{"_id":"693ae7d75215f369c703a1ef","slug":"basmati-rice-exporters-in-punjab-are-unfazed-by-trumps-threat-to-impose-higher-tariffs-on-rice-amritsar-news-c-74-1-lud1001-113362-2025-12-11","type":"story","status":"publish","title_hn":"Amritsar News: चावल पर अधिक टैरिफ लगाने की ट्रंप की धमकी से पंजाब के बासमती निर्यातक बेफिक्र","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Amritsar News: चावल पर अधिक टैरिफ लगाने की ट्रंप की धमकी से पंजाब के बासमती निर्यातक बेफिक्र
विज्ञापन
विज्ञापन
-कुल भारतीय चावल निर्यात में अमेरिका के बाजार की हिस्सेदारी महज तीन प्रतिशत
-निर्यातक बोले, अगस्त में पचास फीसदी टैरिफ लगने के बाद यूएस से चावल के आर्डर में कमी, अब नहीं पड़ेगा कोई फर्क
-- -
राजीव शर्मा
लुधियाना। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय चावल पर और टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। अमेरिकी प्रशासन का तर्क है कि भारत यूएस के मार्केट में चावल डंप कर रहा है, लेकिन पंजाब के बासमती निर्यातक ट्रंप की इस धमकी से बेफिक्र हैं, उनका तर्क है कि देश से कुल चावल निर्यात का महज तीन फीसदी ही अमेरिकन बाजार में भेजा जा रहा है। देश से बासमती निर्यात में पंजाब की अहम हिस्सेदारी है। निर्यातकों के अनुसार 27 अगस्त 2025 से यूएस ने भारतीय उत्पादों पर पचास फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा रखा है उसके बाद से यूएस के बायर्स ने वैसे ही आर्डर काफी कम कर दिए हैं, ऐसे में अब और टैरिफ लगाने से कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन इतना जरूर है कि भारतीय निर्यातक अब अन्य देशों में निर्यात बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं।
172 देश महक रहे भारतीय बासमती की खुशबू से
-भारतीय चावल का स्वाद, विशेष खुशबू, लंबाई विश्व भर के लोगों की पसंदीदा है, ऐसे में भारतीय बासमती एवं जैसमीन चावल की मांग विश्व में है, तभी तो विश्व के 172 देशों में भारत का चावल निर्यात किया जाता है। भारत चावल उत्पादन में विश्व में नंबर वन है और निर्यात में भी अव्वल है।
चुनौतियों के बीच विश्व बाजार में बढ़ रही मांग
-वर्ष 2024-25 में भारत से बासमती एवं नान बासमती का निर्यात 2.02 करोड़ टन था, जोकि चालू वित्त वर्ष में टैरिफ चुनौतियों के बावजूद 16 फीसदी उछाल के साथ 2.35 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। यूएस के टैरिफ वार के बीच भी भारतीय चावल की मांग ओवरसीज बाजार में बढ़ रही है।
यूएस में एशियन लोगों की पहली पसंद भारतीय चावल
भारत ने बासमती एवं नान बासमती चावल का 2024-25 में निर्यात 12.5 अरब डाॅलर रहा। इसमें से केवल 39.20 करोड़ डाॅलर चावल का निर्यात यूएस मार्केट में किया गया। इसमें से 86 फीसदी हिस्सेदारी प्रीमियत बासमती चावल की और 14 फीसदी नान बासमती चावल की रही। यूएस में बड़ी संख्या में एशियन लोग रहते हैं और उनकी पहली पसंद भारतीय बासमती चावल है।
सऊदी अरब सबसे बड़ा खरीदार
भारतीय चावल का सबसे बड़ा खरीदार सऊदी अरब है। वर्ष 2024-25 में साउदी अरब में 11.73 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया गया। उसके बाद इराक को 9.5 लाख टन फिर इरान को 8.55 लाख टन और यूएस को महज 2.74 लाख टन चावल का निर्यात किया गया। अभी अमेरिका ने भारतीय चावल पर 53 फीसदी टैरिफ लगा रखा है। पंजाब बासमती एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के डायरेक्टर अशोक सेठी का कहना है कि अमेरिका ने पहले ही भारत पर अगस्त से पचास फीसदी टैरिफ लगाया है। इस वजह से अमेरिका के बायर्स खुल का चावल नहीं मंगवा रहे। अभी अमेरिका में काफी कम मात्रा में चावल भेजा रहा है, ऐसे में वहां पर डंप करने का कोई सवाल नहीं है।
Trending Videos
-निर्यातक बोले, अगस्त में पचास फीसदी टैरिफ लगने के बाद यूएस से चावल के आर्डर में कमी, अब नहीं पड़ेगा कोई फर्क
राजीव शर्मा
लुधियाना। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय चावल पर और टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। अमेरिकी प्रशासन का तर्क है कि भारत यूएस के मार्केट में चावल डंप कर रहा है, लेकिन पंजाब के बासमती निर्यातक ट्रंप की इस धमकी से बेफिक्र हैं, उनका तर्क है कि देश से कुल चावल निर्यात का महज तीन फीसदी ही अमेरिकन बाजार में भेजा जा रहा है। देश से बासमती निर्यात में पंजाब की अहम हिस्सेदारी है। निर्यातकों के अनुसार 27 अगस्त 2025 से यूएस ने भारतीय उत्पादों पर पचास फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा रखा है उसके बाद से यूएस के बायर्स ने वैसे ही आर्डर काफी कम कर दिए हैं, ऐसे में अब और टैरिफ लगाने से कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन इतना जरूर है कि भारतीय निर्यातक अब अन्य देशों में निर्यात बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं।
172 देश महक रहे भारतीय बासमती की खुशबू से
-भारतीय चावल का स्वाद, विशेष खुशबू, लंबाई विश्व भर के लोगों की पसंदीदा है, ऐसे में भारतीय बासमती एवं जैसमीन चावल की मांग विश्व में है, तभी तो विश्व के 172 देशों में भारत का चावल निर्यात किया जाता है। भारत चावल उत्पादन में विश्व में नंबर वन है और निर्यात में भी अव्वल है।
विज्ञापन
विज्ञापन
चुनौतियों के बीच विश्व बाजार में बढ़ रही मांग
-वर्ष 2024-25 में भारत से बासमती एवं नान बासमती का निर्यात 2.02 करोड़ टन था, जोकि चालू वित्त वर्ष में टैरिफ चुनौतियों के बावजूद 16 फीसदी उछाल के साथ 2.35 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। यूएस के टैरिफ वार के बीच भी भारतीय चावल की मांग ओवरसीज बाजार में बढ़ रही है।
यूएस में एशियन लोगों की पहली पसंद भारतीय चावल
भारत ने बासमती एवं नान बासमती चावल का 2024-25 में निर्यात 12.5 अरब डाॅलर रहा। इसमें से केवल 39.20 करोड़ डाॅलर चावल का निर्यात यूएस मार्केट में किया गया। इसमें से 86 फीसदी हिस्सेदारी प्रीमियत बासमती चावल की और 14 फीसदी नान बासमती चावल की रही। यूएस में बड़ी संख्या में एशियन लोग रहते हैं और उनकी पहली पसंद भारतीय बासमती चावल है।
सऊदी अरब सबसे बड़ा खरीदार
भारतीय चावल का सबसे बड़ा खरीदार सऊदी अरब है। वर्ष 2024-25 में साउदी अरब में 11.73 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया गया। उसके बाद इराक को 9.5 लाख टन फिर इरान को 8.55 लाख टन और यूएस को महज 2.74 लाख टन चावल का निर्यात किया गया। अभी अमेरिका ने भारतीय चावल पर 53 फीसदी टैरिफ लगा रखा है। पंजाब बासमती एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के डायरेक्टर अशोक सेठी का कहना है कि अमेरिका ने पहले ही भारत पर अगस्त से पचास फीसदी टैरिफ लगाया है। इस वजह से अमेरिका के बायर्स खुल का चावल नहीं मंगवा रहे। अभी अमेरिका में काफी कम मात्रा में चावल भेजा रहा है, ऐसे में वहां पर डंप करने का कोई सवाल नहीं है।