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Banswara News: वन रक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में बांसवाड़ा से एक और आरोपी गिरफ्तार, जयपुर ले गई टीम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा
Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो
Updated Fri, 20 Jun 2025 11:08 PM IST
सार
एसओजी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भवानी शंकर ने बताया कि आरोपी गोविंद ने मार्च महीने में कुछ दिनों की छुट्टी ली थी, लेकिन इसके बाद वह ड्यूटी पर नहीं लौटा। शुक्रवार को एसओजी की टीम ने उसे गिरफ्तार किया है।
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एसओजी की ओर से गिरफ्तार आरोपी गोविंद।
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विस्तार
राजस्थान में वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने सरकारी कर्मचारी गोविंद तेतरवाल को बांसवाड़ा से गिरफ्तार किया है। उसे पूछताछ के लिए जयपुर ले जाया गया है।
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एसओजी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भवानी शंकर ने बताया कि वनरक्षक भर्ती से संबंधित प्रकरण सबसे पहले बांसवाड़ा के राजतालाब थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था। शुरू में इसकी जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन पेपर लीक के तथ्य सामने आने के बाद मामला एसओजी को सौंपा गया। एसओजी की जांच में सामने आया कि पेपर लीक का मास्टरमाइंड जबराराम जाट था। गोविंद तेतरवाल, जो कि जोधपुर में वाणिज्य कर विभाग में वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत था, 2013 से जबराराम के संपर्क में था।
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लंबी छुट्टी के बाद नहीं लौटा ड्यूटी पर
गोविंद ने मार्च महीने में कुछ दिनों की छुट्टी ली थी, लेकिन इसके बाद वह ड्यूटी पर नहीं लौटा। लगातार अनुपस्थिति के चलते विभाग ने नोटिस जारी किए, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। अंततः विभाग ने वेतन रोकने की कार्रवाई की। शुक्रवार को एसओजी की टीम ने गोविंद को गिरफ्तार कर बांसवाड़ा की अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे 11 दिन के रिमांड पर एसओजी को सौंप दिया, जिसके बाद उसे जयपुर ले जाया गया।
सरकारी नौकरी से पहले चलाता था शराब की दुकान
भवानी शंकर ने बताया कि गोविंद को 2018 में सरकारी नौकरी मिली थी। इससे पहले वह कल्याणपुरा में शराब की दुकान चलाता था। उसकी दुकान पर हीराराम नामक एक सेल्समैन काम करता था। हीराराम की बहन प्यारी और भाई ओमप्रकाश को गोविंद ने 3.5-3.5 लाख रुपए लेकर पेपर पढ़ाया था। इसी तरह, अपने चचेरे भाई सुरेंद्र को भी इसी राशि में पेपर दिलाया। यह पूरी राशि जबराराम को दी गई थी। एसओजी ने इस मामले में प्यारी को भी गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच जारी है।