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Jalandhar By-Election: भाजपा ने कांग्रेस से आए दिग्गजों को सौंपी कमान, टीम सांपला को जिम्मेदारी नहीं
सुरिंदर पाल, अमर उजाला, जालंधर (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Sun, 05 Mar 2023 02:49 PM IST
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सार
जालंधर के कई तेजतर्रार भाजपा नेताओं को दरकिनार कर दिया गया है। टीम सांपला के दिग्गज नेताओं को भी जिम्मेदारी नहीं दी गई है। भाजपा में बाहरी पार्टियों से आए नेताओं के पास कमान रहेगी और दोनों के बीच तालमेल बना रहे, इसलिए भाजपा व कांग्रेस से आए नेताओं में एक तालमेल कमेटी बनाई गई है।

भाजपा
- फोटो : Social Media
विस्तार
जालंधर लोकसभा सीट का उपचुनाव सिर पर है। इस सीट पर अपनी खराब हालत देखते हुए भाजपा हाईकमान ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा ने यहां प्रचार के लिए दूसरे जिलों के नेताओं को उतारा है। ग्रामीण क्षेत्रों का जिम्मा सिख चेहरों को दिया गया है। यह सिख चेहरे हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। शहरी क्षेत्रों में प्रचार की कमान भाजपा के दिग्गज नेता व देहाती क्षेत्र में कांग्रेस से आए सिख चेहरे संभालेंगे।
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दिलचस्प बात है कि जालंधर के कई तेजतर्रार भाजपा नेताओं को दरकिनार कर दिया गया है। टीम सांपला के दिग्गज नेताओं को भी जिम्मेदारी नहीं दी गई है। भाजपा में बाहरी पार्टियों से आए नेताओं के पास कमान रहेगी और दोनों के बीच तालमेल बना रहे, इसलिए भाजपा व कांग्रेस से आए नेताओं में एक तालमेल कमेटी भी बनाई गई है।
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जालंधर भाजपा में सब ठीकठाक नहीं चल रहा है। उपचुनाव से कुछ समय पहले आम आदमी पार्टी के विधायक शीतल अंगुराल ऐसे नेताओं को आप में शामिल करवा गए, जिनकी पृष्ठभूमि आरएसएस की थी। इससे पहले कि भाजपा कुछ डैमेज कंट्रोल कर पाती अंगुराल ने भाजपा के कुछ और वरिष्ठ नेताओं को आप में शामिल करवा लिया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा भी इसे रोक नहीं पाए। इससे पार्टी के नेताओं का मनोबल बुरी तरह से गिर गया है। भाजपा के जालंधर के कई वरिष्ठ नेता विकल्प तलाशने में जुट गए हैं। भाजपा की लीडरशिप ने भी जालंधर में डैमेज कंट्रोल की कोशिश नहीं की। कई पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश शर्मा, सुभाष सूद, रवि महेंद्रू, प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य अमित तनेजा, पंजाब आढ़ती सेल के अध्यक्ष मोनू पुरी, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला के तमाम निकटवर्तियों को एक-एक कर किनारे कर दिया गया।
जालंधर में भाजपा अध्यक्ष सुशील शर्मा व नार्थ विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर दो बार विधायक बनने वाले केडी भंडारी के बीच भी तालमेल गड़बड़ाया हुआ है। हालात ऐसे बन गए थे कि आरएसएस से संबंधित लूधरा परिवार ने भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री श्रीनिवासल्लू के घर में खाना रखा। राजीव लूधरा के पास आरएसएस की अधिकारिक जिम्मेदारी भी है, लेकिन चंद दिनों में ही राजीव लूधरा के भाई अमित लूधरा आप में चले गए। इससे आरएसएस और भाजपा दोनों में बेचैनी है।
सभी वर्गों का ध्यान
होशियारपुर से पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद जालंधर सेंट्रल सीट पर तैनात किया गया है। जालंधर वेस्ट सीट, जहां से शीतल अंगुराल आप के विधायक हैं, वहां पूर्व विधायक अरविंद खन्ना की तैनाती की गई है। अरविंद खन्ना भाजपा हाईकमान के चहेते हैं। नार्थ से पूर्व विधायक अरुणेष शाकर, कैंट से जगदीप नकई व प्रेम मित्तल दोनों पूर्व विधायकों को जिम्मेदारी दी गई है। जालंधर लोकसभा क्षेत्र पांच विस सीटें देहात की आती हैं, जहां सिख व दलित समाज का बहुसंख्यक वोट है। करतारपुर में कांग्रेस से आए पूर्व मंत्री राणा सोढी (जाट बिरादरी) व पूर्व विधायक बलविंदर लाडी (दलित), शाहकोट में पूर्व मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, फिल्लौर में पूर्व सेहत मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू, आदमपुर में परमिंदर सिंह बराड़ व दलबीर सिंह वेरका व नकोदर में पूर्व विधायक अमरपाल सिंह बोनी अजनाला की जिम्मेदारी दी गई है।