Rajasthan: जयपुर में लगे ‘शिक्षा मंत्री लापता’ के पोस्टर, दिलावर के मौन पर परिवर्तन संस्था ने उठाए गंभीर सवाल
Jaipur News: छात्रा अमायरा की मृत्यु के बाद शिक्षा विभाग की अव्यवस्थाओं पर संयुक्त अभिभावक संघ ने शिक्षा मंत्री की चुप्पी पर नाराजगी जताई। संघ ने ‘Justice for Amaira’ आंदोलन का समर्थन किया और निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई, पारदर्शी जांच तथा न्याय की मांग दोहराई।
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छात्रा अमायरा की दर्दनाक मृत्यु और प्रदेशभर में लगातार सामने आ रही शिक्षा विभाग की गंभीर अव्यवस्थाओं के बीच संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार, विशेषकर शिक्षा मंत्री की कार्यशैली पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया है। संघ ने कहा कि जिस तरह राज्यभर में अभिभावक और सामाजिक संगठन न्याय की मांग को लेकर आवाज उठा रहे हैं, उसके बावजूद शिक्षा मंत्री का मौन रहना अत्यंत दुखद और असंवेदनशील है। अभिभावकों में भय और चिंता का माहौल है, लेकिन विभागीय नेतृत्व की निष्क्रियता इस स्थिति को और गंभीर बनाती जा रही है।
संयुक्त अभिभावक संघ ने परिवर्तन संस्था द्वारा चलाए जा रहे 'Justice for Amaira' आंदोलन और पूरे शहर में लगाए गए 'शिक्षा मंत्री लापता' पोस्टर अभियान को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। संघ का कहना है कि यह अभियान शिक्षा मंत्री की अनुपस्थिति, उदासीनता और संवेदनहीनता को उजागर करता है। समाज और अभिभावकों की सामूहिक आवाज ही भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने का रास्ता तैयार कर सकती है।
संघ ने शिक्षा मंत्री की लापरवाही पर कई गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि घटना के 39 दिन बीत जाने के बावजूद शिक्षा मंत्री न तो नीरजा मोदी स्कूल के घटनास्थल पर पहुंचे और न ही पीड़ित परिवार से मिले। अमायरा के माता-पिता को शिक्षा विभाग द्वारा CBSE की तर्ज पर कार्रवाई और नोटिस जारी करने का जो आश्वासन दिया गया था, वह आज तक पूरा नहीं हो सका है। विभागीय जांच रिपोर्ट न तो सार्वजनिक की गई और न ही अभिभावकों के साथ साझा की गई। इसके अलावा अब तक राज्य के किसी भी निजी स्कूल में सुरक्षा मानकों को लेकर कोई कठोर कार्रवाई घोषित नहीं की गई है, जिससे अभिभावकों का आक्रोश और बढ़ गया है।
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि पिछले 39 दिनों में अमायरा सहित पांच से अधिक मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है, फिर भी शिक्षा मंत्री का मौन रहना अभिभावकों के साथ बड़ा अन्याय है। उन्होंने कहा कि जब विभाग का शीर्ष जिम्मेदार व्यक्ति ही बच्चों की सुरक्षा पर चुप्पी साध ले, तो अभिभावक अपनी उम्मीदें किससे रखें? उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार निजी स्कूलों की लापरवाही पर रोक लगाने की इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है। संघ ने घोषणा की कि वे परिवर्तन संस्था सहित प्रदेश के हर अभिभावक और विद्यार्थी के साथ खड़े हैं और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
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