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Paris Olympics: मीराबाई से लेकर लक्ष्य-बबुता तक, पेरिस ओलंपिक में छह मौके जब पदक से चूके भारतीय एथलीट्स, जानें
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, पेरिस
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Sun, 11 Aug 2024 11:04 PM IST
सार
मनु भाकर ने निशानेबाजी में कांस्य पदक के साथ भारत का पहला पदक जीता। उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ टीम स्पर्धा में एक और जीत हासिल की। हालांकि, उनके पास तीसरा पदक जीतने का मौका था, लेकिन वह चूक गईं।
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पेरिस ओलंपिक 2024
- फोटो : अमर उजाला
पेरिस ओलंपिक 2024 खत्म हो चुका है। भारत ने इस ओलंपिक में छह पदक जीते हैं। तीन पदक निशानेबाजी में और एक-एक पदक कुश्ती, भाला फेंक और हॉकी में आए हैं। भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2020 टोक्यो ओलंपिक में रहा, जब देश ने सात पदक जीते थे। पदकों की संख्या के मामले में इस साल के छह 2012 के साथ संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर है। हालांकि, 2012 में भारत ने दो रजत जीते थे। हालांकि, यह आंकड़ा आसानी से दोगुना हो सकता था। छह मौकों पर भारत ने कांस्य पदक जीतने के मौके गंवा दिए। यानी छह मौकों पर, भारतीय एथलीट अपनी स्पर्धाओं में चौथे स्थान पर रहे। हमारे पास अगर 12 पदक होते तो यह एक रिकॉर्ड होता। मनु भाकर ने निशानेबाजी में कांस्य पदक के साथ भारत का पहला पदक जीता। उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ टीम स्पर्धा में एक और जीत हासिल की। हालांकि, उनके पास तीसरा पदक जीतने का मौका था, लेकिन वह चूक गईं। मनु पदक से चूकने वाली अकेली एथलीट नहीं थीं। दूसरे एथलीटों ने भी ऐसा किया। आप जानना चाहते होंगे कि पेरिस में कांस्य पदक से चूकने वाले बदकिस्मत एथलीट कौन थे? यह एक छोटी सूची नहीं है। आइए जानते हैं, वह एथलीट कौन-कौन से थे...
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धीरज बोम्मादेवरा-अंकिता भकत
- फोटो : PTI
तीरंदाजी : बी धीरज, अंकिता भकत मिश्रित स्पर्धा में अमेरिका से 2-6 से हारे
भारत के सामने कांस्य जीतकर इतिहास रचने का मौका था, लेकिन धीरज और अंकिता की जोड़ी 2-6 से यह मुकाबला हार गई और पदक से चूक गई। भारत ने पहला सेट 37-38 के अंतर से गंवाया। अमेरिका ने दूसरा सेट 37-35 से जीत कर स्कोर 4-0 कर दिया। भारतीय जोड़ी ने तीसरे सेट में वापसी की कोशिश की। धीरज और अंकिता की जोड़ी ने तीसरे सेट में कुल 38 का स्कोर किया, जबकि अमेरिका की जोड़ी 33 का ही स्कोर कर सकी। भारतीय जोड़ी ने चौथे सेट में कुल 35 का स्कोर किया। अमेरिका जोड़ी ने चौथे सेट में 37 अंक बनाए और सेट तथा मैच अपने नाम किया।
भारत के सामने कांस्य जीतकर इतिहास रचने का मौका था, लेकिन धीरज और अंकिता की जोड़ी 2-6 से यह मुकाबला हार गई और पदक से चूक गई। भारत ने पहला सेट 37-38 के अंतर से गंवाया। अमेरिका ने दूसरा सेट 37-35 से जीत कर स्कोर 4-0 कर दिया। भारतीय जोड़ी ने तीसरे सेट में वापसी की कोशिश की। धीरज और अंकिता की जोड़ी ने तीसरे सेट में कुल 38 का स्कोर किया, जबकि अमेरिका की जोड़ी 33 का ही स्कोर कर सकी। भारतीय जोड़ी ने चौथे सेट में कुल 35 का स्कोर किया। अमेरिका जोड़ी ने चौथे सेट में 37 अंक बनाए और सेट तथा मैच अपने नाम किया।
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लक्ष्य सेन और ली जी जिया
- फोटो : PTI
बैडमिंटन : लक्ष्य सेन मलयेशिया के ली जी जिया से जीत की दहलीज पर पहुंचकर हारे
कांस्य पदक के मैच में लक्ष्य सेन को हार का सामना करना पड़ा। पहला गेम भारतीय शटलर ने 21-13 से अपने नाम किया था। इसके बाद दूसरे गेम में एक वक्त लक्ष्य ने 8-2 की बढ़त बना ली थी। हालांकि, इसके बाद मलयेशियाई खिलाड़ी ने जबरदस्त वापसी की और 11-8 से बढ़त बनाने के बाद दूसरे गेम को 21-16 से अपने नाम किया। इसके बाद तो तीसरे और निर्णयाक गेम में ली जिया पूरी तरह हावी रहे और 21-11 से अपने नाम किया। साथ ही मैच के साथ-साथ कांस्य पदक भी अपने नाम किया। लक्ष्य ने मैच में कई अनफोर्स्ड एरर किए और मलयेशियाई खिलाड़ी को स्मैश पर स्मैश लगाने का मौका दिया। लक्ष्य इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज करवाने से चूक गए। इससे पहले लक्ष्य को सेमीफाइनल में विक्टर एक्सेलसन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
कांस्य पदक के मैच में लक्ष्य सेन को हार का सामना करना पड़ा। पहला गेम भारतीय शटलर ने 21-13 से अपने नाम किया था। इसके बाद दूसरे गेम में एक वक्त लक्ष्य ने 8-2 की बढ़त बना ली थी। हालांकि, इसके बाद मलयेशियाई खिलाड़ी ने जबरदस्त वापसी की और 11-8 से बढ़त बनाने के बाद दूसरे गेम को 21-16 से अपने नाम किया। इसके बाद तो तीसरे और निर्णयाक गेम में ली जिया पूरी तरह हावी रहे और 21-11 से अपने नाम किया। साथ ही मैच के साथ-साथ कांस्य पदक भी अपने नाम किया। लक्ष्य ने मैच में कई अनफोर्स्ड एरर किए और मलयेशियाई खिलाड़ी को स्मैश पर स्मैश लगाने का मौका दिया। लक्ष्य इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज करवाने से चूक गए। इससे पहले लक्ष्य को सेमीफाइनल में विक्टर एक्सेलसन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
अर्जुन बाबुता
- फोटो : PTI
निशानेबाजी: अर्जुन बाबुता 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में 208.4 का स्कोर कर चौथे स्थान पर रहे
भारत के स्टार शूटर अर्जुन बाबुता पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में पदक से चूक गए। वह 15वें शॉट तक शीर्ष तीन में चल रहे थे। कभी वह दूसरे स्थान पर आए तो कभी तीसरे स्थान पर, लेकिन पदक नहीं जीत सके। एक वक्त तो वह पहले स्थान पर रहे लिहाए शेंग से 0.1 अंक पीछे थे। इसके बाद उनका फॉर्म बिगड़ा और 16वें शॉट के बाद चौथे स्थान पर लुढ़क गए। चौथे स्थान पर पहुंचते ही वह 17वें और 18वें शॉट में एलिमिनेशन में पहुंच गए। उनका सामना मारिचित मिरान के साथ था। 17वें प्रयास में बाबुता ने 10.3 का शॉट लगाया, जबकि मिरान ने 10.6 का शॉट लगाया। 18वें प्रयास में मिरान ने फिर 10.6 का शॉट लगाया, जबकि बाबुता ने 9.9 का शॉट लगाया। इसी के साथ कुल 230 का स्कोर लेकर बाबुता बाहर हो गए। वहीं, चीन के शेंग लिहाओ 252.2 के ओलंपिक रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। वहीं, स्वीडन के विक्टर लिंडग्रेन ने 251.4 के स्कोर के साथ रजत पदक अपने नाम किया। क्रोएशिया के मारिचिच मिरान ने 230 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। वहीं, अर्जुन का फाइनल स्कोर 208.4 रहा।
भारत के स्टार शूटर अर्जुन बाबुता पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में पदक से चूक गए। वह 15वें शॉट तक शीर्ष तीन में चल रहे थे। कभी वह दूसरे स्थान पर आए तो कभी तीसरे स्थान पर, लेकिन पदक नहीं जीत सके। एक वक्त तो वह पहले स्थान पर रहे लिहाए शेंग से 0.1 अंक पीछे थे। इसके बाद उनका फॉर्म बिगड़ा और 16वें शॉट के बाद चौथे स्थान पर लुढ़क गए। चौथे स्थान पर पहुंचते ही वह 17वें और 18वें शॉट में एलिमिनेशन में पहुंच गए। उनका सामना मारिचित मिरान के साथ था। 17वें प्रयास में बाबुता ने 10.3 का शॉट लगाया, जबकि मिरान ने 10.6 का शॉट लगाया। 18वें प्रयास में मिरान ने फिर 10.6 का शॉट लगाया, जबकि बाबुता ने 9.9 का शॉट लगाया। इसी के साथ कुल 230 का स्कोर लेकर बाबुता बाहर हो गए। वहीं, चीन के शेंग लिहाओ 252.2 के ओलंपिक रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। वहीं, स्वीडन के विक्टर लिंडग्रेन ने 251.4 के स्कोर के साथ रजत पदक अपने नाम किया। क्रोएशिया के मारिचिच मिरान ने 230 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। वहीं, अर्जुन का फाइनल स्कोर 208.4 रहा।
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मनु भाकर
- फोटो : PTI
मनु भाकर 25 मीटर पिस्टल के फाइनल के शूटऑफ में कांस्य की लड़ाई हारीं
भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर पदक से चूक गईं। वह महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं। इस स्पर्धा में कुल 10 सीरीज के शॉट्स लगाए जाने थे। एक सीरीज में कुल पांच शॉट्स थे। तीन सीरीज के बाद एलिमिनेशन का दौर शुरू हुआ था। मनु आठ सीरीज के बाद 28 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहीं। यानी 40 में से मनु के 28 शॉट्स ग्रीन हुए। बाकी निशाने पर नहीं लगे। आठवीं सीरीज में उनके और चौथे स्थान पर मौजूद हंगरी की वेरोनिका मेजर के बीच लड़ाई थी। इस सीरीज में मनु तीन शॉट चूक गईं, जबकि वेरोनिका ने दो शॉट मिस किए और तीन शॉट्स निशाने पर लगे। आठ सीरीज के बाद मनु 28 अंक के साथ हंगरी की वेरोनिका मेजर के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर थी। इसके बाद शूट ऑफ में मनु पांच में से तीन निशाना ही लगा सकीं, जबकि मेजर ने चार सटीक निशाने लाए। इस तरह मनु पदक से चूक गईं। वेरोनिका ने कांस्य पर कब्जा जमाया। दक्षिण कोरिया की जिन यांग ने स्वर्ण और फ्रांस की कैमिली ने रजत पदक जीता। 10 सीरीज के बाद दोनों का स्कोर 37-37 था। फिर दोनों के बीच शूटआउट हुआ, जिसमें जिन ने चार शॉट्स निशाने पर लगाए, जबकि कैमिली का सिर्फ एक शॉट निशाने पर लगा।
भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर पदक से चूक गईं। वह महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं। इस स्पर्धा में कुल 10 सीरीज के शॉट्स लगाए जाने थे। एक सीरीज में कुल पांच शॉट्स थे। तीन सीरीज के बाद एलिमिनेशन का दौर शुरू हुआ था। मनु आठ सीरीज के बाद 28 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहीं। यानी 40 में से मनु के 28 शॉट्स ग्रीन हुए। बाकी निशाने पर नहीं लगे। आठवीं सीरीज में उनके और चौथे स्थान पर मौजूद हंगरी की वेरोनिका मेजर के बीच लड़ाई थी। इस सीरीज में मनु तीन शॉट चूक गईं, जबकि वेरोनिका ने दो शॉट मिस किए और तीन शॉट्स निशाने पर लगे। आठ सीरीज के बाद मनु 28 अंक के साथ हंगरी की वेरोनिका मेजर के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर थी। इसके बाद शूट ऑफ में मनु पांच में से तीन निशाना ही लगा सकीं, जबकि मेजर ने चार सटीक निशाने लाए। इस तरह मनु पदक से चूक गईं। वेरोनिका ने कांस्य पर कब्जा जमाया। दक्षिण कोरिया की जिन यांग ने स्वर्ण और फ्रांस की कैमिली ने रजत पदक जीता। 10 सीरीज के बाद दोनों का स्कोर 37-37 था। फिर दोनों के बीच शूटआउट हुआ, जिसमें जिन ने चार शॉट्स निशाने पर लगाए, जबकि कैमिली का सिर्फ एक शॉट निशाने पर लगा।
