Rajasthan News: जेईसीसी में प्रवासी राजस्थानी दिवस का आगाज, वैश्विक प्रतिनिधि और केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल
गुलाबी नगरी आज विदेशों में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों की मेहमान नवाजी के लिए सज रही है। अब से कुछ देर बाद सीतापुरा के जेईसीसी में प्रवासी राजस्थानी दिवस सम्मेलन का आगाज होगा जिसमें दुनिया भर से प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं-
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आयोजन में देश के कारोबार और उद्योग जगत की शीर्ष हस्तियां भी शामिल होंगी, जिनमें वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, पीरामल ग्रुप के चेयरमैन अजय पीरामल और टाटा पावर के सीईओ और एमडी प्रवीर सिन्हा शामिल हैं। इसके अलावा, उद्घाटन सत्र में राजस्थान और प्रवासी राजस्थानी समुदाय के बीच हमेशा से रहे भावनात्मक जुड़ाव और साझा विरासत को एक विशेष फिल्म के जरिए प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, इस अवसर पर 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों (एमओयू) की ग्राउंडब्रेकिंग भी की जाएगी। इन्हें मिला कर राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के बाद से धरातल पर शुरू हुई परियोजनाओं की कुल मूल्य 8 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी।
प्रवासी राजस्थानी दिवस में 26 चैप्टर होंगे शामिल
कार्यक्रम में राजस्थान के सभी 26 चैप्टर भाग लेंगे, जिनमें 12 अंतरराष्ट्रीय चैप्टर म्यूनिख, नैरोबी, दुबई, सिंगापुर, दोहा, टोक्यो, रियाद, मेलबर्न, कंपाला, काठमांडू, लंदन और न्यूयॉर्क शामिल हैं। इनके अलावा 14 घरेलू चैप्टर दिल्ली, रांची, गुवाहाटी, पुणे, भुवनेश्वर, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता और कोयम्बटूर भी सक्रिय रूप से प्रतिनिधित्व करेंगे। ये सभी प्रतिनिधि राजस्थान में निवेश के अवसरों, बदलते औद्योगिक माहौल और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। समारोह में 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडब्रेकिंग रिपोर्ट जारी की जाएगी। साथ ही 10 से अधिक नई नीतियों की शुरुआत होगी, जिनमें प्रवासी राजस्थानी नीति भी शामिल है।
राजस्थान सरकार ने कार्यक्रम में शामिल होने वाले डेलीगेट्स की हवाई और रेल यात्रा को सुगम बनाने के लिए व्यापक परिवहन व्यवस्थाएं की हैं। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर विशेष फैसिलिटेशन काउंटर स्थापित किए गए हैं, जबकि 24 घंटे सक्रिय हेल्पलाइन सेवा भी शुरू की गई है, जिससे प्रतिनिधियों को किसी भी सहायता में देरी न हो। समारोह का समापन राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर की भव्य प्रस्तुति के साथ होगा। इसमें घूमर और कालबेलिया जैसे पारंपरिक लोकनृत्यों के साथ-साथ एक विशेष फ्यूजन परफॉर्मेंस भी शामिल होगा, जो राज्य की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाएगा।