भाकियू की किसान पंचायतों के मंच का संचालन करने वाले और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के नजदीकी रहे किसान नेता गुलाम मोहम्मद (87) का हृदयगति रुकने से इंतकाल हो गया। प्रधान जमशेद अली ने बताया कि वह भाकियू में बिखराव से आहत थे और सोमवार सुबह अखबार पढ़ने के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया।
गुलाम मोहम्मद 27 साल तक हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब के राज्यपाल रहे वीरेंद्र वर्मा के साथ जुड़े रहे। इसके बाद 1987 में वह भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ जुड़े और उनके साथ चले। मजाकिया अंदाज में मंच संचालन के माहिर थे और इसी वजह से किसानों के बीच लोकप्रिय भी रहे। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद एक नवंबर 2013 को उन्होंने भाकियू से अलग होकर भारतीय किसान मजदूर मंच का गठन किया था। रविवार को सिसौली में बाबा टिकैत की पुण्य तिथि पर हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भी वह शामिल हुए थे।
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Muzaffarnagar : भाकियू में फूट से टूट गए थे जौला, हर-हर महादेव और अल्लाह-हू-अकबर का दिया था नारा
अमर उजाला ब्यूरो, मुजफ्फरनगर
Published by: Dimple Sirohi
Updated Tue, 17 May 2022 11:53 AM IST
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गुलाम मोहम्म्द जौला
- फोटो : amar ujala

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गुलाम मोहम्म्द जौला महेंद्र टिकैत के साथ
- फोटो : amar ujala
टिकैत को आखिरी श्रद्धांजलि देकर गए जौला
रविवार को सिसौली के किसान भवन पर आयोजित कार्यक्रम में गुलाम मोहम्मद जौला शामिल हुए थे। उन्हें रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह से भी मुलाकात की थी। टिकैत परिवार के करीबियों में रहे और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के निधन के बाद से हमेशा पुण्यतिथि के कार्यक्रमों में शामिल रहे।
यह भी पढ़ें: Muzaffarnagar: गुलाम मोहम्मद की अंतिम यात्रा में उमड़ा सैलाब, चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत को आखिरी श्रद्धांजलि, तस्वीरें
रविवार को सिसौली के किसान भवन पर आयोजित कार्यक्रम में गुलाम मोहम्मद जौला शामिल हुए थे। उन्हें रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह से भी मुलाकात की थी। टिकैत परिवार के करीबियों में रहे और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के निधन के बाद से हमेशा पुण्यतिथि के कार्यक्रमों में शामिल रहे।
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गुलाम मोहम्म्द जौला महेंद्र टिकैत के साथ
- फोटो : amar ujala
जौला पहुंचकर इन्होंने दी श्रद्धांजलि
भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, अनिल बालियान, थानाभवन के विधायक अशरफ अली, पूर्व विधायक अब्दुल राव वारिस, पूर्व विधायक नवाजिश आलम, पूर्व सांसद कादिर राना, कृष्णपाल राठी, अजित राठी, पूर्व प्रमुख विनोद मलिक, जमशेद अली, सपा विधायक विधायक पंकज मलिक, रामकुमार सहरावत, जमीयत के हाफिज शेरदीन, सिवाल खास के विधायक गुलाम मोहम्मद, मोहम्मद आरिफ जौला, रालोद नेता प्रभात तोमर, अनिल डबास, सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, सुबोध त्यागी, दारुल उलूम देवबंद से आए मौलाना यामीन, जमीयत नेता आसिफ कुरैशी शामिल हुए। नमाज-ए-जनाजा मौलाना इमरान हुसैनपुरी ने अदा करवाया।
भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, अनिल बालियान, थानाभवन के विधायक अशरफ अली, पूर्व विधायक अब्दुल राव वारिस, पूर्व विधायक नवाजिश आलम, पूर्व सांसद कादिर राना, कृष्णपाल राठी, अजित राठी, पूर्व प्रमुख विनोद मलिक, जमशेद अली, सपा विधायक विधायक पंकज मलिक, रामकुमार सहरावत, जमीयत के हाफिज शेरदीन, सिवाल खास के विधायक गुलाम मोहम्मद, मोहम्मद आरिफ जौला, रालोद नेता प्रभात तोमर, अनिल डबास, सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, सुबोध त्यागी, दारुल उलूम देवबंद से आए मौलाना यामीन, जमीयत नेता आसिफ कुरैशी शामिल हुए। नमाज-ए-जनाजा मौलाना इमरान हुसैनपुरी ने अदा करवाया।

फाइल फोटो।
- फोटो : amar ujala
फुगाना में मिले और टिकैत के बन गए साथी
किसान आंदोलनों में जेल की यात्राएं करने वाले गुलाम मोहम्मद जौला हमेशा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ रहे। भाकियू के प्रदेश सचिव ओमपाल मलिक बताते हैं कि 11 फरवरी 1987 को फुगाना के लक्ष्मी शिव मंदिर में पंचायत हुई थी। जौला से गुलाम मोहम्मद अपने समर्थकों के साथ पंचायत में शामिल हुए। टिकैत के साथ पहली मुलाकात के बाद वह हमेशा भाकियू के साथ जुड़ गए। भाकियू की हर पंचायत का माइक गुलाम मोहम्मद के हाथ में होता था। मंच संचालक का अंदाज किसानों को खूब भाया। वह मजाकिया लहजे में बड़ी और गंभीर बातें कहने में माहिर थे। दिवंगत भाकियू अध्यक्ष उन पर बेहद भरोसा करते थे।
किसान आंदोलनों में जेल की यात्राएं करने वाले गुलाम मोहम्मद जौला हमेशा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ रहे। भाकियू के प्रदेश सचिव ओमपाल मलिक बताते हैं कि 11 फरवरी 1987 को फुगाना के लक्ष्मी शिव मंदिर में पंचायत हुई थी। जौला से गुलाम मोहम्मद अपने समर्थकों के साथ पंचायत में शामिल हुए। टिकैत के साथ पहली मुलाकात के बाद वह हमेशा भाकियू के साथ जुड़ गए। भाकियू की हर पंचायत का माइक गुलाम मोहम्मद के हाथ में होता था। मंच संचालक का अंदाज किसानों को खूब भाया। वह मजाकिया लहजे में बड़ी और गंभीर बातें कहने में माहिर थे। दिवंगत भाकियू अध्यक्ष उन पर बेहद भरोसा करते थे।
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अंतिम यात्रा।
- फोटो : amar ujala
हर-हर महादेव और अल्लाह-हू-अकबर का दिया नारा
कई दशक से किसान राजनीति से जुड़े गुलाम मोहम्मद जौला ने चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ उनके दाहिने हाथ के रूप में सभी आंदोलनों में भाग लिया। भाकियू के खेड़ी करमू आंदोलन से हर-हर महादेव व अल्लाह-हू-अकबर के नारे का जन्म हुआ था। यह नारा गुलाम मोहम्मद जौला ने दिया था।
कई दशक से किसान राजनीति से जुड़े गुलाम मोहम्मद जौला ने चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ उनके दाहिने हाथ के रूप में सभी आंदोलनों में भाग लिया। भाकियू के खेड़ी करमू आंदोलन से हर-हर महादेव व अल्लाह-हू-अकबर के नारे का जन्म हुआ था। यह नारा गुलाम मोहम्मद जौला ने दिया था।