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Mohali News: पेट में दर्द के मामूली इलाज में सब-इंस्पेक्टर की मौत
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मोहाली। सेक्टर-71 स्थित लिवासा अस्पताल में पंजाब पुलिस की सब-इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर (31) की कथित लापरवाही और चिकित्सकीय गड़बड़ी के चलते मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की गलती और अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता के कारण महज एक सर्जरी से शुरू हुआ सफर चार सर्जरी और 19 दिनों की पीड़ा के बाद मौत में बदल गया। महिला की गंभीर हालत को छुपाने का प्रयास किया गया और समय पर सही इलाज नहीं दिया।
सर्जरी-1: कट, लीकेज और छिपाया गया सच
मामले की शुरुआत में हरप्रीत अक्टूबर से पेट दर्द से परेशान थीं। डॉ. आलका कौशल की सलाह पर, वह 6 नवंबर को सर्जरी के लिए भर्ती हुईं। पहली सर्जरी के बाद, 9 नवंबर को हरप्रीत की हालत बेहद खराब थी वे असहनीय दर्द और बेहोशी का सामना कर रही थीं। इसके बावजूद, डॉ. अविनाश ने यह कहते हुए डिस्चार्ज पेपर तैयार कर दिए कि सर्जरी के बाद दर्द होना सामान्य है। परिजनों ने जब दर्द बढ़ने पर डिस्चार्ज से मना किया और दोबारा जांच करवाई, तो कहा गया कि किडनी से जुड़ा स्टंट अपनी जगह से खिसक गया है।
सर्जरी-2 और गलती की स्वीकारोक्ति
9 नवंबर को जब स्टंट को ठीक करने के लिए दोबारा ऑपरेशन किया गया, तो डॉक्टरों ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पहली सर्जरी के दौरान गलती से इंटेस्टाइन (आंत) पर कट लग गया था। इंटेस्टाइन में कट लगने की इस जानलेवा चूक को 6 नवंबर से 9 नवंबर तक छिपाए रखा गया, जिसके कारण लीकेज हुआ और हरप्रीत के शरीर में गंभीर इन्फेक्शन फैल गया।
इन्फेक्शन, ब्लीडिंग और मौत
जिस महिला को तीन दिन में माइनर सर्जरी के बाद डिस्चार्ज होना था, उसे इन्फेक्शन रोकने और इनटर्नल ब्लीडिंग को नियंत्रित करने के लिए 9 से 24 नवंबर के बीच दो और इमरजेंसी ऑपरेशन (कुल चार) से गुजरना पड़ा। 9 नवंबर को इंटेस्टाइन पर दोबारा टांके लगाने के बाद उन्हें सीधे आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया, जहां वह 24 नवंबर तक जीवन के लिए संघर्ष करती रहीं।
अस्पताल प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई की मांग
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और इलाज करने वाली टीम पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें डॉ. अविनाश, डॉ. मेहुल, डॉ. प्रवीण, आईसीयू हेड डॉ. राजीव धुन्ना और डॉ. विजय बंसल शामिल हैं। परिजनों ने लिवासा अस्पताल के प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए मटौर थाने में शिकायत दर्ज करवा दी है। वहीं फेज-6 स्थित सिविल अस्पताल में मृतिका के शव का पोस्टमार्टम किया गया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।
शादी को एक साल भी नहीं हुए थे
हरप्रीत कौर फेज-4 स्थित साइबर थाने में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थीं और कमांडो कॉम्प्लेक्स, फेज-11 में अपनी सास और ननद के साथ रह रही थीं। उनकी शादी होशियारपुर की रहने वाले हर्षित वशिष्ठ (जो बेंगलुरु में नौकरी करते हैं) से 11 दिसंबर 2024 में हुई थी। पिछले महीने ही पति उनसे मिलकर लौटे थे।
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मामले की शुरुआत में हरप्रीत अक्टूबर से पेट दर्द से परेशान थीं। डॉ. आलका कौशल की सलाह पर, वह 6 नवंबर को सर्जरी के लिए भर्ती हुईं। पहली सर्जरी के बाद, 9 नवंबर को हरप्रीत की हालत बेहद खराब थी वे असहनीय दर्द और बेहोशी का सामना कर रही थीं। इसके बावजूद, डॉ. अविनाश ने यह कहते हुए डिस्चार्ज पेपर तैयार कर दिए कि सर्जरी के बाद दर्द होना सामान्य है। परिजनों ने जब दर्द बढ़ने पर डिस्चार्ज से मना किया और दोबारा जांच करवाई, तो कहा गया कि किडनी से जुड़ा स्टंट अपनी जगह से खिसक गया है।
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सर्जरी-2 और गलती की स्वीकारोक्ति
9 नवंबर को जब स्टंट को ठीक करने के लिए दोबारा ऑपरेशन किया गया, तो डॉक्टरों ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पहली सर्जरी के दौरान गलती से इंटेस्टाइन (आंत) पर कट लग गया था। इंटेस्टाइन में कट लगने की इस जानलेवा चूक को 6 नवंबर से 9 नवंबर तक छिपाए रखा गया, जिसके कारण लीकेज हुआ और हरप्रीत के शरीर में गंभीर इन्फेक्शन फैल गया।
इन्फेक्शन, ब्लीडिंग और मौत
जिस महिला को तीन दिन में माइनर सर्जरी के बाद डिस्चार्ज होना था, उसे इन्फेक्शन रोकने और इनटर्नल ब्लीडिंग को नियंत्रित करने के लिए 9 से 24 नवंबर के बीच दो और इमरजेंसी ऑपरेशन (कुल चार) से गुजरना पड़ा। 9 नवंबर को इंटेस्टाइन पर दोबारा टांके लगाने के बाद उन्हें सीधे आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया, जहां वह 24 नवंबर तक जीवन के लिए संघर्ष करती रहीं।
अस्पताल प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई की मांग
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और इलाज करने वाली टीम पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें डॉ. अविनाश, डॉ. मेहुल, डॉ. प्रवीण, आईसीयू हेड डॉ. राजीव धुन्ना और डॉ. विजय बंसल शामिल हैं। परिजनों ने लिवासा अस्पताल के प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए मटौर थाने में शिकायत दर्ज करवा दी है। वहीं फेज-6 स्थित सिविल अस्पताल में मृतिका के शव का पोस्टमार्टम किया गया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।
शादी को एक साल भी नहीं हुए थे
हरप्रीत कौर फेज-4 स्थित साइबर थाने में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थीं और कमांडो कॉम्प्लेक्स, फेज-11 में अपनी सास और ननद के साथ रह रही थीं। उनकी शादी होशियारपुर की रहने वाले हर्षित वशिष्ठ (जो बेंगलुरु में नौकरी करते हैं) से 11 दिसंबर 2024 में हुई थी। पिछले महीने ही पति उनसे मिलकर लौटे थे।