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HP Assembly Session: जगत नेगी बोले- पटवारी के 645 पद भरने का प्रस्ताव चयन आयोग को भेजा

अमर उजाला ब्यूरो, तपोवन (धर्मशाला)। Published by: Krishan Singh Updated Wed, 03 Dec 2025 05:52 PM IST
सार

प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र में बुधवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में कहा कि प्रदेश में पटवारियों के बहुत अधिक पद रिक्त हैं। 

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HP Assembly Session: Jagat Negi said – Proposal to fill 645 Patwari posts sent to the Selection Commission
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र में बुधवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में पटवारियों के बहुत अधिक पद रिक्त हैं। पूर्व की भाजपा सरकार ने भर्तियों ही नहीं की। इस कारण काम भी प्रभावित हो रहा है। भाजपा विधायक इंद्रदत्त लखनपाल के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में पटवारी के 645 पद भरने को मंजूरी दी गई है। भर्तियां करने के लिए आयोग को प्रस्ताव भेज दिया है। वर्तमान की कांग्रेस सरकार ने राजस्व विभाग में कई सुधार किए हैं। लैंड रेवेन्यू एक्ट को बदला गया है। डिमार्केशन की समय सीमा तय की गई है, निर्धारित समय पर यह काम नहीं होने पर कार्रवाई करने का भी प्रावधान है। प्रदेश में राजस्व अदालतें लगाई जा रही है। बीते समय के दौरान लाखों इंतकाल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि बंदोबस्त में जरूर कुछ समय लग रहा है, इसे बढ़ाने के लिए मॉडर्न टूल्स प्रयोग करने का फैसला लिया है। रोबोट की भी मदद ली जाएगी। प्रदेश में पटवारी के 628 पद रिक्त हैं। सेवानिवृत हो चुके काबिल लोगों की भी सेवाएं ली जा रही है। उन्होंने विधायक से आग्रह किया कि भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें हटाया भी जाएगा। इससे पूर्व विधायक लखनपाल ने कहा कि तहसील कार्यालयों में डाॅक्यूमेंट राइटर ज्यादा फीस वसूल रहे हैं। 

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भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था हमीरपुर भर्ती आयोग
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि हमीरपुर भर्ती आयोग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। पूर्व की भाजपा सरकार ने इस मामले पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बोर्ड को भंग किया गया। लोक सेवा आयोग के माध्यम से क्लास- 3 के पदों पर भर्ती करवाई गई। अब हमीरपुर आयोग पूरी तरह से अस्तित्व में आ गया है। विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इससे पूर्व प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक जनकराज ने कहा कि हमीरपुर आयोग से संबंधित सवाल को उन्होंने बीते सत्र में भी लगाया था। तब भी सरकार की ओर से सूचना नहीं दी गई आज भी सूचना एकत्र किए जाने की बात कही गई है। इस पर नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 2 साल से सूचना नहीं मिलना दुखद है। विधायकों का अधिकार है कि वह सवाल करें कि सूचना मिलने में और कितना समय लगेगा।

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ठियोग में होटल और रिजॉर्ट निर्माण से बंद हुए गांव के रास्ते : राठौर
कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने प्रश्नकाल के दौरान धारा 118 से संबंधित मामला उठाते हुए कहा कि शिमला के बाद अब ठियोग में होटल और रिजॉर्ट बनने का काम तेजी से चल रहा है। वन भूमि पर कब्जे हो रहे हैं, गांवों की सड़क बंद कर दी गई हैं। आवाज उठाने पर बाउंसर बुलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों के कारण क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। सीएसआर का पैसा भी क्षेत्र में खर्च नहीं हो रहा। 70 फीसदी स्थानीय युवाओं को भी नौकरी नहीं दी जा रही। इसके अलावा प्राकृतिक जल स्रोत भी दूषित हो रहे हैं। जवाब में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि ठियोग में धारा 118 के तहत 16 स्वीकृतियां दी गई हैं। अगर किसी क्षेत्र में गांव के रास्ते रोके जा रहे हैं तो पंचायत को शक्तियां दी गई है कि वह इस पर कार्रवाई करें। 

ड्यूटी पर मृत्यु के दौरान बिजली बोर्ड देता है पांच लाख रुपये
 इंदौरा से कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य बिजली बोर्ड में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत तकनीकी कर्मियों को विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से नियुक्त किया जाता है। डयूटी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर ऐसे मामलों में बोर्ड की ओर से पांच लाख रुपये राहत के रूप में दिए जाने का प्रावधान है। आउटसोर्स तकनीकी कर्मी ईएसआई स्कीम में कवर होते हैं। इन्हें बीमा के सभी लाभ भी प्राप्त होते हैं। 

वन अधिकार मामले में पटवारी की अध्यक्षता में बनी है कमेटी
 राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम 2006 भूमि वितरित या आवंटित करने का अधिनियम नहीं है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पारंपरिक वन निवासियों जो 13 दिसंबर 2005 से पहले वन भूमि पर निवास कर रहे हैं और अपनी वास्तविक आजीविका आवश्यकताओं के लिए उस भूमि पर निर्भर हैं, उनके वन अधिकारों को एक निर्धारित प्रक्रिया को पूर्ण कर मान्यता देता है। विधायक जीतराम कटवाल के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री नेगी ने कहा कि इस बाबत पटवारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई।

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