सरकार लगातार डिजिटल भुगतान पर जोर दे रही है। कैशलेस लेनदेन को प्रोत्साहित किया जा रहा है और डिजिटल इंडिया पहल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको कहीं भी कैश लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस आपके पास एक स्मार्टफोन होना चाहिए और आप आराम से कहीं भी किसी को भी झट से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। आजकल तो लोग क्यूआर कोड के इस्तेमाल से आसानी से पैसे भेज देते हैं। क्यूआर कोड अक्सर छोटी-बड़ी दुकानों में देखने को मिल जाते हैं। इससे पेमेंट करना सुरक्षित भी माना जाता है। कुछ साल पहले तक क्यूआर कोड के बारे में बहुत कम ही लोगों को जानकारी होती थी, लेकिन अब ऑनलाइन पेमेंट के लिए इसका इस्तेमाल ही लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं। अगर आप दुकानदार हैं तो चाहें तो खुद का भी क्यूआर कोड बना सकते हैं। आइए जानते हैं इसका प्रोसेस क्या है?
सबसे पहले तो आप ये जान लीजिए कि क्यूआर कोड आखिर होता क्या है और यह कैसे काम करता है? दरअसल, इसका फुल फॉर्म होता है क्विक रिस्पांस कोड। किसी खास तरह की जानकारी को सांकेतिक शब्दों में बदलने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
अगर आप दुकानदार हैं तो क्यूआर कोड जनरेट करने के लिए सबसे पहले तो आपके पास एक बैंक अकाउंट होना चाहिए। अगर है तो उसे भीम एप से लिंक कर लें और अपना यूनिक भारत क्यूआर कोड आसानी से जेनरेट कर लें। इसके बाद उसे प्रिंट करके दुकान की दीवार पर या किसी भी जगह पर चिपका दें।
अगर आप ग्राहक हैं तो क्यूआर कोड की मदद से पेमेंट करने के लिए आपको अपने फोन में अपना बैंक एप या भीम एप इंस्टॉल करना होगा। किसी भी दुकान पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए एप को खोलना होगा और ऊपर बने स्कैनर से कोड को स्कैन करना होगा। इसके बाद आसानी से पेमेंट कर दीजिए।