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Mohali News: सड़क हादसे में 14 वर्षीय अनुष्ठा विकलांग, ट्रिब्यूनल का 48.12 लाख मुआवजा देने का आदेश
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मोहाली। खरड़ के देसू माजरा कॉलोनी की 14 वर्षीय अनुष्ठा कोचर की जिंदगी 2022 में हुए सड़क हादसे ने पूरी तरह बदल दी। गंभीर चोटों के बाद वह अब मानसिक रूप से अचेतन है और शरीर पर उसका नियंत्रण लगभग खत्म हो चुका है। मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल ने अनुष्ठा को 48,12,078 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है, जो बीमा कंपनी अदा करेगी।
इसी दुर्घटना में घायल हुई उसकी मां मंजना कोचर (43 वर्ष) के मामले में भी ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाते हुए उन्हें 1.40 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। दोनों मामलों में दोषी ड्राइवर के वाहन की बीमा कंपनी ही पूरी राशि देगी।
20 अक्टूबर, 2022 को शाम लगभग 5:30 बजे अनुष्ठा अपनी मां मंजना कोचर के साथ देसू माजरा मार्केट में सामान खरीदने गई थी। चंडीगढ़ की ओर से आ रहे वाहनों को हाथ के इशारे से रोकते हुए जब वे दोनों सड़क पार कर रही थीं, तभी प्रोमिला देवी द्वारा चलाई जा रही कार नंबर ने बेहद तेज रफ्तार और लापरवाही से उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में अनुष्ठा और उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तुरंत सिविल हॉस्पिटल, खरड़ ले जाया गया और बाद में उन्हें गंभीर हालत में पीजीआई, चंडीगढ़ रेफर किया गया। इस मामले में थाना खरड़ में एफआईआर दर्ज की गई थी।
अदालत में पेश चिकित्सकीय साक्ष्य और गवाहियों के अनुसार, अनुष्ठा के सिर में गहरी चोटें आईं, जिसके कारण उसका दिमाग लगभग पूरी तरह से मृत हो गया है। वह पूरी तरह से बिस्तर पर निर्भर है और अपने शरीर के अंगों को हिला-डुला भी नहीं पाती। डिपार्टमेंट ऑफ एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज की ओर से जारी विकलांगता प्रमाण पत्र के अनुसार, उसकी 93% स्थायी विकलांगता दर्ज की गई है। मुआवजे की गणना करते समय ट्रिब्यूनल ने उसकी कार्यात्मक अक्षमता को शत प्रतिशत माना है।
मुख्य दोषी ड्राइवर प्रोमिला देवी के वाहन का बीमा आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी के पास था, जो दुर्घटना के समय वैध था। ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि मुआवजे की पूरी रकम बीमा कंपनी द्वारा अदा की जाएगी। इस राशि पर दावा याचिका दाखिल होने की तारीख से लेकर भुगतान तक नौ प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी देय होगा।
भविष्य में इलाज का खर्च भी देना होगा
ट्रिब्यूनल ने यह भी आदेश दिया है कि यदि भविष्य में अनुष्ठा का कोई ऑपरेशन या सर्जरी होती है, तो उसके पूरे खर्च का भुगतान भी बीमा कंपनी को संबंधित डॉक्टर द्वारा प्रमाणित बिल प्रस्तुत करने पर करना होगा। चूंकि नाबालिग अनुष्ठा अपनी देखभाल करने में असमर्थ है, इसलिए ट्रिब्यूनल ने यह आदेश दिया है कि मुआवजे की पूरी रकम उसकी मां मंजना कोचर के खाते में जमा की जाएगी। मंजना को यह राशि एक अलग खाते में जमा करनी होगी और इसका इस्तेमाल सिर्फ अनुष्ठा के इलाज और देखभाल पर ही करना होगा।
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इसी दुर्घटना में घायल हुई उसकी मां मंजना कोचर (43 वर्ष) के मामले में भी ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाते हुए उन्हें 1.40 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। दोनों मामलों में दोषी ड्राइवर के वाहन की बीमा कंपनी ही पूरी राशि देगी।
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20 अक्टूबर, 2022 को शाम लगभग 5:30 बजे अनुष्ठा अपनी मां मंजना कोचर के साथ देसू माजरा मार्केट में सामान खरीदने गई थी। चंडीगढ़ की ओर से आ रहे वाहनों को हाथ के इशारे से रोकते हुए जब वे दोनों सड़क पार कर रही थीं, तभी प्रोमिला देवी द्वारा चलाई जा रही कार नंबर ने बेहद तेज रफ्तार और लापरवाही से उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में अनुष्ठा और उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तुरंत सिविल हॉस्पिटल, खरड़ ले जाया गया और बाद में उन्हें गंभीर हालत में पीजीआई, चंडीगढ़ रेफर किया गया। इस मामले में थाना खरड़ में एफआईआर दर्ज की गई थी।
अदालत में पेश चिकित्सकीय साक्ष्य और गवाहियों के अनुसार, अनुष्ठा के सिर में गहरी चोटें आईं, जिसके कारण उसका दिमाग लगभग पूरी तरह से मृत हो गया है। वह पूरी तरह से बिस्तर पर निर्भर है और अपने शरीर के अंगों को हिला-डुला भी नहीं पाती। डिपार्टमेंट ऑफ एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज की ओर से जारी विकलांगता प्रमाण पत्र के अनुसार, उसकी 93% स्थायी विकलांगता दर्ज की गई है। मुआवजे की गणना करते समय ट्रिब्यूनल ने उसकी कार्यात्मक अक्षमता को शत प्रतिशत माना है।
मुख्य दोषी ड्राइवर प्रोमिला देवी के वाहन का बीमा आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी के पास था, जो दुर्घटना के समय वैध था। ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि मुआवजे की पूरी रकम बीमा कंपनी द्वारा अदा की जाएगी। इस राशि पर दावा याचिका दाखिल होने की तारीख से लेकर भुगतान तक नौ प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी देय होगा।
भविष्य में इलाज का खर्च भी देना होगा
ट्रिब्यूनल ने यह भी आदेश दिया है कि यदि भविष्य में अनुष्ठा का कोई ऑपरेशन या सर्जरी होती है, तो उसके पूरे खर्च का भुगतान भी बीमा कंपनी को संबंधित डॉक्टर द्वारा प्रमाणित बिल प्रस्तुत करने पर करना होगा। चूंकि नाबालिग अनुष्ठा अपनी देखभाल करने में असमर्थ है, इसलिए ट्रिब्यूनल ने यह आदेश दिया है कि मुआवजे की पूरी रकम उसकी मां मंजना कोचर के खाते में जमा की जाएगी। मंजना को यह राशि एक अलग खाते में जमा करनी होगी और इसका इस्तेमाल सिर्फ अनुष्ठा के इलाज और देखभाल पर ही करना होगा।