{"_id":"628606ee69d5815b3f0939ae","slug":"powercom-dependence-on-private-thermals-has-increased-once-again-for-power-supply","type":"story","status":"publish","title_hn":"Punjab Power crisis: थर्मल की पांच यूनिट बंद, प्राइवेट पर बढ़ी निर्भरता, कोयले के स्टॉक में भी सुधार नहीं ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Punjab Power crisis: थर्मल की पांच यूनिट बंद, प्राइवेट पर बढ़ी निर्भरता, कोयले के स्टॉक में भी सुधार नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 19 May 2022 04:00 PM IST
विज्ञापन
सार
रोपड़ थर्मल की 210 मेगावाट की एक, लहरा मुहब्बत थर्मल की 210-210 मेगावाट की दो व 250 मेगावाट की एक और वहीं गोइंदवाल की 270 मेगावाट की एक यूनिट बंद है। इससे 1150 मेगावाट की बिजली सप्लाई ठप पड़ गई है।

पंजाब में बिजली संकट
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
पंजाब में प्रमुख रूप से सरकारी थर्मलों की चार यूनिट और प्राइवेट की एक यूनिट बंद पड़ने से एक बार फिर से बिजली की सप्लाई के लिए पावरकॉम की निर्भरता प्राइवेट थर्मलों पर बढ़ गई है। बुधवार को प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 9530 मेगावाट दर्ज की गई, जिसे पूरा करने के लिए पावरकॉम के पास बिजली की उपलब्धता केवल 4300 मेगावाट रही। वहीं थर्मलों में कोयले का संकट भी अभी बना हुआ है।

Trending Videos
थर्मलों में मात्र आधे से 20 दिनों का कोयला शेष है। पावरकॉम अधिकारियों का कहना है कि बिजली की मांग पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं आ रही है, क्योंकि इन दिनों बाजार से सस्ती बिजली मिल रही है। चार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली मिल रही है। इसलिए लोगों को कटों का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
रोपड़ थर्मल की 210 मेगावाट की एक, लहरा मुहब्बत थर्मल की 210-210 मेगावाट की दो व 250 मेगावाट की एक और वहीं गोइंदवाल की 270 मेगावाट की एक यूनिट बंद है। इससे 1150 मेगावाट की बिजली सप्लाई ठप पड़ गई है। ऐसे में अब पावरकॉम बड़े स्तर पर बिजली की सप्लाई के लिए प्राइवेट सेक्टर के राजपुरा और तलवंडी साबो थर्मल प्लांटों पर निर्भर हो गया है।
बुधवार को पंजाब में बिजली की अधिकतम मांग 9530 मेगावाट रही, जिसके मुकाबले पावरकॉम के पास बिजली की उपलब्धता 4300 मेगावाट रही। इनमें पावरकॉम को अपने रोपड़ व लहरा थर्मलों से केवल 811 मेगावाट बिजली मिली, जबकि प्राइवेट थर्मलों से 3112 मेगावाट, हाइडल प्रोजेक्टों से 230 मेगावाट समेत अन्य स्रोतों से बिजली प्राप्त हुई।
कोयले का संकट अभी भी थर्मलों में बना हुआ है। रोपड़ में इस समय तीन, लहरा में चार, तलवंडी साबो में साढ़े छह दिन का, राजपुरा में 20 और गोइंदवाल में मात्र आधे दिन का कोयला शेष है। उधर इस संबंधी पावरकॉम अधिकारियों का कहना है कि पावरकॉम ने बुधवार को बाहर से सस्ती बिजली खरीद कर बिजली की मांग को पूरा किया। इसके चलते किसी भी वर्ग के उपभोक्ताओं को कटों का सामना नहीं करना पड़ा है। अधिकारियों के मुताबिक रोपड़ की एक व लहरा की एक यूनिट तो खराबी के चलते बंद है, जबकि लहरा की दो यूनिटों को कोयले का स्टाक बचाने के लिए बंद किया गया है। इन दिनों बाजार से सस्ती बिजली मिल रही है।