Sirohi News: बच्चों के खांसी-जुकाम और बुखार के लिए CMHO ने जारी किए दिशानिर्देश, दवा के सुरक्षित प्रयोग पर जोर
Sirohi News: सिरोही CMHO डॉ. खराड़ी ने बच्चों में खांसी-जुकाम और बुखार के लिए घरेलू उपचार, सुरक्षित दवा प्रयोग और सावधानी के विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए। विशेष चेतावनी Dextromethorphan सिरप और पैरासिटामोल की सही खुराक पर दी गई।
विस्तार
सिरोही जिले में मौसमी बदलाव के चलते खांसी, जुकाम और बुखार के मामलों में वृद्धि को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. दिनेश खराड़ी ने आमजन, अभिभावकों, चिकित्सकों और फार्मासिस्टों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश खांसी-जुकाम के मामलों में एंटीबायोटिक या कफ सिरप जैसी दवाओं की आवश्यकता नहीं पड़ती और यह आमतौर पर 7 से 10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है।
घरेलू उपचार और आराम सबसे प्रभावी
डॉ. खराड़ी ने बताया कि सामान्य खांसी-जुकाम की स्थिति में घरेलू उपचार सबसे सुरक्षित विकल्प है। बच्चों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ जैसे गुनगुना पानी, सूप, नारियल पानी और दूध पिलाना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। इसके साथ ही बच्चे को पर्याप्त आराम दिलाना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को शहद देना खांसी में राहत पहुंचाता है, वहीं भाप लेने और सलाइन ड्रॉप के उपयोग से नाक बंद होने और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं में आराम मिलता है।
कफ सिरप के दुष्प्रभाव और सावधानियां
सीएमएचओ ने चेतावनी दी कि Dextromethorphan युक्त कफ सिरप छोटे बच्चों में गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है, जैसे सांस की गति धीमी होना, अत्यधिक सुस्ती, उल्टी, बेहोशी या मिर्गी जैसे दौरे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यह सिरप बिल्कुल न दें, और बड़े बच्चों को भी केवल चिकित्सकीय सलाह पर ही देना चाहिए।
पैरासिटामोल का सुरक्षित प्रयोग
डॉ. खराड़ी ने बताया कि बच्चों के लिए पैरासिटामोल सबसे सुरक्षित ज्वरनाशक दवा है, लेकिन इसे सही खुराक में देना आवश्यक है। खुराक उम्र के बजाय वजन के आधार पर तय की जानी चाहिए।
सही खुराक: 10–15 mg/kg/dose हर 4–6 घंटे में, अधिकतम दिन में चार बार। 2 माह से 6 वर्ष की आयु वाले बच्चों के लिए 125 mg/5ml सिरप, और 6 वर्ष से अधिक आयु के लिए 250 mg/5ml सिरप उपयुक्त है। अधिक मात्रा देने से लीवर और किडनी संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
चिकित्सक और फार्मासिस्टों के लिए निर्देश
CMHO ने सभी चिकित्सकों से कहा कि वे Dextromethorphan युक्त सिरप का प्रयोग यथासंभव न करें, और 4 वर्ष से छोटे बच्चों को बिल्कुल न दें।
फार्मासिस्टों को निर्देश दिया गया कि वे बिना चिकित्सकीय पर्ची किसी भी दवा का वितरण न करें और अभिभावकों को दवा की खुराक, संभावित जोखिम और सही उपयोग विधि की जानकारी दें।
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आमजन के लिए सावधानियां
डॉ. खराड़ी ने अभिभावकों से अपील की कि बच्चे को खांसी-जुकाम या बुखार होने पर पर्याप्त तरल पदार्थ पिलाएं और आराम दिलाएं। 1 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को शहद दें और नाक में सलाइन ड्रॉप डालें।
किसी भी दवा को केवल पंजीकृत चिकित्सक की सलाह पर दें और डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक से अधिक न दें। सभी दवाओं को बच्चों की पहुंच से दूर सुरक्षित स्थान पर रखें, पुरानी या खाली बोतलें कभी न दें।
यदि दवा के सेवन के बाद सांस लेने में कठिनाई, सुस्ती, उल्टी या दौरे जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत अस्पताल जाएं या जिला नियंत्रण कक्ष 02972-294159 पर संपर्क करें।
सावधानी ही सबसे अच्छा उपचार
डॉ. खराड़ी ने जोर देकर कहा कि थोड़ी सी सावधानी बच्चों को दवाओं के दुष्प्रभावों से बचा सकती है। उन्होंने कहा कि सामान्य खांसी-जुकाम में अनावश्यक दवा प्रयोग न करें और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें।
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