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Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या आज, पितरों की आत्म शांति के लिए इस विधि से करें पूजा

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: मेघा कुमारी Updated Mon, 02 Sep 2024 06:04 AM IST
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सार

Somvati Amavasya 2024: पंचांग के अनुसार इस बार भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर 2024 को है। इस दिन सोमवार पड़ने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा।

Somvati Amavasya 2024 puja vidhi shubh muhurat know Pitra Dosh Upay
Somvati Amavasya 2024 - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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Somvati Amavasya 2024: हर माह में आने वाली अमावस्या तिथि को सभी दिनों में विशेष माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा शांति के लिए पूजा पाठ से जुड़े कार्य किए जाते हैं, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पितरों को प्रसन्न और उनका आशीर्वाद पाने के लिए अमावस्या तिथि पर स्नान, दान से जुड़े कार्य करने चाहिए। साल में 12 अमावस्याएं मनाई जाती हैं, जिनमें भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि को सबसे खास माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती हैं।

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पंचांग के अनुसार इस बार भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर 2024 को है। इस दिन सोमवार पड़ने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा। कुछ क्षेत्रों में इसे भादो अमावस्या या भादी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है, इसलिए उसे सपूंर्ण विधि से करना चाहिए। ऐसे में आइए पूजा विधि के बारे में जान लेते हैं।

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सोमवती अमावस्या मुहूर्त 
भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि आरंभ: 2 सितंबर 2024, प्रातः 05 बजकर 21 मिनट पर 
भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि  समाप्त: 3 सितंबर 2024, प्रातः  07 बजकर 24 मिनट पर 
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04.38 - सुबह 05.24
पूजा मुहूर्त - सुबह 06.09 - सुबह 07.44

सोमवती अमावस्या पूजन विधि 
सोमवती अमावस्या पर सूर्योदय से पहले नदी में स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें। इस दौरान कर्मकांड के साथ अपने पितरों का तर्पण करें। फिर कच्चे दूध में दही और शहद मिलाकर महादेव का अभिषेक करें। इस दौरान चौमुखी घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ और आरती करें। सोमवती अमावस्या पर अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करना अति शुभ होता है, इसलिए व्रत रखें। इस दौरान अपनी श्रद्धा अनुसार दान करें।

जरूर करें ये तीन काम

  • अमावस्या के दिन दोपहर में पितरों को धूप दान करना चाहिए। इससे वह अपने वंशजों को आशीर्वाद देने आते हैं।
  • इस दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए। इसके बाद शाम में भी दीपक जलाएं। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
  • सोमवती अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न का दान करना चाहिए। ऐसा करना शुभ होता है।

 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। 

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