्वधर्म" छोड़ने का मतलब ये नहीं है कि हमें अपना फर्ज छोड़ देना है। इसका अर्थ है कि हम उन उलझनों को छोड़ दें जो हमें अंदर से पेरशान कर रही हैं। भगवान कहते हैं कि जब मन उलझा हो, तब उन सबको किनारे रखकर मुझ पर भरोसा करो।
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भगवद गीता उपदेश - फोटो : adobe stock
इस श्लोक में श्रीकृष्ण हमें भरोसा दिला रहे हैं कि, "मैं तुम्हें हर पाप से मुक्त कर दूंगा।" यानी चाहे तूमने जीवन में कितनी भी गलतियां की हों, अगर तूम्हें सच्चे मन से पछतावा है और मुझे अपना रहे हो, तो मैं तुम्हें माफ कर दूंगा। 
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भगवद गीता उपदेश - फोटो : freepik
आज की दौड़भाग भरी ज़िंदगी में जब हर इंसान मानसिक तनाव, दबाव और असमंजस से जूझ रहा है, तब ये श्लोक एक सच्चा सहारा साबित हो सकता है। ये हमें सिखाता है कि हर सवाल का जवाब हमारे अंदर ही है, बस हमें भगवान पर विश्वास करना होगा। 





डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
 
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