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Dholpur News: 12 साल से रपट निर्माण की मांग अधूरी, जुगाड़ से बने ट्यूब खटोले से नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, धौलपुर
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Sat, 05 Jul 2025 02:13 PM IST
सार
12 साल से रपट निर्माण की बाट जोह रही आधा दर्जन ढाणियों की करीब दो हजार से ज्यादा आबादी हर बारिश में जोखिम उठाने को मजबूर हैं। इन ग्रामीणों को नदी पार करने के लिए जुगाड़ साधनों का सहारा लेना पड़ता है।
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राजस्थान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जिले के सैंपऊ उपखंड की ग्राम पंचायत नुनहेरा की आधा दर्जन ढाणियों के करीब दो हजार से अधिक ग्रामीण हर बारिश के मौसम में जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। ये ढाणियां आरी, मढ़ैया, भूरा का पुरा, बघेलों का पुरा, महंत का अड्डा और पंछी का पुरा पार्वती नदी के किनारे बसी हुई हैं।
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नदी पर गढ़ी चटोला के पास बने एनीकट के कारण बारिश के दौरान यहां 15 से 20 फीट तक पानी भर जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को निकटतम कस्बा तसीमों पहुंचने के लिए या तो 10 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है या फिर 700 मीटर की नदी पार करनी होती है, वह भी ट्यूब खटोले जैसे जुगाड़ साधनों से।
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नदी पार करने के लिए लगभग हर परिवार ने खाट या खटोले के नीचे ट्यूब बांधकर ट्यूब खटोला तैयार कर रखा है। इन्हीं से ग्रामीण, खासकर स्कूल जाने वाले बच्चे, मरीज और जरूरतमंद लोग नदी पार करते हैं। सुरक्षा के लिए नदी के दोनों किनारों पर एक मजबूत लोहे की तार बांधकर रखी गई है, जिससे इन ट्यूब खटोलों को नियंत्रित किया जाता है। इन छह ढाणियों में करीब 450 परिवार रहते हैं। लगभग हर परिवार के पास खुद का ट्यूब खटोला है, जिसे वे ताले में बंद करके रखते हैं ताकि कोई और उसका उपयोग न कर सके। यह साधन अब ग्रामीणों की जीवन रेखा बन चुका है।
ग्राम पंचायत की सरपंच रेशम देवी ने बताया कि यह समस्या लगभग 12 साल पुरानी है और ग्रामीण लंबे समय से यहां पक्की रपट बनवाने की मांग कर रहे हैं। हाल ही में इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री को भी लिखित में अवगत कराया गया है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
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