Himachal: विधानसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद होगा मंत्रिमंडल का विस्तार, जानिए क्या है सरकार का प्लान
नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार ने नियुक्ति से पहले विधानसभा उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया है तो यह पद रिक्त हो गया है।
विस्तार
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति पर बहुप्रतीक्षित फैसला लेने के बाद अब जल्द ही राज्य विधानसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति होगी। इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। यानी जल्दी दो विधायकों की फिर ताजपोशी होने वाली है। नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार ने नियुक्ति से पहले विधानसभा उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया है तो यह पद रिक्त हो गया है। कैबिनेट मंत्री का तो एक पद पहले से ही खाली चल रहा है। सुक्खू सरकार के तीन साल पूरा होने से पहले विधानसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है। यह आगामी दिनों में कभी भी की जा सकती है तो दूसरी नियुक्ति सुक्खू सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के दौरान या इसके बाद करने की तैयारी है।
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले हो सकती है नियुक्ति
शिमला संसदीय क्षेत्र के सिरमौर जिले की रेणुका विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक विनय कुमार विधानसभा उपाध्यक्ष थे। वह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं। इससे विधानसभा उपाध्यक्ष का पद खाली होने के बाद अब यह पहेली बूझी जा रही है कि क्या विधानसभा के शीत सत्र से पहले रिक्त हुए इस पद को भरा जाएगा या उसके बाद ही इस पर निर्णय होगा। समय कम है, धर्मशाला के तपोवन में इसी बुधवार से राज्य विधानसभा का शीत सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में संभवतया यह नियुक्ति सत्र के बीच में या इसके बाद भी की जा सकती है। सुक्खू सरकार के सत्ता में आने के बाद भी काफी वक्त तक विधानसभा उपाध्यक्ष का पद खाली रह चुका है। इतना तय माना जा रहा है कि यह नियुक्ति मंत्रिमंडल विस्तार से पहले की जा सकती है।
नई ऊंचाइयों को छुएगी कांग्रेस पार्टी : सुक्खू
शिमला। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी रविवार को नव नियुक्त अध्यक्ष विनय कुमार से रविवार को भेंट हुई। सीएम ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी कमेटी विनय कुमार के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों पर जाएगी। वहीं कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष विनय कुमार ने रविवार को ओकओवर शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात की। विनय सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में कार्यभार संभालेंगे। विनय कुमार को शनिवार को कांग्रेस हाईकमान ने अध्यक्ष बनाया है।
शिमला संसदीय क्षेत्र से नहीं होगा उपाध्यक्ष
राजनीति के विशेषज्ञों के अनुसार विधानसभा उपाध्यक्ष शिमला संसदीय क्षेत्र से नहीं बनेगा, यहां से पहले ही काफी नियुक्तियां की जा चुकी हैं। सुक्खू मंत्रिमंडल के सबसे अधिक पांच मंत्री इसी संसदीय क्षेत्र से हैं। इनके अलावा दो अन्य नेताओं को कैबिनेट रैंक भी दिया गया है। अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी यहीं से हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र में तो मंत्री का एक पद ड्रॉप करने की भी तैयारी चल रही थी। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों हैं यहां से भी विधानसभा उपाध्यक्ष और मंत्री बनाने की संभावना कम है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र और मंडी संसदीय क्षेत्र से ही विधानसभा उपाध्यक्ष और मंत्री बनाए जा सकते हैं। अगर विधानसभा उपाध्यक्ष मंडी से बने तो मंत्री कांगड़ा से हो सकता है। इसी तरह अगर मंत्री कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से बना तो विधानसभा उपाध्यक्ष मंडी से बनाया जा सकता है।
जातीय संतुलन के लिए बनाए जा सकते हैं दो कार्यकारी अध्यक्ष
शिमला संसदीय क्षेत्र के सिरमौर जिले से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष नियुक्त कर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधे जा सकते हैं। नए प्रदेश कार्यकारी अध्यक्षों पर निर्णय नए विधानसभा उपाध्यक्ष और नए कैबिनेट मंत्री की नियुक्ति पर भी निर्भर करेगा कि उन्हें किन-किन जिलों से की बनाया जाना है। माना जा रहा है कि कार्यकारी अध्यक्ष कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी संसदीय क्षेत्रों के तहत आने वाले शेष आठ जिलों में से ही कहीं से भी बनाए जा सकते हैं। कार्यकारी अध्यक्षों का यह प्रयोग कांग्रेस निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ भी पहले कर चुकी है। अनुसूचित जाति का अध्यक्ष होने पर कार्यकारी अध्यक्ष राजपूत, ब्राह्मण या अन्य समुदाय से बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री राजपूत, उप मुख्यमंत्री ब्राह्मण और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अनुसूचित जाति से हैं तो अन्य समुदायों को कार्यकारी अध्यक्षों के पदों पर तरजीह दी जा सकती है, जिससे क्षेत्रीय के साथ जातीय संतुलन भी साधा जा सके।