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Mohali News: सेवानिवृत्त प्रोफेसर का अपहरण कर की हत्या, शव मोरनी के जंगलों में फेंका
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मोहाली/मोरनी। एरोसिटी से सेवानिवृत्त प्रोफेसर का अपहरण करने के बाद हत्या कर शव मोरनी के जंगल में फेंकने का मामला सामने आया है। प्रोफेसर का शव बरामद कर लिया गया है। 62 वर्षीय अमरजीत सिहाग निवासी एरोसिटी 3 जुलाई से लापता थे। वे मूल रूप से हरियाणा के सिरसा के रहने वाले थे। अमरजीत सिहाग की हत्या के मामले में एरोसिटी पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान विक्रम सिंह निवासी फॉल्कन व्यू सोसाइटी एरोसिटी और बलविंदर सिंह निवासी एरोसिटी के रूप में हुई है। दोनों मोहाली में किराये पर रहते हैं। बताया जा रहा है कि अमरजीत सिहाग की हत्या पैसों के लेनदेन और प्रॉपर्टी विवाद में की गई। विक्रम सिंह मूल रूप से मानसा और बलजिंदर सिंह मुक्तसर का रहने वाला है।
एसएचओ एयरोसिटी इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह ने बताया कि इस मामले में अमरजीत सिहाग के बेटे राहुल के बयान पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ हत्या की धाराएं जोड़ दी गई हैं। अमरजीत सिहाग का आरआर मेमोरियल स्कूल ऐलानाबाद (हरियाणा) में बीएड कॉलेज है। वह सरकारी कॉलेज सिरसा से प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनको मोहाली में प्रॉपर्टी का कारोबार था। उसकी तीन एकड़ जमीन भी है। उनके दो लड़के हैं। एक लड़के की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है, दूसरा यूएसए में रहता है। इन दिनों मोहाली आया हुआ है।
3 जुलाई को लापता प्रोफेसर अमरजीत सिंह सिहाग के बेटे राहुल ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसके पिता घर में कार खड़ी करके बिना किसी को बताए चले गए थे। उसको शक है कि उसके पिता का अपहरण किया गया है। राहुल के अनुसार उसके पिता किसी व्यक्ति के साथ गए थे और 24 घंटे बीतने के बाद भी घर नहीं लौटे। शाम के समय उन्होंने अपने नौकर दुनी राम को फोन करके कहा कि वह जल्द 35 से 40 लाख रुपये का इंतजाम करके सेक्टर-88 पहुंच जाए क्योंकि यह रुपये किसी को देने हैं। पुलिस ने राहुल के बयान पर अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था।
हत्या कर जंगल में फेंक दी थी लाश
आरोपियों ने अमरजीत की हत्या के बाद मोरनी के पास पंचकूला क्षेत्र के घने जंगलों में उसकी लाश फेंक दी थी। सोमवार को हरियाणा पुलिस की मौजूदगी में मोहाली पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया। शव को सिविल अस्पताल फेज-6 की मॉर्चरी में रखवाया गया है। मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। नाडा साहिब से मांधना गांव तक करीब 15 किलोमीटर का इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस मार्ग पर लंबे समय से आपराधिक तत्वों की गतिविधियां देखी जाती रही है। ग्रामीणों ने पहले भी इस रास्ते पर पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन अब इस जघन्य हत्याकांड के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता और भी बढ़ गई है। पंचायत संगठन के ब्लॉक प्रधान व मांधना पंचायत के सरपंच पंचपाल शर्मा ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से मोरनी की छवि खराब हो रही है। बाहरी असामाजिक लोग यहां पर वारदात को अंजाम देते और बदनामी इलाके की होती है। जबकि इलाके में इस प्रकार की कोई घटना नहीं होती है। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द इस मार्ग पर नियमित पुलिस पेट्रोलिंग शुरू करने और सीसीटीवी जैसी सुरक्षा व्यवस्थाएं लगाने की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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एसएचओ एयरोसिटी इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह ने बताया कि इस मामले में अमरजीत सिहाग के बेटे राहुल के बयान पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ हत्या की धाराएं जोड़ दी गई हैं। अमरजीत सिहाग का आरआर मेमोरियल स्कूल ऐलानाबाद (हरियाणा) में बीएड कॉलेज है। वह सरकारी कॉलेज सिरसा से प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनको मोहाली में प्रॉपर्टी का कारोबार था। उसकी तीन एकड़ जमीन भी है। उनके दो लड़के हैं। एक लड़के की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है, दूसरा यूएसए में रहता है। इन दिनों मोहाली आया हुआ है।
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3 जुलाई को लापता प्रोफेसर अमरजीत सिंह सिहाग के बेटे राहुल ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसके पिता घर में कार खड़ी करके बिना किसी को बताए चले गए थे। उसको शक है कि उसके पिता का अपहरण किया गया है। राहुल के अनुसार उसके पिता किसी व्यक्ति के साथ गए थे और 24 घंटे बीतने के बाद भी घर नहीं लौटे। शाम के समय उन्होंने अपने नौकर दुनी राम को फोन करके कहा कि वह जल्द 35 से 40 लाख रुपये का इंतजाम करके सेक्टर-88 पहुंच जाए क्योंकि यह रुपये किसी को देने हैं। पुलिस ने राहुल के बयान पर अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था।
हत्या कर जंगल में फेंक दी थी लाश
आरोपियों ने अमरजीत की हत्या के बाद मोरनी के पास पंचकूला क्षेत्र के घने जंगलों में उसकी लाश फेंक दी थी। सोमवार को हरियाणा पुलिस की मौजूदगी में मोहाली पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया। शव को सिविल अस्पताल फेज-6 की मॉर्चरी में रखवाया गया है। मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। नाडा साहिब से मांधना गांव तक करीब 15 किलोमीटर का इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस मार्ग पर लंबे समय से आपराधिक तत्वों की गतिविधियां देखी जाती रही है। ग्रामीणों ने पहले भी इस रास्ते पर पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन अब इस जघन्य हत्याकांड के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता और भी बढ़ गई है। पंचायत संगठन के ब्लॉक प्रधान व मांधना पंचायत के सरपंच पंचपाल शर्मा ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से मोरनी की छवि खराब हो रही है। बाहरी असामाजिक लोग यहां पर वारदात को अंजाम देते और बदनामी इलाके की होती है। जबकि इलाके में इस प्रकार की कोई घटना नहीं होती है। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द इस मार्ग पर नियमित पुलिस पेट्रोलिंग शुरू करने और सीसीटीवी जैसी सुरक्षा व्यवस्थाएं लगाने की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।