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Sheetala Ashtami 2019 : शीतला माता के इस महामंत्र से मिलेगा सुखी और निरोगी होने का वरदान
पं. जयगोविंद शास्त्री, ज्योतिषविद्
Published by: Madhukar Mishra
Updated Wed, 27 Mar 2019 02:05 PM IST
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Sheetala Ashtami 2019
चैत्र कृष्णपक्ष अष्टमी को महाशक्ति के अनंतरूपों में से प्रमुख शीतला माता की पूजा, साधना प्राचीनकाल से ही की जाती रही है। गृहस्थों के लिए मां की आराधना दैहिक तापों ज्वर, राजयक्ष्मा, संक्रमण तथा अन्य विषाणुओं के दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाती हैं।इस दिन की जाने वाली साधना से प्रसन्न होकर माता शीतला ज्वर, चेचक, कुष्ठ रोग, दाहज्वर, पीतज्वर, फोड़े तथा अन्य चर्मरोगों से मुक्त होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
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Sheetala Ashtami 2019
दैहिक तापों से मुक्त करतीं हैं मां शीतला
इस व्रत को करने वाले साधक ही नहीं बल्कि उसके कुल में भी यदि कोई असाध्य रोगों से पीड़ित हो, तो माता के आशीर्वाद से वह दूर हो जाते हैं। मां शीतला की कृपा से देह अपना धर्माचरण कर पाता है। बगैर मां शीतला माता की अनुकंपा के देहधर्म संभव ही नहीं है। ऋषि-मुनि-योगी भी इनका स्तवन करते हुए कहते हैं कि
''शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।
अर्थात् - हे माता शीतला! आप ही इस संसार की आदि माता हैं, आप ही पिता हैं और आप ही इस चराचर जगत को धारण करतीं हैं, अतः आप को बारंबार नमस्कार है।
इस व्रत को करने वाले साधक ही नहीं बल्कि उसके कुल में भी यदि कोई असाध्य रोगों से पीड़ित हो, तो माता के आशीर्वाद से वह दूर हो जाते हैं। मां शीतला की कृपा से देह अपना धर्माचरण कर पाता है। बगैर मां शीतला माता की अनुकंपा के देहधर्म संभव ही नहीं है। ऋषि-मुनि-योगी भी इनका स्तवन करते हुए कहते हैं कि
''शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।
अर्थात् - हे माता शीतला! आप ही इस संसार की आदि माता हैं, आप ही पिता हैं और आप ही इस चराचर जगत को धारण करतीं हैं, अतः आप को बारंबार नमस्कार है।
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Sheetala Ashtami 2019
पौराणिक मंत्र से पूरी होगी निरोगी होने की चाह
माता शीतला का यह पौराणिक मंत्र ''ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः'' भी प्राणियों को सभी संकटों से मुक्ति दिलाते हुए समाज में मान-सम्मान, पद एवं गरिमा की वृद्धि कराता है। जो भी भक्त भक्ति-भाव से शीतला मां की नित्यप्रति आराधना करते हैं, मां उन पर अनुग्रह करती हुई, उनके घर-परिवार की सभी विपत्तियों से रक्षा करती हैं।
माता शीतला का यह पौराणिक मंत्र ''ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः'' भी प्राणियों को सभी संकटों से मुक्ति दिलाते हुए समाज में मान-सम्मान, पद एवं गरिमा की वृद्धि कराता है। जो भी भक्त भक्ति-भाव से शीतला मां की नित्यप्रति आराधना करते हैं, मां उन पर अनुग्रह करती हुई, उनके घर-परिवार की सभी विपत्तियों से रक्षा करती हैं।
Sheetala Ashtami 2019
माता शीतला का वंदना मंत्र
माता शीतला का ध्यान करते हुए शास्त्र कहते हैं कि —
वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।
मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।
अर्थात्, मैं गर्दभ पर विराजमान, दिगंबरा, हाथ में झाड़ू तथा कलश धारण करने वाली, सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला की वंदना करता हूं। इस वंदना मंत्र से यह पूर्णत: स्पष्ट हो जाता है कि ये स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं। हाथ में झाड़ू होने का अर्थ है कि हम लोगों को भी सफाई के प्रति जागरूक होना चाहिए। कलश में सभी तैतीस करोड़ देवी देवाताओं का वास रहता है, अतः इसके स्थापन-पूजन से घर-परिवार में समृद्धि आती है।
माता शीतला का ध्यान करते हुए शास्त्र कहते हैं कि —
वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।
मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।
अर्थात्, मैं गर्दभ पर विराजमान, दिगंबरा, हाथ में झाड़ू तथा कलश धारण करने वाली, सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला की वंदना करता हूं। इस वंदना मंत्र से यह पूर्णत: स्पष्ट हो जाता है कि ये स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं। हाथ में झाड़ू होने का अर्थ है कि हम लोगों को भी सफाई के प्रति जागरूक होना चाहिए। कलश में सभी तैतीस करोड़ देवी देवाताओं का वास रहता है, अतः इसके स्थापन-पूजन से घर-परिवार में समृद्धि आती है।
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Sheetala Ashtami 2019
जनकल्याण के लिए जपें शीतलाष्टक
स्कन्द पुराण में इनकी अर्चना का स्तोत्र ''शीतलाष्टक'' के रूप में प्राप्त होता है। इस स्तोत्र की रचना भगवान शंकर ने जनकल्याण के लिए की थी। शीतलाष्टक शीतला देवी की महिमा गान करता है। साथ ही उनकी उपासना के लिए भक्तों को प्रेरित भी करता है। मां शीतला की आराधना मध्य भारत एवं उत्तरपूर्व के राज्यों में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।
स्कन्द पुराण में इनकी अर्चना का स्तोत्र ''शीतलाष्टक'' के रूप में प्राप्त होता है। इस स्तोत्र की रचना भगवान शंकर ने जनकल्याण के लिए की थी। शीतलाष्टक शीतला देवी की महिमा गान करता है। साथ ही उनकी उपासना के लिए भक्तों को प्रेरित भी करता है। मां शीतला की आराधना मध्य भारत एवं उत्तरपूर्व के राज्यों में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।