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Tejas Crash Dubai: नमंश स्याल की मां बोलीं- बेटे को डिब्बे में डालकर ले आई, ... मेरी गोद खाली हो गई

संवाद न्यूज एजेंसी, धर्मशाला Published by: Krishan Singh Updated Mon, 24 Nov 2025 10:10 AM IST
सार

कांगड़ा में उनके पैतृक गांव पटियालकड़ में नमंश की पत्नी अफशान अख्तर (विंग कमांडर) ने अपने वीर पति को नम आंखों से अंतिम सैल्यूट दिया। 

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Tejas Crash Dubai: Namansh Syal mother said – I brought my son in a box, my lap became empty
बेटे नमंश की पार्थिव देह से लिपट कर विलाप करते हुए मां वीना देवी। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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दुबई एयर शो में तेजस विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमंश स्याल को रविवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। कांगड़ा में उनके पैतृक गांव पटियालकड़ में नमंश की पत्नी अफशान अख्तर (विंग कमांडर) ने अपने वीर पति को नम आंखों से अंतिम सैल्यूट दिया। यह सैल्यूट केवल एक सैन्य अधिकारी का नहीं, बल्कि वीरांगना पत्नी का अपने जीवन साथी को सर्वोच्च सम्मान था। इस दौरान उनकी गुमसुम सी सात वर्षीय बेटी आर्या भी मां के साथ मौजूद थी। वहीं, मां बेटे की पार्थिव देह से लिपटकर फूट-फूटकर रोई। पिता भी आंसू नही रोक सके। यह देख वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो गईं।

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 पार्थिव देह के साथ लिपटकर फूट-फूटकर रोई मां
पार्थिव देह के साथ घर पहुंचीं नमंश की माता वीना देवी यही कहती रही कि मैं अपने बेटे को डिब्बे में डालकर ले आई। मेरी गोद खाली हो गई, मेरा घर सूना हो गया, इतना बड़ा घर किसके लिए बनाया। जब लोगों और सैन्य अधिकारियों ने फूल चढ़ाकर नमंश को श्रद्धांजलि दी तो मां ने कहा-दो फूल अपने सीने से लगा लूंगी, जिससे थोड़ी राहत मिल सके।

पिता बोले-मैंने बेटा, देश ने एक पायलट खो दिया मैंने अपना बेटा
खोया है और देश ने होनहार पायलट। विंग कमांडर नमंश के पिता जगन्नाथ ने कहा कि अब जरूरी है कि मैं स्वयं को संभालू और बहू को भी संभालूं। कहा-नमंश होनहार बेटा था और उन्होंने कभी मार नहीं खाई और न निराश किया। जिस भी प्रतियोगिता में गए, वहां अव्वल रहे। दुर्घटना के बारे में उन्होंने कहा कि यह तकनीकी विषय है और इस बारे में सरकार जांच कर रही है।

ग्रामीण बोले-नमंश जैसा बेटा हर गांव को मिले
ग्रामीण अशोक कुमार ने बताया कि नमंश बेहद ही मिलनसार व्यक्ति थे। गांव के शादी या अन्य समारोह में नमंश पूरा काम करते। जूठे पत्तल और गिलास उठाते। उनके जैसे बेटा हर गांव को मिले, जिससे गांव का सुधार हो सके। रिश्तेदारी में उनके जीजा अशोक कुमार ने बताया कि नमंश का जाना देश के साथ क्षेत्र के लिए क्षति है। नमंश जैसे बेटा मिलना हर किसी के लिए गर्व भी बात है। नमंश लोगों के साथ पशुओं से भी काफी लगाव रखते थे। जब घर आते तो गोशाला में पशुओं के साथ भी काफी समय बिताते। नमंश युवाओं को हमेशा भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा के लिए प्रेरित करते। हर किसी को उन पर गर्व है। अंतिम बार करीब चार माह पहले अपनी बेटी के साथ गांव आए और एक माह तक यहीं रहे। किसने नहीं सोचा था कि यह उनके साथ आखिरी मुलाकात होगी।

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