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Names in the race for the new army chief of Pakistan, know who hatched what conspiracies against India
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Pakistan: पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ के लिए इन नामों का चर्चा, जानें किसने भारत के खिलाफ कौन सी साजिशें रचीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Sun, 21 Aug 2022 11:23 PM IST
सार
माना जा रहा है कि अगले हफ्ते तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस पर फैसला ले सकते हैं। नियम के अनुसार सरकार की सलाह पर ही राष्ट्रपति नए आर्मी चीफ और जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी की नियुक्ति करते हैं।
पाकिस्तान का अगला आर्मी चीफ कौन होगा?
- फोटो : अमर उजाला
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पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में अब नए आर्मी चीफ की तलाश शुरू हो गई है। इसके साथ ही जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी की नियुक्ति भी होनी है। चार स्टार रैंक वाले अफसरों को ही इन पदों पर नियुक्त किया जाता है।
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माना जा रहा है कि अगले हफ्ते तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस पर फैसला ले सकते हैं। नियम के अनुसार सरकार की सलाह पर ही राष्ट्रपति नए आर्मी चीफ और जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी की नियुक्ति करते हैं।
ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि पाकिस्तान में आर्मी चीफ की नियुक्ति कैसे होती है? अभी कौन-कौन इसके लिए दावेदार है? इनकी योग्यता क्या है?
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पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा
- फोटो : सोशल मीडिया
पहले जान लीजिए कैसे होती है आर्मी चीफ की नियुक्ति?
पाकिस्तान में आर्मी चीफ की नियुक्ति के लिए कोई रूल बुक नहीं है। हालांकि, पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 243(3) के मुताबिक प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति सेना प्रमुख की नियुक्ति करते हैं। पारंपरिक तौर पर जनरल हेडक्वार्टर की तरफ से चार सबसे वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल की सूची रक्षा मंत्रालय को भेजी जाती है। फिर उनमें से नए आर्मी चीफ का चुनाव प्रधानमंत्री करते हैं। रक्षा मंत्रालय पीएम को नाम भेजने से पहले जांच कर सकता है। हालांकि, आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। प्रधानमंत्री के पास जब चार-पांच नाम आते हैं, तो उनमें से किसी एक नाम का चयन करके उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति अंतिम मुहर लगाते हैं।
अब जानिए कौन-कौन है नए आर्मी चीफ के दावेदारों में?
1. लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर
आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के बाद सबसे सीनियर अफसर लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर हैं। 2018 में मुनीर को आईएसआई चीफ बनाया गया था, हालांकि आठ महीने बाद ही प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें हटा दिया था। इमरान ने तब अपने करीबी फैज हमीद को आईएसआई चीफ मनाया था। वहीं, असीम मुनीर को गुजरांवाला कॉर्प्स कमांडर के पद पर ट्रांसफर कर दिया था। मुनीर मिलिट्री इंटेलीजेंस के डायरेक्टर जनरल भी रह चुके हैं। मुनीर को पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान मिल चुका है।
आसीम मुनीर को भारत के खिलाफ साजिश रचने में माहिर माना जाता है। मुनीर के मिलिट्री इंटेलीजेंस के चीफ रहते हुए भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा 2292 सीज फायर का उल्लंघन किया। मुनीर के कार्यकाल के दौरान कश्मीर में कुल 598 आतंकी घटनाएं हुईं। 539 घुसपैठ की घटनाएं हुईं। हनीट्रैप के मामले बढ़ गए थे। पाकिस्तानी जासूस डीआरडीओ के वैज्ञानिक, सेना के अफसर और जवानों को अपनी जाल में फंसाकर सारी जानकारी लेते थे।
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लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा
- फोटो : अमर उजाला
2. लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा
लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद सिंध रेजिमेंट से आते हैं। शमशाद क्वाड्रिलेट्रल कोऑर्डिनेशन ग्रुप का हिस्सा रह चुके हैं, जिसमें अफगानिस्तान के मसलों पर चर्चा के लिए पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान और अमेरिका शामिल थे। इसके बाद उनका थ्री स्टार रैंक में प्रोमोशन हुआ। अभी साहिर जनरल बाजवा के बाद आर्मी में दूसरे सबसे ताकतवर अफसर हैं।
1985 में शमशाद सेकेंड लेफ्टिनेंट के तौर पर आर्मी में शामिल हुए थे। 2001 में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर पीओके में तैनात किया गया था। 2001 से 2002 तक भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भारत और पाकिस्तान के बीच हिंसक गतिरोध हुआ था। इसमें दोनों तरफ के कई लोग मारे गए थे। इस स्टैंड ऑफ के लिए साहिर शमशाद को पुरस्कार दिया गया था। इसके पहले 1998 में बलूचिस्तान में परमाणु परीक्षण के लिए भी शमशाद को इनाम मिल चुका है। सियाचिन के पास भी शमशाद अपनी सेवाएं दे चुके हैं। शमशाद डायरेक्टर जनरल मिलिट्री इंटेलीजेंस, वाइस चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के पद पर भी रह चुके हैं। साहिर भी भारत के खिलाफ साजिश रचने में माहिर हैं।
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लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास
- फोटो : अमर उजाला
3. लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास
जनरल अजहर अब्बास अभी पाकिस्तान आर्मी के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के पद पर हैं। अब्बास को भारतीय मामलों का जानकार माना जाता है। बलूच में भी लंबे समय तक अब्बास कमान संभाल चुके हैं। 2001 से 2002 तक भारत-पाकिस्तान के बीच हुए गतिरोध के लिए अब्बास को सम्मानित किया गया था। इसके अलावा पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण में भी अब्बास ने अहम भूमिका थी।
लेफ्टिनेंट जनरल अब्बास इन्फेंट्री स्कूल, क्वेटा के कमांडेंट के तौर पर काम कर चुके हैं। वे पूर्व आर्मी चीफ राहिल शरीफ के पर्सनल स्टाफ ऑफिसर थे। मुरी बेस्ड 12वीं इन्फेंट्री डिवीजन के कमांडर के तौर पर वे पीओके की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। कहा जाता है कि अब्बास के पीओके में तैनाती के दौरान सबसे ज्यादा आतंकियों की घुसपैठ भारत में हुई थी। अब्बास को भारत में आतंकी घटनाओं को कराने में माहिर माना जाता है।
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