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Hindi News ›   Spirituality ›   Festivals ›   Chhath Puja 2025 Chhathi Maiya Aarti Lyrics in Hindi for Devotional Singing Jai Chhathi Maiya

Chhathi Maiya Ki Aarti: ऊ जे केरवा जे फरेला घवद से… छठ पूजा के दौरान जरूर पढ़ें छठी मैया की आरती

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: श्वेता सिंह Updated Sun, 26 Oct 2025 10:24 PM IST
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सार

Chhathi Maiya Aarti: छठ पर्व में सूर्य देव और छठी मईया की पूजा की जाती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य मिलता है। छठी मईया की आरती पढ़ना या सुनना भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्रदान करता है।
 

Chhath Puja 2025 Chhathi Maiya Aarti Lyrics in Hindi for Devotional Singing Jai Chhathi Maiya
Chhathi Maiya Ki Aarti - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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Chhathi Maiya Aarti Lyrics in hindi: छठ पर्व सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण चार दिवसीय महापर्व है, जिसमें विशेष रूप से सूर्य देव और छठी मईया की पूजा की जाती है। इस दौरान भक्त निर्जला व्रत रखते हैं और माता रानी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, छठी मईया सूर्य देव की बहन और ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं, और उनकी आराधना करने से जीवन में लंबी उम्र, स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और परिवार में खुशहाली आती है।


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छठी मईया की पूजा का एक अहम हिस्सा उनकी आरती पढ़ना या सुनना भी है। इसे करने से भक्तों और उनके परिवार, विशेषकर बच्चों, को माता रानी का विशेष आशीर्वाद मिलता है। छठ पूजा में आरती का महत्व इतना अधिक है कि इसे सुनना या गाना भक्तों के मन को शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है। आइए अब जानते हैं छठी मईया की आरती के सही लिरिक्स।
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छठी मईया की आरती 
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥

अमरुदवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥

ऊ जे सेववा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥


डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। 

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