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MLA Jitendra Gothwal: राजस्थान हाईकोर्ट से जितेंद्र गोठवाल को बड़ी राहत, विधायक पर लगे थे ये आरोप

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: अरविंद कुमार Updated Fri, 21 Feb 2025 03:47 PM IST
सार

राजस्थान हाईकोर्ट से विधायक जितेंद्र गोठवाल को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने डॉ. अर्चना शर्मा हत्याकांड से जुड़े मामले में उनके खिलाफ जारी जांच आदेश को निरस्त कर दिया है।

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MLA Jitendra Gothwal got big relief from Rajasthan High Court these allegations were made against MLA
विधायक जितेंद्र गोठवाल - फोटो : अमर उजाला
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राजस्थान हाईकोर्ट ने खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल को बड़ी राहत देते हुए दौसा जिले के लालसोट में हुए डॉ. अर्चना शर्मा हत्याकांड से जुड़े मामले में उनके खिलाफ जारी जांच आदेश को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट की एकलपीठ, जिसमें जस्टिस गणेशराम मीणा शामिल थे, ने यह स्पष्ट किया कि अग्रिम अनुसंधान में गोठवाल पर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और उनकी किसी भी प्रकार की संलिप्तता नहीं पाई गई। इसी आधार पर कोर्ट ने एडीजे कोर्ट लालसोट के चार्ज आदेश को रद्द कर दिया।

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इस मामले में याचिकाकर्ता जितेंद्र गोठवाल की ओर से एडवोकेट हेमंत निहटा ने पैरवी की। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद विधायक गोठवाल को बड़ी राहत मिली है। इससे पहले गोठवाल ने हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की थी, जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें यह राहत मिली।

53 दिन जेल में बिता चुके हैं विधायक गोठवाल
गौरतलब है कि इस मामले में विधायक गोठवाल को 53 दिन जेल में भी रहना पड़ा था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद विधायक जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की "प्रतिशोध की राजनीति" के कारण उन्हें फंसाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पिछले तीन वर्षों में अन्याय के खिलाफ कई धरने दिए हैं और सरकार उनकी आवाज़ को दबाना चाहती थी।

मई 2022 में मिली थी जमानत
इससे पहले मई 2022 में राजस्थान उच्च न्यायालय ने गोठवाल सहित छह आरोपियों को जमानत दी थी। अधिवक्ताओं ने दलील दी थी कि मामले में धारा-306 लागू नहीं होती है। क्योंकि किसी घटना के खिलाफ धरना और प्रदर्शन करना आत्महत्या के लिए मजबूर करने का कारण नहीं हो सकता। सुसाइड नोट में भी किसी का नाम नहीं था।

क्या था मामला?
डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस मार्च 2022 में उस समय चर्चा में आया था, जब लालसोट स्थित आनंद हॉस्पिटल में एक प्रसूता की मौत के बाद हंगामा हुआ था। पुलिस ने डॉक्टर दंपत्ति के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था, जिसके बाद डॉ. अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद राजस्थान में डॉक्टर समुदाय में भारी आक्रोश देखने को मिला था।

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