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Ludhiana News: बिजली संशोधन बिल का विरोध, सरकार का दावा- किसानों के लिए फायदेमंद
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संवाद न्यूज एजेंसी
हलवारा। किसान जत्थेबंदियां पंजाब भर में बिजली (संशोधन) बिल का विरोध कर रहीं हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने दावा किया है कि प्रस्तावित बिजली (संशोधन) बिल किसानों के हितों को मजबूती देगा और वर्षों से चली आ रही बिजली व्यवस्था की अनिश्चितता को खत्म कर अधिक विश्वसनीय सप्लाई सुनिश्चित करेगा। सरकार के अनुसार यह सुधार कृषि उपभोक्ताओं के लिए स्थिरता, पारदर्शिता और सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है।
देश का बिजली क्षेत्र लंबे समय से भारी सब्सिडी, बढ़ते घाटों और डिस्कॉम्स की कमजोर वित्तीय स्थिति से जूझ रहा है। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ा। कागज में सस्ती बिजली पर असल में अनियमित सप्लाई, वोल्टेज गिरना, मोटरें जलना, रात में बिजली आना और तीन-फेज की अनिश्चित उपलब्धता जैसी समस्याएं आम हैं। सरकार का कहना है कि बिल का मकसद इसी दुष्चक्र को तोड़ना है। बिल में न तो सब्सिडी खत्म करने का प्रस्ताव है और न ही निजीकरण का बल्कि इसमें सब्सिडी को ज्यादा पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की व्यवस्था की गई है। अब राज्य सरकारें किसानों की सब्सिडी की राशि सीधे डिस्कॉम्स को समय पर देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होंगी जिससे सप्लाई में होने वाली कटौती और वित्तीय अनिश्चितता खत्म होगी। डिस्कॉम्स की मजबूती से ग्रामीण फीडरों का अपग्रेडेशन, वोल्टेज सुधार, आउटेज में कमी और किसानों को निश्चित समय पर गुणवत्तापूर्ण सप्लाई देना संभव होगा। सरकार का तर्क है कि किसान दरअसल इस बात से चिंतित नहीं हैं कि बिजली कौन देता है बल्कि इससे कि सप्लाई कितनी भरोसेमंद और सुविधाजनक है।
विरोध कर रहे किसान संगठनों की कई आशंकाएं हैं जैसे- मंहगी बिजली, छिपी हुई टैरिफ वृद्धि और निजी कंपनियों का वर्चस्व, इसे केंद्र सरकार निराधार बता रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि किसान संगठन यदि इस बिल में निश्चित कृषि सप्लाई के घंटे, वोल्टेज स्थिरता, मोटर नुकसान पर मुआवज़ा, ग्रामीण नेटवर्क अपग्रेड के समयबद्ध लक्ष्य और पारदर्शी शिकायत निवारण जैसी कानूनी गारंटियां सुनिश्चित करवा लेते हैं तो यह बिल किसानों के लिए अधिकारों और सुरक्षा का मजबूत दस्तावेज बन सकता है।
सरकार के अनुसार बिल के प्रमुख लाभ
-सब्सिडी समाप्त नहीं, बल्कि अधिक पारदर्शी और सुनिश्चित।
-डिस्कॉम्स की वित्तीय मजबूती से बेहतर सप्लाई।
-ग्रामीण फीडरों का अपग्रेडेशन।
-निश्चित और सुविधाजनक समय पर बिजली।
-प्रतिस्पर्धा से सेवा की गुणवत्ता में सुधार।
-वोल्टेज उतार-चढ़ाव, मोटर नुकसान पर जवाबदेही की संभावनाएं बढ़ेंगी।
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हलवारा। किसान जत्थेबंदियां पंजाब भर में बिजली (संशोधन) बिल का विरोध कर रहीं हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने दावा किया है कि प्रस्तावित बिजली (संशोधन) बिल किसानों के हितों को मजबूती देगा और वर्षों से चली आ रही बिजली व्यवस्था की अनिश्चितता को खत्म कर अधिक विश्वसनीय सप्लाई सुनिश्चित करेगा। सरकार के अनुसार यह सुधार कृषि उपभोक्ताओं के लिए स्थिरता, पारदर्शिता और सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है।
देश का बिजली क्षेत्र लंबे समय से भारी सब्सिडी, बढ़ते घाटों और डिस्कॉम्स की कमजोर वित्तीय स्थिति से जूझ रहा है। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ा। कागज में सस्ती बिजली पर असल में अनियमित सप्लाई, वोल्टेज गिरना, मोटरें जलना, रात में बिजली आना और तीन-फेज की अनिश्चित उपलब्धता जैसी समस्याएं आम हैं। सरकार का कहना है कि बिल का मकसद इसी दुष्चक्र को तोड़ना है। बिल में न तो सब्सिडी खत्म करने का प्रस्ताव है और न ही निजीकरण का बल्कि इसमें सब्सिडी को ज्यादा पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की व्यवस्था की गई है। अब राज्य सरकारें किसानों की सब्सिडी की राशि सीधे डिस्कॉम्स को समय पर देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होंगी जिससे सप्लाई में होने वाली कटौती और वित्तीय अनिश्चितता खत्म होगी। डिस्कॉम्स की मजबूती से ग्रामीण फीडरों का अपग्रेडेशन, वोल्टेज सुधार, आउटेज में कमी और किसानों को निश्चित समय पर गुणवत्तापूर्ण सप्लाई देना संभव होगा। सरकार का तर्क है कि किसान दरअसल इस बात से चिंतित नहीं हैं कि बिजली कौन देता है बल्कि इससे कि सप्लाई कितनी भरोसेमंद और सुविधाजनक है।
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विरोध कर रहे किसान संगठनों की कई आशंकाएं हैं जैसे- मंहगी बिजली, छिपी हुई टैरिफ वृद्धि और निजी कंपनियों का वर्चस्व, इसे केंद्र सरकार निराधार बता रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि किसान संगठन यदि इस बिल में निश्चित कृषि सप्लाई के घंटे, वोल्टेज स्थिरता, मोटर नुकसान पर मुआवज़ा, ग्रामीण नेटवर्क अपग्रेड के समयबद्ध लक्ष्य और पारदर्शी शिकायत निवारण जैसी कानूनी गारंटियां सुनिश्चित करवा लेते हैं तो यह बिल किसानों के लिए अधिकारों और सुरक्षा का मजबूत दस्तावेज बन सकता है।
सरकार के अनुसार बिल के प्रमुख लाभ
-सब्सिडी समाप्त नहीं, बल्कि अधिक पारदर्शी और सुनिश्चित।
-डिस्कॉम्स की वित्तीय मजबूती से बेहतर सप्लाई।
-ग्रामीण फीडरों का अपग्रेडेशन।
-निश्चित और सुविधाजनक समय पर बिजली।
-प्रतिस्पर्धा से सेवा की गुणवत्ता में सुधार।
-वोल्टेज उतार-चढ़ाव, मोटर नुकसान पर जवाबदेही की संभावनाएं बढ़ेंगी।