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Kota News: कोटा जिला कलेक्टर ने देर रात क्यों लगा दी धारा 163? आज से 1 नवंबर तक रहेगी लागू, इनपर पैनी नजर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोटा
Published by: कोटा ब्यूरो
Updated Tue, 02 Sep 2025 09:31 AM IST
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सार
राजस्थान के कोटा जिले में जिला कलेक्टर ने अचानक धारा 163 लागू कर दी। यह फरमान बैठक के बाद देर रात जारी किया गया। 2 सितंबर से आगामी एक नवंबर तक लागू रहेगा। इस दौरान क्या-क्या पाबंदियां रहेंगी? किन-किन बातों का ध्यान रखा जाएगा ये जान लें।

कोटा जिला कलेक्टर ने ली बैठक
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विस्तार
राजस्थान के कोटा जिले में आगामी धार्मिक त्योहारों को देखते हुए शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोटा जिला कलेक्टर ने धारा 163 लागू की है। जो की आज 2 सितंबर से 1 नवंबर सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। जिला कलेक्टर ने यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत लागू किया है। जिला कलेक्टर ने अपने आदेश में बताया है कि ढोल ग्यारस, तेजा दशमी, बारावफात और अनंत चतुर्दशी को देखते हुए कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए धारा 163 लागू की गई है।
संवेदनशील क्षेत्र होना बड़ा कारण
जिला कलेक्टर पीयूष समारिया का कहना है कि कोटा जिला अपने सांप्रदायिक संरचना के कारण संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यहां पर आगामी त्योहारों के दौरान बड़ी संख्या में जुलूस और शोभा यात्रा निकाली जाती है। जिससे असामाजिक तत्वों द्वारा शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बढ़ जाती है। जिससे सामान्य जनजीवन भी प्रभावित होते हैं और जनजीवन का भी खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में यह आदेश जारी किए गए हैं। ताकि जिले में जुलूस और शोभा यात्रा सुरक्षा के साथ निकल सके। धार्मिक जुलूस पहले से चेक किए गए निर्धारित मार्गो से ही निकाले जाएंगे। इसके लिए धर्म गुरुओं के साथ बैठक हो चुकी है।
ये भी पढ़ें- Rajasthan Flood: सीएम भजनलाल ने अधिकारियों को किया अलर्ट, पंजाब के CM से की बात; घग्गर नदी का बढ़ा जलस्तर
नसीहत: अफवाह से बचें और बचाएं
धारा 163 के तहत जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति अस्तशास्त्र लेकर सार्वजनिक स्थान पर विचरण नहीं कर सकेगा। इस आदेश से सिविल पुलिस, होमगार्ड, सेना और उन सरकारी कर्मचारी को दूर रखा गया है जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हथियार रखने में अधिकृत है। इसके साथ ही जिले में अनाधिकृत विस्फोटक पदार्थ या ज्वलनशील सामग्रियों का उपयोग और परिवहन नहीं किया जा सकेगा। वहीं, सोशल मीडिया पर भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरा ध्यान रखेंगे ताकि कोई अफवाह न फैला सके।
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संवेदनशील क्षेत्र होना बड़ा कारण
जिला कलेक्टर पीयूष समारिया का कहना है कि कोटा जिला अपने सांप्रदायिक संरचना के कारण संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यहां पर आगामी त्योहारों के दौरान बड़ी संख्या में जुलूस और शोभा यात्रा निकाली जाती है। जिससे असामाजिक तत्वों द्वारा शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बढ़ जाती है। जिससे सामान्य जनजीवन भी प्रभावित होते हैं और जनजीवन का भी खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में यह आदेश जारी किए गए हैं। ताकि जिले में जुलूस और शोभा यात्रा सुरक्षा के साथ निकल सके। धार्मिक जुलूस पहले से चेक किए गए निर्धारित मार्गो से ही निकाले जाएंगे। इसके लिए धर्म गुरुओं के साथ बैठक हो चुकी है।
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नसीहत: अफवाह से बचें और बचाएं
धारा 163 के तहत जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति अस्तशास्त्र लेकर सार्वजनिक स्थान पर विचरण नहीं कर सकेगा। इस आदेश से सिविल पुलिस, होमगार्ड, सेना और उन सरकारी कर्मचारी को दूर रखा गया है जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हथियार रखने में अधिकृत है। इसके साथ ही जिले में अनाधिकृत विस्फोटक पदार्थ या ज्वलनशील सामग्रियों का उपयोग और परिवहन नहीं किया जा सकेगा। वहीं, सोशल मीडिया पर भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरा ध्यान रखेंगे ताकि कोई अफवाह न फैला सके।
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