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Shimla News: आरटीओ ऑफिस में वाहनों के पंजीकरण में गड़बड़झाला, फर्जी दस्तावेजों पर जारी कर दी 4 ट्रकों की आरसी

देवेंद्र ठाकुर, शिमला। Published by: शिमला ब्यूरो Updated Tue, 14 Oct 2025 11:03 AM IST
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सार

आरटीओ शिमला कार्यालय में चार ट्रकों को फर्जी दस्तावेजों और बिना भौतिक सत्यापन के आरसी जारी कर दी गईं। पढ़ें पूरी खबर...

RC issued to trucks on fake documents, FIR registered
आरटीओ कार्यालय शिमला। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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आरटीओ शिमला कार्यालय में वाहनों के पंजीकरण में बड़े गड़बड़झाले का मामला सामने आया है। विजिलेंस ब्यूरो की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि चार ट्रकों को फर्जी दस्तावेजों और बिना भौतिक सत्यापन के आरसी जारी कर दी गईं। विजिलेंस ने इस मामले में वाहन मालिकों, निजी कंपनियों समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्जकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। मामले में आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता को लेकर भी गहनता से जांच की जा रही है। 


 विजिलेंस की जांच के मुताबिक एचपी 63 डी 5642, एचपी 63 डी 5842, एचपी 63 एफ 2342 और एचपी 63 डी 3842 नंबर ट्रक अशोक लीलैंड कंपनी की अंबाला की एक एजेंसी से खरीदे गए। इसके बाद चेसिस पर टैंकर फ्रेब्रिकेशन का काम साई फेब्रिकेशन एंड इंजीनियरिंग वर्क्स हिसार और सूर्या टैंक एंड एलाइड इंडस्ट्रीज पठानकोट ने किया। वाहन मालिकों ने दावा किया कि इन ट्रकों को शिमला में भौतिक सत्यापन (किसी व्यक्ति, संपत्ति या दस्तावेज का वास्तविक निरीक्षण) के लिए लाया था।
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इस दौरान टोल टैक्स का भुगतान नकद में चालकों ने किया। लेकिन टोल रसीदें उपलब्ध नहीं हैं। उस समय इन वाहनों के अस्थायी नंबर टी 0724 एचआर 1112 बीबी, टी 0724 एचआर 3440 बीबी, टी 724 एचआर 3447 बीबी, और टी 0724 एचआर 3699 एजेड थे।  विजिलेंस ने मामले की छानबीन की तो पता चला कि 17 जुलाई से 21 जुलाई के बीच सनवारा टोल बैरियर परवाणू से इनमें से कोई भी वाहन गुजरा ही नहीं। इस समय अवधि में चारों वाहनों को भौतिक सत्यापन के लिए शिमला लाने का दावा किया था, उस समय सभी ट्रकों में अस्थायी नंबर प्लेट लगी थीं। प्रारंभिक जांच में आए तथ्यों से पता चला कि वाहनों को शिमला में भौतिक सत्यापन के लिए लाया ही नहीं गया। 

आरोप है कि आरटीओ शिमला कार्यालय ने बिना सत्यापन के पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किए। साई फेब्रिकेशन पर वाहन मालिकों के साथ मिलकर फर्जी रिकॉर्ड तैयार करने के आरोप हैं। इसमें ट्रकों की कारखाने में आने की तारीख को अशोक लीलैंड अंबाला की ओर से जारी गेट पास की तारीख से दो दिन पहले का दिखाया गया।   मामले में आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। इसको लेकर भी विजिलेंस छानबीन कर रही है।

पुलिस ने प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आधार पर वाहन मालिक अनुपम चंडोक, उमंग चंडोक, साई फेब्रिकेशन एंड इंजीनियरिंग वर्क्स हिसार हरियाणा के अधिकारियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया है। विजिलेंस के मुताबिक इस मामले में सरकारी अधिकारियों की संलिप्तताा पाए जाने पर पीसी एक्ट के तहत पूर्व मंजूरी लेकर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जांच में ये तथ्य भी आए सामने
साई फैब्रिकेशन एंड इंजीनियरिंग वर्क्स हिसार ने दावा किया था कि ट्रक नंबर एचपी 63 डी-5642 और एचपी 63 डी-5842 15 जुलाई 2025 और ट्रक नंबर एचपी 63 एफ-2342 8 जुलाई 2025 को उनके कारखाने में आए थे। इन ट्रकों पर टैंक फिटिंग का कार्य करने के बाद फॉर्म 22 ए जारी किया गया। फिटनेस और पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) प्राप्त करने के बाद यह ट्रक फिर से इंजीनियरिंग निरीक्षण और सुरक्षा फिटिंग के लिए कारखाने में आए। जांच में पाया गया कि साई फेब्रिकेशन ने कोई गेट एंट्री/एग्जिट रजिस्टर नहीं रखा है। इसके बावजूद ट्रकों के प्रवेश और निकास से संबंधित दस्तावेज आश्चर्यजनक रूप से सटीक प्रदान किए गए जो संदेहास्पद है।

डेरा बस्सी के व्यक्ति  की शिकायत पर जांच
विजिलेंस को अप्रैल में बलविंद्र सिंह निवासी डेराबस्सी पंजाब ने इस मामले को लेकर लिखित शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीओ कार्यालय शिमला की ओर से कई सर्टिफिकेट और आरसी बिना भौतिक सत्यापन के जारी किए हैं और इस दौरान उचित प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया है। विजिलेंस ने शिकायत की पहले प्रारंभिक जांच की। इसमें पता चला कि शिकायतकर्ता ने फर्म के माध्यम से (आईओसीएल) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से जारी टेंडर के लिए आवेदन किया था लेकिन टेंडर उनकी फर्म को नहीं मिला और इन चारों गाड़ियों के मालिकों को मिल गया था। विजिलेंस ने जब मामले की जांच की तो लगाए गए आरोपों के बारे में कई महत्वपूर्ण तथ्य मिले। इसी आधार पर विजिलेंस ने मामले में केस दर्जकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।  
 
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