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Banswara News: आदिवासी बहुल जिलों में सिकल सेल के 2735 मरीज, 29 करोड़ खर्च, सांसद बोले- सबकी सैम्पलिंग करें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो Updated Sat, 02 Aug 2025 03:37 PM IST
सार

प्रदेश के आदिवासी बहुल नौ जिलों में सिकल सेल जैसे गंभीर रोग के 2735 रोगी चिन्हित किए गए हैं, जबकि देश के 17 राज्यों में  2 लाख 16 हजार सिकल सेल रोगियों की पहचान हुई है।
 

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Banswara News: 29 Crore Spent on Sickle Cell in Tribal Rajasthan, 2,735 Identified, MP Urges Wider Testing
प्रतीकात्मक फोटो
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विस्तार
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राजस्थान के आदिवासी बहुल नौ जिलों में सिकल सेल जैसे गंभीर रोग पर 29 करोड़ 9 लाख 70 हजार रुपया खर्च किया गया है। राज्य के इन 9 जिलों में कुल 2735 रोगी चिन्हित हैं। वहीं देश के 17 चिन्हित राज्यों में 6 करोड़ 4 लाख 50 हजार 683 लोगों की जांच के बाद 2 लाख 16 हजार 118 सिकल सेल पीड़ित रोगियों की पहचान की गई है।
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यह जानकारी बांसवाडा-डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत की ओर से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में अनुवांशिक रोग सिकल सेल को लेकर संसद में पूछे तारांकित सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने दी है। सिकल सेल आदिवासी समुदाय के अन्तर्गत होने वाला एक आनुवांशिक रोग है। इसको लेकर प्रधानमंत्री ने 1 जुलाई 2023 को मध्यप्रदेश से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएससीआईएम) शुरू किया था। इसके अंतर्गत आदिवासी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के प्रभावित जिलों में 0-40 वर्ष के आयु वर्ग में 2025-2026 तक 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करने का लक्ष्य है।
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राज्य में 2735 रोगी चिन्हित

राजस्थान के आदिवासी बहुल नौ जिलों में इस रोग के कुल 2735 पीड़ित चिन्हित किए गए हैं। इसमें बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, सिरोही, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, पाली और बारां जिले सम्मिलित हैं। इन नौ जिलों में एनएससीआईएम के अन्तर्गत जांच, जेनेटिक काउंसलिंग, आईडी कार्ड और उपचार पर 29 करोड़ 09 लाख 70 हजार रुपया खर्च किया गया है। इसमें बांसवाड़ा में 8,03,18,400 रुपये, डूंगरपुर में 6,31,29,200 रुपये, प्रतापगढ़ में 3,36,47,200 रुपये, उदयपुर में 8,94,23,800 रुपये, सिरोही में 1,33,05,300 रुपये, राजसमंद में 9,57,300 रुपये, चित्तौड़गढ़ में 9,65,300 रुपये, पाली में  33,61,500 रुपये और बारां में 58,62,500 रुपये खर्च किए गए हैं।

सांसद राजकुमार रोत की केंद्र सरकार से मांग की है कि सम्पूर्ण लोगों की सैम्पलिंग की जाए। जो चिह्नित रोगी हैं, उन्हें विभागीय अधिकारी समय-समय पर परामर्श देते रहें कि आवश्यक दवाइयों को उपलब्ध कराएं। इस सिकल सेल बीमारी को लेकर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपये पीड़ितों पर खर्च ना होकर कहीं भ्रष्टाचार की भेंट तो नहीं चढ़ रहे हैं, इसकी भी जांच की जाए। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ये सिलिकोसिस बीमारी से भी कहीं गंभीर बीमारी है। सिकल सेल रोगियों को भी सरकार आर्थिक सहायता दे।

क्या है सिकल सेल रोग

सिकल सेल रोग आनुवंशिक रक्त विकार है, जो लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। यह एक वंशानुगत बीमारी है। सिकल सेल रोग में लाल रक्त कोशिकाएं कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं और उनका आकार दरांती जैसा हो जाता है। ये विकृत कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं में फंस जाती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है और पीड़ित को दर्द, सूजन, थकान, पीलिया, सांस की तकलीफ, आंख, किडनी और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं।
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