Shimla: अधिग्रहीत जमीन से 120 मीटर बाहर वन भूमि पर ही बना दिया फोरलेन, जिला प्रशासन की जांच में खुलासा
शिमला में फोरलेन निर्माण के लिए अधिग्रहण की गई जमीन से बाहर जाकर खोदाई करने के मामले में अब वन विभाग कार्रवाई करेगा।
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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में फोरलेन निर्माण के लिए अधिग्रहण की गई जमीन से बाहर जाकर खोदाई करने के मामले में अब वन विभाग कार्रवाई करेगा। जिला प्रशासन की ओर से की गई जांच में सामने आया है कि अधिग्रहण की गई जमीन से करीब 120 मीटर बाहर जाकर खोदाई की गई। यह खोदाई वन भूमि पर की गई है जो वन विभाग के अधीन है। ऐसे में अब मामला वन भूमि पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण का बन रहा है। इस पर वन विभाग कार्रवाई करेगा। जिला प्रशासन ने जांच रिपोर्ट आगामी कार्रवाई के लिए वन विभाग के शिमला ग्रामीण मंडल को भेज दी है।
ढली-कैथलीघाट फोरलेन निर्माण को लेकर जिला प्रशासन को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं। आरोप है कि फोरलेन का निर्माण कर रही कंपनी ने कई स्थानों पर अधिग्रहण की गई जमीन से बाहर जाकर भी कटिंग कर दी है। इन आरोपों की सच्चाई जानने के लिए जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर जांच बिठाई थी। राजस्व अधिकारियों की मदद से ढली से कैथलीघाट तक अधिग्रहीत की गई जमीन की निशानदेही करवाई गई। इसमें सामने आया कि कई स्थानों पर अधिग्रहीत जमीन से बाहर निर्माण हुआ है। जिला प्रशासन ने एसडीएम ग्रामीण के जरिये फाइल वन विभाग को भेज दी है।
एनएचएआई का दावा नहीं किया अवैध निर्माण
एनएचएआई का दावा है कि अधिग्रहण की गई जमीन के भीतर ही निर्माण हो रहा है। बाहर जाकर निर्माण करने के आरोप गलत हैं। एनएचएआई के प्रोजेक्ट निदेशक आनंद कुमार का कहना है कि फोरलेन कंपनी नियमों के तहत ही काम कर रही है। अधिग्रहण की गई जमीन पर ही काम हुआ है।
फोरलेन निर्माण पर सरकार लेगी फैसला
शहर के भट्ठाकुफर क्षेत्र में सड़क का एक हिस्सा धंसने के बाद यहां फोरलेन निर्माण पर रोक लगा दी गई है। इस क्षेत्र के ठीक नीचे फोरलेन की बड़ी टनल बन रही है। अभी इस टनल की करीब 500 मीटर अंदर तक ही खोदाई हुई है। जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों के विरोध के बाद इसके निर्माण पर फिलहाल रोक लगा दी है। सरकार ने भी इस मामले पर जांच बिठाई है जिसमें पता लगाया जा रहा है कि आखिर इस क्षेत्र में हो रहे धंसाव का असली कारण क्या है। लोग कह रहे हैं कि टनल निर्माण से यहां जमीन धंस रही है। जिला प्रशासन ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम भी मौके पर बुलाई है जो धंसाव के कारणों पर 14 दिन के भीतर रिपोर्ट देगी। यह रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। सरकार फोरलेन निर्माण पर आगामी फैसला लेगी।
वन विभाग करेगा कार्रवाई
जिला प्रशासन की ओर से करवाई गई निशानदेही में पाया गया है कि अधिगृहित की गई जमीन से बाहर वन भूमि पर निर्माण हुआ है। इस पर अब वन विभाग कार्रवाई करेगा। विभाग को इसकी फाइल भेज दी गई है। - अनुपम कश्यप, उपायुक्त, शिमला