तुमसे है उजाला: बहू बनी प्रोफेसर! पढ़ें पूजा अलाहन की जिंदगी बदल देने वाली कहानी
Dr Pooja Alahan : डॉ. पूजा अलाहन के जीवन में संघर्षों की कमी नहीं थी। कम उम्र में शादी हो गई। एक बेटी हुई, पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ीं तो सपने थोड़े दूर जाते दिखे। लेकिन पूजा ने हार नहीं मानी। सारी जिम्मेदारियां निभाईं और बन गईं समाज के लिए एक मिसाल।

विस्तार
Dr Pooja Alahan : ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ नारा आपने नेताओं से लेकर आम जन के मुंह से खूब सुना होगा, लेकिन हरियाणा के हिसार की रहने वाली हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पूजा अलाहन का कहना है कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ नारे के साथ-साथ ‘बहू बचाओ बहू पढ़ाओ’ नारे को भी साकार रूप देना होगा। समाज का चाहे कोई भी क्षेत्र हो, शिक्षा हो या खेल या फिर अंतरिक्ष पर जाना हो, पिता के घर में बेटियां स्वतंत्र रूप से अपने निर्णय ले पा रही हैं। लेकिन समाज की यह विडंबना है, जो अधिकतर देखने में आती है कि लड़कियां शादी के बाद एक के बाद एक जिम्मेदारियों का वहन करते हुए अपनी पढ़ाई को निरंतर नहीं रख पातीं और बीच में ही छोड़ देती हैं। क्या उन्हें ससुराल पक्ष से वह सहयोग नहीं प्राप्त होता, जिसकी वे हकदार हैं। इसलिए हमें बहुओं की शिक्षा और उनकी समाज के प्रति कुछ करने की चाह को सकारात्मक दृष्टि देनी होगी।

कौन हैं हरियाणा की पूजा अलाहन?
हरियाणा के भिवानी जिले में जन्मीं और हिसार के हांसी कस्बे में पली-बढ़ी पूजा ने एक मध्यमवर्गीय परिवार में होने के बावजूद बड़े सपने देखे। वह बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थीं और हमेशा मेधावी छात्रा रहीं। लेकिन हिंदी में एमए की पढ़ाई पूरी करते ही 2009 में उनका विवाह हो गया। पूजा ने महसूस किया कि समाज की नकारात्मक सोच और रोज-रोज का संघर्ष उनके अस्तित्व को मिटा रहा है, लेकिन वह हार मानने वालों में से नहीं थीं। अपनी बेटी की जिम्मेदारी और जीवन में कुछ कर दिखाने की ललक ने उन्हें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम बना दिया।
शादी के बाद प्राप्त की उच्चतम शिक्षा
लगभग तीन साल तक अपनी शिक्षा को अल्प विराम देने के बाद उन्होंने अपने परिवार, बेटी महिका राठी और तमाम जिम्मेदारियों के बीच पढ़ाई दोबारा शुरू की और 2011 में जन संचार, 2014 में बीएड, 2015 में एमफिल और 2024 में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से ‘बाल मनोविज्ञान’ विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
बचपन के सपने को किया पूरा
शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ पूजा अलाहन ने हरियाणा कर्मचारी सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में राज्य में प्रथम स्थान हासिल कर अपनी योग्यता दिखाई। पूजा का शादी से पहले मिस इंडिया या मिस हरियाणा बनने का सपना आर्थिक रूप से सक्षम होने के बाद ‘मिसेज हरियाणा विजेता 2019’ और ‘मिसेज इंडिया फेस विजेता 2019’ बनकर साकार हुआ। आज वह उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं, जो विषम परिस्थितियों के कारण अपने सपनों को छोड़ देती हैं। यही नहीं, डॉ. पूजा अलाहन का सामाजिक योगदान भी अतुलनीय है। वह छात्र-छात्राओं को नेट जेआरएफ की तैयारी कराती हैं। उनके कई विद्यार्थी नेट जेआरएफ उत्तीर्ण कर पीएचडी में प्रवेश भी ले चुके हैं।
समाज को नई दिशा दिखाने का कर रहीं प्रयास
एक समाज सेविका के रूप में भी पूजा का योगदान सराहनीय है। वह महिला सशक्तीकरण, नशा मुक्ति आंदोलन, हरियाणवी संस्कृति को रंगमंच पर बढ़ावा देने जैसे विभिन्न अभियानों से जुड़ी हुई हैं। पिछले पांच वर्षों से वह हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद से जुड़कर बच्चों के मार्गदर्शन और उनके विकास के लिए कार्य कर रही हैं। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को गोद लेना और उनकी स्कूल फीस, यूनिफॉर्म, शिक्षा आदि का खर्च उठाते हुए उनका पालन-पोषण करना आदि उनके इन उत्कृष्ट कार्यों मैं शामिल हैं।
पूजा अलाहन की उपलब्धि
शैक्षणिक एवं सामाजिक क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें हरियाणा सरकार द्वारा 2022 और 2023 में राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पूजा अपनी बेटी को भी यही सीख देती हैं कि वह अपनी सोच को सदैव स्वतंत्र रखे। किसी के दबाव में आकर अपनी ख्वाहिशों और सपनों का गला न घोंटे।
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