Nagaur News: क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 92 लाख रुपये की ठगी, चार आरोपी गिरफ्तार
नागौर पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत मेड़ता सिटी से चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मशीन के जरिए अधिक धन कमाने का लालच देकर व्यक्ति से 92 लाख रुपये की ठगी की।

विस्तार
नागौर पुलिस ने ऑपरेशन साईबर शील्ड के तहत साइबर ठगी से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने परिवादी को क्रिप्टों करेंसी की माइनिंग मशीन से अधिक धन कमाने का लालच देकर परिवादी से 91 लाख 59 हजार 999 रुपये की साइबर ठगी कर ली। पुलिस ने मेड़ता सिटी कस्बे से 04 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताश की तो आरोपियों ने बताया कि उन्होंने माइनिंग मशीन से अधिक धन राशि कमाने को लेकर अब तक कुल 10 करोड़ रुपये की साइबर ठगी कर चुके हैं। जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छवाहा ने बताया कि आरोपी अधिक धन कमाने का लालच देकर CARNIVAL CORPORATE GROUP इनवेस्टमेंट किप्टो करेंसी मशीन बेचने को लेकर ठगी करते थे। आरोपियों के कब्जे से 04 कंप्यूटर 02 लैपटॉप व लेन-देन से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए हैं।

नागौर जिले के मेड़ता सिटी कस्बे निवासी ओंकार राम पुत्र छोगाराम ने रिपोर्ट देकर बताया कि उसको सोशल मीडिया के जरिए उसका दो लोगों से संपर्क हुआ। उन्होंने बताया कि उनके पास खुद की एक कंपनी है, जिसमें वह इन्वेस्टमेंट करवाते हैं तथा खुद को प्रचारित करते हुए एक निवेश (इन्वेस्टमेंट) कंपनी बताई। इस निवेश के जरिए पैसा निवेश कर उन्हें अच्छा निवेश कमा सकते हैं। दोनों युवकों ने कहा कि उनके बताए अनुसार वह भी धनराशि इन्वेस्टमेंट करेगा तो उसको भी अच्छा खासा वह मुनाफा दिलवाएंगे। उन लोगों के कहने पर वह उनके चंगुल में फंस गया और उसने उनके बताए अनुसार 5 नवंबर 2024 को मेड़ता सिटी स्थित उनके ऑफिस गया। वहां पर उसको पूरी ऑफिस दिखाया गया, जहां पर लैपटॉप में मशीनें भी रखी हुई थीं। उन लोगों ने बताया कि इन मशीनों से वह ट्रेडिंग करते हैं तथा उन्होंने यह भी बताया कि वह काफी समय से उनके साथ काम कर रहे हैं। उन लोगों ने संगठित रूप से एक निवेश कंपनी होने का उसको झांसा विश्वास में ले लिया। उन लोगों के कहे अनुसार उसने भी अपनी जमा पूंजी निवेश कर दी।
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CARNIVAL CORPORATE GROUP ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट के बारे में भरोसा करो और निश्चित रहो। आगे उन्होंने कहा कि जैसा हम लोग कह रहे हैं वैसे-वैसे आप लोग निवेश करो जल्दी ही आपको आपके इन्वेस्टमेंट के रुपये प्रॉफिट उपलब्ध करवा दिया जाएगा। उसे उनके विश्वास में आकर उसने उनके अनुसार बताए हुए तमाम बैंक की डिटेल उन्हें भेज दी तथा परिवादी ने अपने तमाम निजी बैंक खातों और फोन-पे से उनको पैसे जमा करवाता रहा। कुछ दिन बाद वहां पर उपलब्ध संपर्क नंबर भी बंद थे तथा जो बाकी अन्य डिटेल उन्होंने उपलब्ध करवाई थी। वह भी पूर्ण रूप से फर्जी निकली और ऑफिस भी बंद था। जब मैं सभी दस्तावेज पहचान हुए दावे को चेक किया तो सारे फर्जी निकले। उसे समय उसको पूरा कभी भरोसा हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी और ठगी हो गई। आरोपियों ने उसे 91 लाख 59999 रुपये हड़प लिए, जिसके चलते उसके ऊपर आर्थिक संकट भी आ गया। परिवादी की रिपोर्ट के आधार पर नागौर की साईबर थाना पुलिस ने धारा 61 (2), 316(2), 318(4) बीएनएस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
मृदुल कच्छावा जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत मेड़ता कस्बे से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने मेड़ता निवासी ओंकाराम पुत्र छोगाराम के साथ 91 लाख 59 हजार 999 के साथ अधिक धन राशि कमाने का झांसा देकर किप्टो करेंसी की माइनिंग मशीन से अधिक धन राशि कमाने का लालच देकर उसके साथ साइबर ठगी कर ली। आरोपियों से पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि अब तक 10 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपियों के कब्जे से चार कंप्यूटर, 02 लैपटॉप और लेनदेन से जुड़े दस्तावेज जब्त हुए हैं।
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अपराध करने का तरीका
साइबर ठग सोशल मीडिया और मैसेजिंक एप पर नकली प्रोफाइल बनाकर ठगी का अंजाम देते हैं। दोस्ती करते हैं इसके साथ बिजनेस ग्रुप निवेश सलाह, चैनल या 'एस्पोर्ट' ट्रेडिंग ग्रुप में जोड़ते हैं।इसके अलावा नकली निवेश प्लेटफार्म/एप के जरिए अपराधी असली एक्सचेंज जैसा दिखने वाला एप या वेबसाइट बनाकर USTD या अन्य क्रिप्टो करेंसी खरीदने और उनके वॉयलेट में ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। पहले शुरुआत में आम लोगों से भरोसा बनाते फिर शुरुआती छोटे लेनदेन में मुनाफा दिखाकर वापस कर देते हैं। इससे पीड़िता का भरोसा जीतते है और बड़े निवेश के लिए उकसाते हैं।
बड़ा निवेश और ठगी
एक बार बड़ी रकम भेजने के बाद ये लोग वॉलेट को 'फ्रीज' वेरिफिकेशन पेंडिंग बताकर पैसे निकालते से रोक देते हैं। फिर अलग-अलग बहानों जैसे (टैक्स, सर्विस, चार्ज, वेरिफिकेशन फीस) के नाम पर और पैसे की मांग करते हैं। रकम को तुरंत विभिन्न विदेशी वॉयलेट में भेजकर ट्रैकिंग मुश्किल बना देते हैं।