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Amritsar News: पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के बुक डिपो में चार साल की हेराफेरी उजागर, तीन कर्मचारी चार्जशीट

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Thu, 11 Dec 2025 10:11 PM IST
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A four-year-long embezzlement scam has been uncovered at the Punjab School Education Board's book depot; three employees have been charged.
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-ऑडिट में करोड़ों रुपये का अंतर, 2018 से 2022 तक के रिकॉर्ड में माइनस बैलेंस, ओवरराइटिंग और अधूरे खाते मिले
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विशाल शंकर

मोहाली। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के जालंधर और कपूरथला स्थित बुक सेल डिपो में चार साल से चल रही कथित वित्तीय हेराफेरी का बड़ा मामला सामने आया है। बोर्ड के चेयरमैन अमरपाल सिंह ने गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि के बाद तीन कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए चार्जशीट जारी की है। यह कार्रवाई वर्ष 2018 से 2022 तक के रिकॉर्ड की व्यापक जांच के बाद की गई।

मामले का खुलासा तब हुआ जब बोर्ड ने अपने ऑडिटर युद्धवीर सिंह चौहान से दोनों क्षेत्रीय डिपो का विस्तृत ऑडिट करवाया। ऑडिट रिपोर्ट में पुस्तकों की खरीद-बिक्री के लेजर मिलान में करोड़ों रुपये का भारी अंतर सामने आया। जांच में कई गंभीर कमियां पाई गईं। इसमें लेजरों में कागजी कटिंग, पेंसिल से प्रविष्टियां, ओवरराइटिंग और माइनस बैलेंस को बाद में अतिरिक्त पुस्तकों की दिखावटी जोड़ के जरिये निल किए जाने जैसे कई तथ्य उजागर हुए।
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रिपोर्ट को आगे की जांच के लिए रिटायर्ड जज परमेंदर सिंह को सौंपा गया। उन्होंने अपनी जांच में तीन कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की सिफारिश की। इसके बाद बोर्ड ने लोकल ऑडिट एग्जामिनेशन पूरा कर अमरजीत सिंह (सीनियर असिस्टेंट, स्टोर कीपर), कुलवंत सिंह (सीनियर असिस्टेंट, क्षेत्रीय कार्यालय कपूरथला) सहित तीन कर्मचारियों को चार्जशीट कर दिया।

दो वर्षों के स्टॉक खाते मुख्य कार्यालय नहीं भेजे

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि दो वर्षों के स्टॉक खाते मुख्य कार्यालय को भेजे ही नहीं गए और कई लेजर समय पर तैयार नहीं किए गए। स्टॉक लेजर और वास्तविक बुक बैलेंस में भी बड़ा अंतर पाया गया। ऑडिटर ने बताया कि स्टोर का चार्ज समय पर न सौंपे जाने के कारण किताबों की बिक्री भी रुक गई जिससे बोर्ड को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
बोर्ड की कार्रवाई के बाद विभाग में चर्चा तेज हो गई है और संकेत हैं कि आने वाले दिनों में इस मामले में और जिम्मेदारियां तय की जा सकती हैं।

जांच में सामने आए मुख्य बिंदु
-लेजरों में ओवरराइटिंग और कागजी कटिंग।
-करोड़ों रुपये का बैलेंस अंतर।
-माइनस बैलेंस को बाद में पुस्तकों से एडजस्ट किया गया।
-दो साल के स्टॉक खाते मुख्य कार्यालय को नहीं भेजे गए।
-स्टोर चार्ज विवाद के चलते बिक्री प्रभावित।
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