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School Fees Budget: RTE एक्ट के तहत प्रवेश लेने वाले छात्रों की फीस पर संकट, आचार संहिता के चलते अटका बजट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: अरविंद कुमार
Updated Fri, 20 Oct 2023 02:15 PM IST
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सार
School Fees Budget: राजस्थान में आदर्श आचार संहिता के चलते हजारों छात्रों की पढ़ाई पर संकट के बादल छा गए हैं। ये वे छात्र हैं, जिनका इसी साल आरटीई एक्ट के तहत 9वीं कक्षा में प्रवेश हुआ था। आचार संहिता लगने तक इनका बजट जारी नहीं हुआ था। ऐसे में इन बच्चों की पुनर्भरण राशि के साथ निजी स्कूल में पढ़ाई भी अधरझूल में अटक गई है।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
आरटीई एक्ट के तहत आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के बच्चों को आठवीं कक्षा तक निजी स्कूल की 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश दिए जाने का प्रावधान है। राज्य सरकार ने अपनी पिछली दो बजट घोषणाओं में आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों में शिक्षण का दायरा बढ़ा दिया था।

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आरटीई एक्ट के तहत पिछले बजट में 8वीं तक पढ़ी छात्राओं और इस सत्र में छात्र-छात्राओं, दोनों की 12वीं तक की शिक्षा नि:शुल्क करने की घोषणा की गई। सरकार ने इनकी पुनर्भरण राशि अपने स्तर पर निजी स्कूलों को देना तय किया था, जिसके चलते प्रदेश के हजारों स्टूडेंट्स ने कक्षा नौ की पढ़ाई भी निजी स्कूल में जारी रखी। लेकिन आचार संहिता लगने तक बजट जारी नहीं होने पर उनकी पुनर्भरण राशि अब अधर में अटक गई है।
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पुनर्भरण राशि की दूसरी किश्त अटकी
सरकार की बजट घोषणा के अनुसार, आरटीई एक्ट के तहत पिछले वर्ष कक्षा नौ में प्रवेश पाने वाली छात्राओं की पुनर्भरण राशि की दूसरी किश्त भी अब तक शिक्षा संस्थानों को जारी नहीं हुई है। छात्राएं इस वर्ष 10वीं कक्षा में पहुंच चुकी हैं, ऐसे में उनकी पढ़ाई को लेकर भी असमंजस की स्थिति है।
अभिभावकों की बढ़ी चिंता
योजना को लेकर छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के मन में चिंता सता रही है कि यदि चुनाव के बाद सरकार बदल गई तो पुनर्भरण राशि के साथ-साथ कहीं 12वीं तक की नि:शुल्क शिक्षण योजना खटाई में ना पड़ जाए ? यदि ऐसा हुआ तो अभिभावकों को अपने स्तर पर बच्चों की फीस जमा करानी होगी।