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Jaipur News: वन्दे मातरम् के 150 वर्ष, राष्ट्रगीत से गूंजा एसएमएस स्टेडियम, सीएम बोले- ये गीत आत्मा की पुकार
न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: जयपुर ब्यूरो
Updated Fri, 07 Nov 2025 02:06 PM IST
सार
वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर एसएमएस स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राष्ट्रगीत हमारी मातृभूमि के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।
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जयपुर में वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम
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विस्तार
राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर शुक्रवार को सवाई मानसिंह स्टेडियम में राज्य स्तरीय भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हम राष्ट्रीय चेतना के महान गीत के 150 वर्ष पूरा होने के साक्षी बन रहे हैं और यह अमर काव्य भारतवासियों की आत्मा की पुकार तथा मातृभूमि के प्रति अनंत श्रद्धा का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा ‘आनंदमठ’ में रचित वन्दे मातरम् ने स्वतंत्रता संग्राम को स्वर प्रदान किया। इसके प्रभाव से करोड़ों भारतीयों के हृदय में राष्ट्रप्रेम की ज्योति जली। यही गीत क्रांतिकारियों का मंत्र तथा एकता का सूत्र बना। उन्होंने बताया कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा कोलकाता में गाए जाने पर पूरा सभागार भावविभोर हो उठा। आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक यह गीत देशभक्ति का प्रमुख स्वर बना हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं में राष्ट्र निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज की घोषणा के समय भी वन्दे मातरम् का उच्चारण किया था। अंग्रेज इस गीत से भयभीत थे, इसलिए इसके सार्वजनिक गान पर रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा कि वन्दे मातरम् केवल राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा है, जो भारतीयों को एक सूत्र में बांधती है।
ये भी पढ़ें: Rajasthan News: वंदे मातरम का सम्मान, शहीदों का अपमान! जूते पहन अमर जवान ज्योति पर चढ़े भाजपा नेता-कार्यकर्ता
उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व में नई पहचान बना रहा है। चंद्रयान, डिजिटल परिवर्तन और बढ़ती आर्थिक शक्ति इसका उदाहरण हैं। हमारी संस्कृति के साथ हमारा जुड़ाव ही इस प्रगति का आधार है। वन्दे मातरम् इसी चेतना का वाहक है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को राष्ट्रगीत का इतिहास जानने, उसके शब्दों का अर्थ समझने और राष्ट्रभक्ति को कर्म में बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम युवा पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम की ज्योति प्रज्वलित करेगा। राजस्थान सरकार विद्यालयों और महाविद्यालयों में वन्दे मातरम् की भावना प्रसार में प्रयासरत है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्टेडियम में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें 1857 की क्रांति और स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों का योगदान प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में खिलाड़ियों का सम्मान, सैंड आर्ट, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और ड्रोन द्वारा पुष्पवर्षा आकर्षण का केंद्र रहे। अंत में मुख्यमंत्री ने उपस्थित नागरिकों को आत्मनिर्भर भारत की शपथ दिलाई।
कार्यक्रम में मंत्रीगण, सांसद, अधिकारी, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और आमजन उपस्थित रहे।
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उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा ‘आनंदमठ’ में रचित वन्दे मातरम् ने स्वतंत्रता संग्राम को स्वर प्रदान किया। इसके प्रभाव से करोड़ों भारतीयों के हृदय में राष्ट्रप्रेम की ज्योति जली। यही गीत क्रांतिकारियों का मंत्र तथा एकता का सूत्र बना। उन्होंने बताया कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा कोलकाता में गाए जाने पर पूरा सभागार भावविभोर हो उठा। आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक यह गीत देशभक्ति का प्रमुख स्वर बना हुआ है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं में राष्ट्र निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज की घोषणा के समय भी वन्दे मातरम् का उच्चारण किया था। अंग्रेज इस गीत से भयभीत थे, इसलिए इसके सार्वजनिक गान पर रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा कि वन्दे मातरम् केवल राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा है, जो भारतीयों को एक सूत्र में बांधती है।
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उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व में नई पहचान बना रहा है। चंद्रयान, डिजिटल परिवर्तन और बढ़ती आर्थिक शक्ति इसका उदाहरण हैं। हमारी संस्कृति के साथ हमारा जुड़ाव ही इस प्रगति का आधार है। वन्दे मातरम् इसी चेतना का वाहक है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को राष्ट्रगीत का इतिहास जानने, उसके शब्दों का अर्थ समझने और राष्ट्रभक्ति को कर्म में बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम युवा पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम की ज्योति प्रज्वलित करेगा। राजस्थान सरकार विद्यालयों और महाविद्यालयों में वन्दे मातरम् की भावना प्रसार में प्रयासरत है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्टेडियम में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें 1857 की क्रांति और स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों का योगदान प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में खिलाड़ियों का सम्मान, सैंड आर्ट, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और ड्रोन द्वारा पुष्पवर्षा आकर्षण का केंद्र रहे। अंत में मुख्यमंत्री ने उपस्थित नागरिकों को आत्मनिर्भर भारत की शपथ दिलाई।
कार्यक्रम में मंत्रीगण, सांसद, अधिकारी, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और आमजन उपस्थित रहे।

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