Muzaffarnagar : भाकियू में फूट से टूट गए थे जौला, हर-हर महादेव और अल्लाह-हू-अकबर का दिया था नारा


टिकैत को आखिरी श्रद्धांजलि देकर गए जौला
रविवार को सिसौली के किसान भवन पर आयोजित कार्यक्रम में गुलाम मोहम्मद जौला शामिल हुए थे। उन्हें रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह से भी मुलाकात की थी। टिकैत परिवार के करीबियों में रहे और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के निधन के बाद से हमेशा पुण्यतिथि के कार्यक्रमों में शामिल रहे।
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भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, अनिल बालियान, थानाभवन के विधायक अशरफ अली, पूर्व विधायक अब्दुल राव वारिस, पूर्व विधायक नवाजिश आलम, पूर्व सांसद कादिर राना, कृष्णपाल राठी, अजित राठी, पूर्व प्रमुख विनोद मलिक, जमशेद अली, सपा विधायक विधायक पंकज मलिक, रामकुमार सहरावत, जमीयत के हाफिज शेरदीन, सिवाल खास के विधायक गुलाम मोहम्मद, मोहम्मद आरिफ जौला, रालोद नेता प्रभात तोमर, अनिल डबास, सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, सुबोध त्यागी, दारुल उलूम देवबंद से आए मौलाना यामीन, जमीयत नेता आसिफ कुरैशी शामिल हुए। नमाज-ए-जनाजा मौलाना इमरान हुसैनपुरी ने अदा करवाया।

फुगाना में मिले और टिकैत के बन गए साथी
किसान आंदोलनों में जेल की यात्राएं करने वाले गुलाम मोहम्मद जौला हमेशा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ रहे। भाकियू के प्रदेश सचिव ओमपाल मलिक बताते हैं कि 11 फरवरी 1987 को फुगाना के लक्ष्मी शिव मंदिर में पंचायत हुई थी। जौला से गुलाम मोहम्मद अपने समर्थकों के साथ पंचायत में शामिल हुए। टिकैत के साथ पहली मुलाकात के बाद वह हमेशा भाकियू के साथ जुड़ गए। भाकियू की हर पंचायत का माइक गुलाम मोहम्मद के हाथ में होता था। मंच संचालक का अंदाज किसानों को खूब भाया। वह मजाकिया लहजे में बड़ी और गंभीर बातें कहने में माहिर थे। दिवंगत भाकियू अध्यक्ष उन पर बेहद भरोसा करते थे।

कई दशक से किसान राजनीति से जुड़े गुलाम मोहम्मद जौला ने चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ उनके दाहिने हाथ के रूप में सभी आंदोलनों में भाग लिया। भाकियू के खेड़ी करमू आंदोलन से हर-हर महादेव व अल्लाह-हू-अकबर के नारे का जन्म हुआ था। यह नारा गुलाम मोहम्मद जौला ने दिया था।