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Gupt Navratri 2025: आज से गुप्त नवरात्रि आरंभ, देवी कृपा पाने के लिए ज़रूर अपनाएं ये नियम
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Thu, 26 Jun 2025 02:32 PM IST
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सार
Do's and Don'ts of Gupt Navratri: 26 जून से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि शुरू हो गई है, जिसमें देवी दुर्गा की 10 महाविद्याओं की विशेष साधना की जाती है। इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि साधना का पूर्ण फल मिल सके।

Gupt Navratri Mein Kya Karein Kya Na Karein
- फोटो : adobe
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विस्तार
Gupt Navratri Mein Kya Karein Kya Na Karein: आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 26 जून 2025 से शुरू हो चुकी है। यह नवरात्रि तांत्रिक साधना और देवी उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। नौ दिनों तक मां दुर्गा की दस महाविद्याओं जैसे काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की गुप्त रूप से आराधना की जाती है। यह समय साधकों के लिए आत्मिक बल, तंत्र-मंत्र की सिद्धि और विशेष ऊर्जा प्राप्ति का अवसर लेकर आता है। जो साधना वर्षभर नहीं की जा सकती, वह इन नौ दिनों में विशेष फलदायक मानी जाती है।

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हालांकि, गुप्त नवरात्रि की पूजा में सावधानी और अनुशासन बेहद आवश्यक होता है। साधना में पवित्रता, ब्रह्मचर्य, संयमित आहार और शुद्ध मानसिकता का पालन करना अनिवार्य है। व्रत रखने वालों को क्रोध, झूठ और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। इस दौरान किसी भी प्रकार की तामसिक चीज़ों से परहेज जरूरी होता है, जैसे लहसुन-प्याज, मांस-मदिरा आदि। साथ ही, देवी की पूजा में नियमों का उल्लंघन करने से साधना में विघ्न आ सकता है। इसलिए अगर आप गुप्त नवरात्रि में पूजा या साधना कर रहे हैं, तो नियमों और मर्यादा का विशेष ध्यान रखें, तभी मां की कृपा और साधना का पूर्ण फल प्राप्त होगा।
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Gupt Navratri Mein Kya Karein Kya Na Karein
- फोटो : freepik
गुप्त नवरात्रि में क्या करें
- गुप्त नवरात्रि में दुर्गा माता की 10 महाविद्याओं जैसे मां काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी आदि की साधना की जाती है। यह साधना शक्तिशाली और रौद्र स्वरूप की होती है, इसलिए बिना गुरु के इसे करने से बचना चाहिए।
- जो व्यक्ति तंत्र और मंत्र की विधियों को अच्छी तरह समझते हैं और सांसारिक इच्छाओं से ऊपर हैं, वे इस समय विशेष साधना कर शुभ फल पा सकते हैं।
- गृहस्थ व्यक्ति इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें, योग का अभ्यास करें और नियमित मंत्र जाप करें ताकि माता की कृपा बनी रहे।
- इस नौ दिनों में शुद्ध और सात्विक भोजन करें। मांसाहार, शराब और तामसिक भोजन से दूर रहें, क्योंकि ये साधना में बाधा डालते हैं।
- दुर्गासप्तशती, दुर्गा चालीसा, अर्गला स्तोत्र जैसे ग्रंथों का नियमित पाठ करें, इससे मानसिक शांति और साधना में शक्ति मिलती है।
- राहु, केतु और शनि के नकारात्मक प्रभाव दूर करने के लिए गुप्त नवरात्रि का समय श्रेष्ठ माना जाता है। इन ग्रहों की शांति हेतु विशेष पाठ और हवन करें।
- माता को प्रसन्न करने के लिए दीपदान करें। साथ ही पवित्र नदियों या जल स्रोतों में स्नान और ध्यान करना भी लाभकारी होता है।
- गुप्त नवरात्रि में छोटी कन्याओं को उपहार या भोजन देकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करें। यह विधि अत्यंत शुभ मानी जाती है।

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गुप्त नवरात्रि में क्या न करें
- गुप्त नवरात्रि के दौरान शरीर और मन को शुद्ध रखना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए सभी लोगों को कामवासना से दूर रहना चाहिए। वासनात्मक विचार मन पर हावी न हों, इसके लिए नियमित योग और ध्यान का अभ्यास करें।
- कुछ लोग बिना सही ज्ञान और मार्गदर्शन के गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक क्रियाएँ करने लगते हैं, जो खतरनाक हो सकती हैं। इसलिए तांत्रिक साधना केवल योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करें।
- गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है, इसलिए इस अवधि में इससे बचें।
- इस पवित्र समय में किसी भी स्त्री का अपमान या आलोचना न करें। यह न केवल देवी की नाराजगी का कारण बन सकता है, बल्कि घर में अशांति भी फैलाता है।
- इस दौरान परिवार में शांति बनाए रखें, लड़ाई-झगड़ा और विवादों से दूर रहें ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
- नकारात्मक और द्वेषपूर्ण सोच से बचें, क्योंकि इससे साधना का प्रभाव कम हो सकता है।
- यदि आप माता की पूजा या मंत्र जाप कर रहे हैं तो भोजन में मांसाहार, प्याज, लहसुन, शराब आदि से बचना जरूरी है। यह साधना में बाधक होते हैं और देवी को प्रसन्न नहीं करते।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
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