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Punjab: फगवाड़ा के होटल में साइबर क्राइम ब्रांच ने देर रात दी दबिश, 40 लोग हिरासत में; फर्नीचर भी ले गई पुलिस
संवाद न्यूज एजेंसी, फगवाड़ा (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 19 Sep 2025 12:33 PM IST
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सार
वीरवार रात लगभग साढ़े नौ बजे साइबर क्राइम की टीम ने होटल में दबिश दी। पूरी रात यहां पर जांच चलती रही। शुक्रवार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे पुलिस ने यहां से 40 लोगों को हिरासत में लिया तथा मौके से मिला सारा रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया है।

होटल में पुलिस की रेड
- फोटो : संवाद
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विस्तार
फगवाड़ा के पलाही रोड पर स्थित ताज विलास होटल में पुलिस ने रेड की और युवक युवतियों को हिरासत में लिया है। जानकारी के अनुसार फगवाड़ा पुलिस ने डीएसपी भारत भूषण और साइबर सेल कपूरथला की इंस्पेक्टर अमनदीप कौर की अगुवाई में एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस छापेमारी को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कपूरथला और फगवाड़ा सिटी पुलिस ने मिलकर अंजाम दिया।
छापे के दौरान 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 40 लैपटॉप, 67 मोबाइल फोन तथा 10 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इसके तहत एफआईआर नंबर 14, तिथि 19 सितंबर 2025, पुलिस स्टेशन साइबर क्राइम कपूरथला में दर्ज की गई है। अभियुक्तों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 111, 318(4), 61(2) तथा आईटी एक्ट की धाराओं 663 व 664 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। बड़े नेटवर्क और धन के लेन-देन के स्रोतों की जांच के लिए जांच जारी है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि यह रैकेट अमरिंदर सिंह उर्फ साबी टोहरी, निवासी मोहल्ला गुजराती द्वारा चलाया जा रहा था।
उन्होंने होटल लीज पर लेकर इसे एक अवैध कॉल सेंटर बना रखा था। कॉल सेंटर की देखरेख जसप्रीत सिंह और साजन मदान (साऊथ एवेन्यू, नई दिल्ली) कर रहे थे। दोनों का सीधा संपर्क दिल्ली के एक व्यक्ति सूरज से मिला है, जो कोलकाता के शेन से जुड़ा हुआ है। पुलिस के अनुसार गिरोह अमेरिका और कनाडा के लोगों को सॉफ्टवेयर समाधान उपलब्ध कराने के नाम पर धोखाधड़ी कर रहा था। इनके लेन-देन मुख्यतः बिटकॉइन के माध्यम से होते थे, जबकि हवाला चैनलों के जरिये भी पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। अधिकारियों ने कहा कि धोखाधड़ी के दायरे और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की जानकारी के लिए और जांच जारी है।

छापे के दौरान 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 40 लैपटॉप, 67 मोबाइल फोन तथा 10 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इसके तहत एफआईआर नंबर 14, तिथि 19 सितंबर 2025, पुलिस स्टेशन साइबर क्राइम कपूरथला में दर्ज की गई है। अभियुक्तों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 111, 318(4), 61(2) तथा आईटी एक्ट की धाराओं 663 व 664 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। बड़े नेटवर्क और धन के लेन-देन के स्रोतों की जांच के लिए जांच जारी है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि यह रैकेट अमरिंदर सिंह उर्फ साबी टोहरी, निवासी मोहल्ला गुजराती द्वारा चलाया जा रहा था।
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उन्होंने होटल लीज पर लेकर इसे एक अवैध कॉल सेंटर बना रखा था। कॉल सेंटर की देखरेख जसप्रीत सिंह और साजन मदान (साऊथ एवेन्यू, नई दिल्ली) कर रहे थे। दोनों का सीधा संपर्क दिल्ली के एक व्यक्ति सूरज से मिला है, जो कोलकाता के शेन से जुड़ा हुआ है। पुलिस के अनुसार गिरोह अमेरिका और कनाडा के लोगों को सॉफ्टवेयर समाधान उपलब्ध कराने के नाम पर धोखाधड़ी कर रहा था। इनके लेन-देन मुख्यतः बिटकॉइन के माध्यम से होते थे, जबकि हवाला चैनलों के जरिये भी पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। अधिकारियों ने कहा कि धोखाधड़ी के दायरे और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की जानकारी के लिए और जांच जारी है।