Bihar Election : पटना पहुंचकर पूर्व सीएम गहलोत ने इन मुद्दों पर NDA और CM नीतीश को घेरा, खास बुकलेट की जारी
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटना में कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के भविष्य की दिशा तय करेगा। उन्होंने पिछले बीस वर्षों में बिहार में सुशासन की कमी, भ्रष्टाचार और केंद्र की घोषणाओं के धरातली असर न होने पर भी सवाल उठाए।
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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने गुरुवार को पटना में कहा कि, “पूरा देश यह जानना चाहता है कि बिहार के चुनाव में क्या होगा। यह चुनाव केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के भविष्य की दिशा भी तय करेगा।”
गहलोत, जिन्हें कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, अपने पटना दौरे के दौरान पार्टी द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘बीस साल विनाशकाल’ अपने आप में एक बड़ा संदेश है।
बीस वर्षों में सुशासन की भारी कमी
गहलोत ने कहा कि पिछले बीस वर्षों में बिहार में सुशासन की भारी कमी रही है। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार बार-बार पाला बदलते रहे, जिससे राज्य में ठोस और लगातार शासन नहीं हो पाया। बिना अच्छे शासन के विकास, समस्याओं का समाधान और आधारभूत संरचना का निर्माण संभव नहीं होता। यही कारण है कि बिहार सभी क्षेत्रों में पीछे रह गया है और उसकी स्थिति आज सबके सामने है।”
भ्रष्टाचार और जवाबदेही पर प्रधानमंत्री को घेरा
राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और मंत्रियों पर लगे गंभीर आरोपों का जिक्र करते हुए गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।
“डिप्टी सीएम और मंत्रियों पर खुलेआम तथ्यात्मक आरोप हैं, फिर भी किसी का इस्तीफा नहीं हुआ। ऐसा लगता है जैसे प्रधानमंत्री ने यह नीतिगत निर्णय ले लिया है कि चाहे कुछ भी हो, किसी मंत्री का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा। लोकतंत्र में यह प्रवृत्ति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है,” उन्होंने कहा।
एनडीए सरकार की आर्थिक घोषणाएं कोरे वादे साबित हुईं
गहलोत ने केंद्र सरकार की आर्थिक घोषणाओं की भी आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार को 50 हजार करोड़ से लेकर 1.25 लाख करोड़ रुपये तक की सहायता देने की बात कही थी, लेकिन इसका कोई वास्तविक असर नहीं दिखा।
“मोदी जी ने बिहार को 50 हजार करोड़, 60 हजार करोड़, 80 हजार करोड़ से लेकर 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये तक की सहायता देने की बात कही थी, लेकिन उसका क्या हुआ, यह किसी को नहीं पता।”
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‘बीस साल विनाशकाल’ पर आधारित बुकलेट का विमोचन
प्रेस वार्ता के दौरान गहलोत और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने एक बुकलेट भी जारी की, जिसमें बिहार के पिछले 20 वर्षों की स्थिति और केंद्र सरकार की नीतियों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।